18.12.19

यात्रा के दौरान मितली उल्टी आने के उपाय व उपचार




बस या कार में यात्रा करते हुए जी मचलना या उल्टी आना, ऐसी परेशानी बहुत लोगों को होती है. असल में ऐसा मस्तिष्क के जबरदस्त हुनर के चलते होता है.
हममें से कई लोग यात्रा के दौरान होने वाली मतली या उल्टी के कारण, बस में या कार में सफर करना अवॉयड करते हैं। मोशन सिकनेस बीमारी (Motion sickness)(यात्रा संबंधी मतली) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आँखों के द्वारा मूवमेंट को भापना और वेस्टिबुलर सिस्टम की मूवमेंट की भावना के बीच के अंतर के कारण होता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में हम आमतौर पर ध्यान नहीं देते। यात्रा के दौरान उल्टी को कार सिकनेस (बीमारी), सिमुलेशन सिकनेस या एयर सिकनेस के रूप में भी समझा जा सकता है।
बस, कार, विमान या पानी के जहाज में यात्रा करने के दौरान शरीर और मस्तिष्क के बीच एक असमंजस की स्थिति बन जाती है. कार्डिफ यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर डिएन बर्नेट के मुताबिक यात्रा के दौरान दिमाग को ऐसा लगता है जैसे शरीर में जहर फैल रहा है. जान बचाने के लिए मस्तिष्क हरकत में आता है. जी मचलने लगता है और उल्टी सी आने लगती है. इस तरह दिमाग शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करने की कोशिश करता है.
चक्कर आना, थकान और मतली, मोशन सिकनेस के सबसे आम लक्षण हैं। सोपाइट सिंड्रोम (Sopite syndrome), जिसमें एक व्यक्ति थकान या थकावट महसूस करता है, मोशन सिकनेस से भी जुड़ा हुआ है। ग्रीक में “मतली”(nausea) का अर्थ सी-सिकनेस (See-sick syndrome) है। अगर मतली पैदा करने वाली गति का समाधान नहीं होता है, तो पीड़ित को आमतौर पर उल्टी हो जाएगी। उल्टी से अक्सर कमजोरी और मतली की भावना से छुटकारा नहीं मिलता है, जिसका मतलब है कि जब तक मतली का इलाज नहीं किया जाता है तब तक व्यक्ति को उल्टियां आती रहेगी।
मोशन सिकनेस आमतौर पर पेट के खराब होने का कारण बनती है। इसके अन्य लक्षणों में ठंडा पसीना और चक्कर आना शामिल है। मोशन सिकनेस वाले व्यक्ति को सिरदर्द, और पीले पड़ने की शिकायत हो सकती है। मोशन सिकनेस के परिणामस्वरूप निम्न लक्षणों का अनुभव करना भी आम है:
यात्रा सम्बन्धी मतली के गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:
हल्की बेचैनी
उबासी लेना
पसीना आना
असुविधा की एक सामान्य भावना
अच्छी तरह से महसूस नहीं करना (malaise)
हल्की सांस लेना (सांस की कमी)
सिर चकराना
जी मिचलाना
उल्टी
पीलापन
उनींदापन
सरदर्द
किसी को भी यात्रा के दौरान उल्टी (मोशन सिकनेस) हो सकती है, लेकिन यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं में सबसे आम है। यह संक्रामक नहीं है।
2 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों को मोशन सिकनेस से ग्रस्त होने की सबसे अधिक संभावना है। गर्भवती महिलाओं को भी इसका सामना करने की संभावना अधिक होती है।
आपकी इंद्रियों के बीच में संघर्ष होने पर आपको मोशन सिकनेस की बीमारी होती है। मान लें कि आप मेले में एक झूले पर हैं, और यह आपको चारों ओर और ऊपर घुमाया जा रहा है। आपकी आंखें एक चीज को देखती हैं, आपकी मांसपेशियों को कुछ और महसूस होता है, और आपके कान के भीतर कुछ और समझ आता है।
आपका दिमाग उन मिश्रित संकेतों को एक साथ नहीं ले सकता है। यही कारण है कि आप को चक्कर आना और बीमार महसूस होने जैसा लगता है।
सफर के दौरान उल्टियां होने पर (मोशन सिकनेस) अधिकांश मामले में आप खुद इलाज कर सकते हैं।
