28.8.19

च्यवनप्राश है सेहत की संजीवनी जानें इसके फायदे




आज के प्रदूषण भरे जीवन में स्वस्थ रहना हम सबके लिए एक चुनौती बन गया है। एक ऐसा शरीर जो हर बीमारी से लड़ने की क्षमता रखता हो हर किसी का सपना होता है। पुराने समय में जब जीवन के ज़्यादातर पहलू आयुर्वेद पर आधारित जीवनशैली से जुड़े हुए होते थे सर्दियों का मौसन आते ही सभी लोग च्यवनप्राश खाना शुरू कर देते थे। यहाँ तक कि च्यवनप्राश घर पर भी बनाया जाता था और बच्चों से ले कर बूढ़ों तक की रोजाना की खुराक में शामिल था। आप में से कई लोगों ने शायद यह कहानी सुनी होगी कि प्राचीन काल में इस अद्भुद आयुर्वेदिक फ़ौर्मूले का सेवन करके एक बहुत वृद्ध ऋषि जिनका नाम च्यवन था ने दोबारा युवावस्था प्राप्त की और उन्हीं के नाम पर इसे च्यवनप्राश नाम दिया गया।
 
च्यवनप्राश आंवला एवं विभिन्न तरह की जड़ी-बूटियों एवं अन्य सामग्री को मिलाकर बना एक जैम है। यह रंग में काला या भूरा जैम की तरह दिखता है। सर्दियों में विशेषरूप से लोग च्यवनप्राश खाते हैं क्योंकि यह सर्दियों में च्यवनप्राश शरीर को गर्म रखता है, साथ ही सेहत को भी कई मायनों में फायदा पहुंचाता है। च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से महिलाओं के साथ पुरूषों के स्वास्थ्य को भी बहुत लाभ पहुंचता है। च्यवनप्राश स्वाद में मीठा, हल्का खट्टा और कुछ मसालेदार सा होता है।
च्यवनप्राश कई औषधीय गुणों से युक्त जड़ी-बूटियों, आंवला और विभिन्न पौधों के अर्क से बनाया जाता है। च्यवनप्राश बनाने में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और ऊर्जा प्रदान करने के गुण मौजूद होते हैं। आजकल बाजारों में पतंजलि से लेकर हिमालया, झंड़ु और डाबर आदि ब्रांडों के च्यवनप्राश उपलब्ध हैं। च्यवनप्राश बनाने में आंवला, अश्वगंधा, नीम, पिप्पली, सफेद चंदन पावडर, तुलसी, सौंफ, दालचीनी, इलायची, अर्जुन, ब्राह्मी, शुद्ध शहद एवं घी का इस्तेमाल किया जाता है।
च्यवनप्राश के सेवन की मात्रा प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न-भिन्न होती है। च्यवनप्राश का लंबे समय तक सेवन करने से यह शरीर की इम्युनिटी को सुधारता है और शरीर को निरोगी बनाता है।
च्यवनप्राश बनाने वाली कुछ कंपनियां इसका सेवन दूध के साथ करने की सलाह देती हैं। लेकिन च्यवनप्राश बिना दूध के सुबह खाली पेट भी खाया जा सकता है। इसके अलावा च्यवनप्राश को गुनगुने पानी के साथ भी खाया जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं को एक चम्मच सुबह और एक चम्मच रात को सोते समय नियमित च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए।
एक से पांच वर्ष तक के बच्चों को ढाई ग्राम या आधा चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए।
छह से बाहर वर्ष तक के बच्चों को पांच ग्राम या एक चम्मच च्यवनप्राश खाना चाहिए।
बारह वर्ष से अधिक उम्र के लोग एक से चार चम्मच च्यवनप्राश का सेवन कर सकते हैं।
लेकिन किसी भी परिस्थिति में बीस ग्राम से अधिक च्यवनप्राश का सेवन नहीं करना चाहिए।
च्यवनप्राश के फायदे मौसमी संक्रमण से बचने में
सर्दियां शुरू होते ही मौसम में नमी बढ़ जाती है और लगातार मौसम में परिवर्तन होता रहता है। ऐसे में मौसम में नमी के कारण हवा में नए तरह के बैक्टीरिया पैदा होते रहते हैं। इस कारण से लोग बहुत जल्दी ही संक्रमण के चपेट में आ जाते हैं और संक्रमण के कारण व्यक्ति को बुखार की भी समस्या होने लगती है। इस परिस्थिति में च्यवनप्राश हमारे शरीर को फंगल एवं बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है। इसलिए जाड़े के दिनों में ज्यादातर लोग च्यवनप्राश का सेवन बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचने के लिए करते है।
रक्त शोधक
ऐसे लोग जो काम का ज्यादा दबाव लेते हैं और काम को निपटाने के चक्कर में भरपूर नींद नहीं ले पाते या संतुलित भोजन की जगह जंक फूड खाकर पेट भर लेते हैं, ऐसे व्यक्तियों के शरीर में पर्याप्त विषाक्त जम जाता है। शरीर में इन हानिकारक पदार्थों के जमा हो जाने से व्यक्ति का शरीर धीरे-धीरे बीमारियों की चपेट में आने लगता है। इसकी वजह से शरीर के खून की प्राकृतिक तरीके से सफाई होने में भी बाधा उत्पन्न होती है। ऐसी स्थिति में रोजाना च्यवनप्राश खाने से सही तरीके से ब्लड प्यूरीफाई हो जाता है और शरीर में जमा हानिकारक पदार्थों की वजह से उत्पन्न बीमारियों से भी लड़ने के लिए हमारा शरीर सशक्त हो जाता है।
याददाश्त बढ़ाने में
भूलने की बीमारी ज्यादातर लोगों में एक आम समस्या होती है। उम्र बढ़ने के साथ ही एक समय के बाद हम सभी को बहुत सी बातें भूलने लगती हैं। ऐसे में च्यवनप्राश का सेवन करने से इसमें मौजूद जड़ी-बूटियां दिमाग के कार्य करने की क्षमता को बेहतर करती हैं और व्यक्ति के यादाश्त को भी सुधारने में मदद करती हैं। वयस्कों के अलावा च्यवनप्राश का सेवन करने से बच्चों में भी आत्मकेंद्रण की शक्ति बढ़ती है और उनका पढ़ाई में ज्यादा मन लगता है। च्यवनप्राश का सेवन करने से स्वास्थ्य को और भी कई फायदे होते हैं। यह दिमाग के तंत्रिका तंत्र को बेहतर रखता है जिससे की व्यक्ति को किसी भी तरह का स्ट्रेस नहीं होता है।
यौन शक्ति बढ़ाने में
ज्यादातर लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से व्यक्ति की यौन शक्ति बढ़ती है और यौन संबंधी बीमारियों से भी निजात दिलाने में च्यवनप्राश काफी फायदेमंद होता है। च्यवनप्राश में मौजूद जड़ी-बूटियां महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म की समस्या को भी दूर करने में बहुत लाभकारी साबित होती हैं।
पाचन क्रिया बढ़ाने में
यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जिसका पाचन तंत्र बहुत कमजोर है तो नियमित च्यवनप्राश का सेवन करने से आपका बहुत फायदा होगा। च्यवनप्राश पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में सहायक होता है। यह आंत की क्रियायों को सुव्यवस्थित बनाता है जिससे कि पेट में भोजन को पचने में काफी आसानी होती है। च्यवनप्राश में दालचीनी और आंवला होता है जिसमें अग्निवर्धक गुण मौजूद होता है जो पेट फूलने या उदर स्फीति की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा च्यवनप्राश का नियमित सेवन करने से कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को बहुत राहत मिलती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता 
यह अद्भुद फॉर्मूला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को जबर्दस्त तरीके से बढाता है। आंवले से भरपूर च्यवनप्राश विटामिन सी का बढ़िया स्रोत है और यही इम्यूनिटी पावर को बढ़ाता है जिससे किसी भी तरह के संक्रमण या बीमारी के प्रति शरीर की रेसिस्टेंस पावर बढ़ जाती है।

