28.10.19

हाई बीपी कंट्रोल के लिए लहसुन इस तरह से खाएं




 

अगर आपको भी इस बात की शिकायत है कि लहसुन खाने के बाद भी आपको हाई बीपी की समस्या रहती है तो आप लहसुन से शिकायत नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे खाने के तरीके में सुधार करने की जरूरत है।
पने अक्सर यह बात सुनी होगी कि हाई बीपी के मरीजों के लिए लहसुन खाना बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि लहसुन खाने का पूरा फायदा आपको नहीं मिल पाएगा अगर आप इसे सही तरीके से नहीं खाएंगे? जी हां, बीपी कंट्रोल में लहसुन मददगार जरूर होता है लेकिन आपको इस बात को जान लेना चाहिए कि आपको इसका इस्तेमाल कैसे करना है ताकि ब्लड प्रेशर हमेशा आपके कंट्रोल में रहे..
 अगर आपको भी इस बात की शिकायत है कि लहसुन खाने के बाद भी आपको हाई बीपी की समस्या रहती है तो आप लहसुन से शिकायत नहीं होनी चाहिए बल्कि इसे खाने के तरीके में सुधार करने की जरूरत है। लहसुन खाना शरीर के लिए फायदेमंद है, यह कई तरही की गंभीर बीमारियों से हमें बचाता है और खासतौर से हाई बीपी को कंट्रोल करता है, यह बात हम सभी जानते हैं। इसलिए गार्लिक हमारे फूड आइटम्स का अहम हिस्सा है। लेकिन अगर आप हाई बीपी को वाकई लहसुन के द्वारा कंट्रोल करना चाहते हैं तो लहसुन की एक कली को छीलकर तब तक चबाएं, जब तक वह पूरी तरह मुंह में घुल ना जाए। लहसुन की कली को यूं ही निगल लेने पर यह बीपी कंट्रोल में उतना प्रभावी नहीं रहता है, जितना मुंह में ही घुल जाने के बाद असर दिखाता है।
 इस बारे में साल 2017 में लखनऊ के केजीएमयू के फिजियॉलजी डिपार्टमेंट के डॉक्टर नरसिंह वर्मा की एक रिपोर्ट 'रिसर्च इंटर्नल मेडिसिन जर्नल ऑफ इंडिया' में पब्लिश की गई थी। इसमें डॉ. नरसिंह वर्मा ने अपने दस साल के शोध के बाद बीपी कंट्रोल करने के लिए लहसुन खाने का सही तरीका ढूंढ निकाला था। शोध में बताया गया था कि लहसुन चबाकर मुंह में ही घुल जाने दें। ऐसा एक साल तक रोज किया जाए तो ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होगा और कोलेस्ट्रॉल लेवल भी।
 विशेषज्ञों के अनुसार, लहसुन के सेवन से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। यह बॉडी मसल्स को स्मूद रखने और ब्लड को पतला रखने में मदद करता है। इससे हाईपर टेंशन कम होती है। हाईपर टेंशन के मरीजों को लहसुन बहुत अधिक फायदा पहुंचाता है। एक शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि लहसुन के अर्क ने हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों तरह के रक्तचाप को कम जा सकता है।
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