श्वसन रोग-
च्यवनप्राश रेस्पाइरेटरी बीमारियों का रामबाण इलाज़ करता है। इसमें मौजूद औषधियाँ फेफड़ों को काम करने में मदद करती हैं और शरीर में नमी के स्तर को संतुलित रखती हैं। दमे की बीमारी वाले लोगों को अक्सर वैद्यों द्वारा च्वनप्राश खाने की सलाह दी जाती है।
  चेहरे पर झुर्रियां 
*खूब सारे एंटीओक्सीडेंट्स  होने के कारण ये फॉर्मूला त्वचा को फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यदि इसका नियमित सेवन किया जाए तो चेहरे पर झुर्रियां और बारीक रेखाएं कम आती हैं। विटामिन सी होने के कारण त्वचा की रंगत और इलास्टिसिटी भी लंबे समय तक बनी रहती है।
 हृदय और मस्तिष्क
*आंवला, ब्राह्मी, बादाम तथा घी जैसे तत्वों से भरपूर होने के कारण यह आपके हृदय और मस्तिष्क पर जादू जैसा असर डालता है और नियमित रूप से सेवन करने पर यादाश्त को बढ़ाने के साथ साथ नयी चीजों को सीखने की क्षमता को उन्नत करने और अच्छी ब्रेन पावर को बनाए रखने की क्षमता को बढ़ाता है।
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