बहुत गंभीर मामले, और जो प्रगतिशील रूप से बदतर हो जाते हैं, जैसे कान में असंतुलन और तंत्रिका तंत्र की बीमारियों में, अपने चिकित्सक से जाकर मिले।
मोशन सिकनेस का निदान करने में मदद के लिए, डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेगा और पता लगाएगा कि आम तौर पर समस्या का कारण क्या होता है (जैसे नाव में सवारी करना, विमान में उड़ना, या कार में सफर करना और गाड़ी चलाना)।
मोशन सिकनेस के लक्षण आमतौर पर तब बंद हो जाते हैं जब आप रुक जाते हैं। लेकिन यह हमेशा सच नहीं है। ऐसे लोग हैं जो यात्रा खत्म होने के कुछ दिनों बाद भी लक्षण से पीड़ित रहते हैं। अतीत में यात्रा के दौरान उल्टी (मोशन सिकनेस) वाले ज्यादातर लोग अपने डॉक्टर से पूछते हैं कि अगली बार सफर के दौरान उल्टियां होने पर क्या करें और कैसे रोकें। निम्नलिखित उपचार आपकी यात्रा के दौरान उल्टी और मतली ठीक करने में मदद कर सकते हैं:
एक्यूप्रेशर में सुइयों को डालने के बजाये उंगली के दबाव से मतली में राहत मिलती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर के समान मोशन सिकनेस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
सफर के दौरान उल्टियां होने पर ताजा, ठंडी हवा भी मोशन सिकनेस में थोड़ी राहत दे सकती है। यदि आप कार, बस, ट्रेन में सफर कर रहें हैं तो खिड़की से ताजी हवा ले सकते हैं।
च्यूइंग गम मोशन सिकनेस को कम करने का एक आसान तरीका है। सफर के दौरान उल्टियां होने पर सामान्य और हल्की कार सिकनेस से मुक्त होने के लिए यह एक सरल विधि है। च्यूइंग गम या लौंग या इलायची चबाने से कार में वोमिटिंग के हल्के प्रभाव से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
यात्रा के दौरान उल्टी रोकने के लिए एक आम सुझाव है कि चलती गाड़ी की खिड़की से बाहर यात्रा की दिशा में क्षितिज (सामने की तरफ) की ओर देखे। यह गति की द्रश्य में नयापन लाकर आपके संतुलन की भावना को फिर से चालू करने में मदद करता है।
यात्रा या हवाई यात्रा के दौरान उल्टी रोकने के लिए जहाज में, आंखों को बंद करना उपयोगी होता है, इसलिए यदि संभव होतो झपकी लें। यह आंखों और आंतरिक कान के बीच के इनपुट संघर्ष को हल करता है।
एक बार यात्रा खत्म होने के बाद मोशन सिकनेस बीमारी आमतौर पर दूर हो जाती है। लेकिन अगर आप को अभी भी चक्कर आ रहे हैं, सिरदर्द है, उल्टी, सुनने में कमी या छाती में दर्द है, तो अपने डॉक्टर से मिले।
यात्रा के दौरान मितली होने पर, यात्रा के दौरान आप कहां बैठते हैं इससे भी फर्क पड़ता है। कार की आगे की सीट, ट्रेन-बस में खिड़की वाली सीट, नाव में ऊपरी डेक या विमान में विंग सीट आपको यात्रा के दौरान उल्टी के बिना एक आसान सवारी का मजा दे सकती है। यात्रा करते वक्त खिड़की के बहार दाए और बाए दिशा में देखें। वाहन में कुछ पढ़ने या देखने की कोशिश ना करें, और यात्रा के पहले भारी भोजन, शराब और अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचें। इसके अलावा यात्रा के दौरान उल्टी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पियें।
यात्रा में उल्टी- घबराहट से बचने के घरेलू उपाय
अदरक:
अदरक में ऐंटीमैनिक गुण होते हैं। एंटीमैनिक एक ऐसा पदार्थ है जो उल्टी और चक्कर आने से बचाता है। सफर के दौरान जी मिचलाने पर अदरक की गोलियां या फिर अदरक की चाय का सेवन करें। इससे आपको उल्टी नहीं आएगी। अगर हो सके तो अदरक अपने साथ ही रखें। अगर घबराहट हो तो इसे थोड़ा-थोड़ा खाते रहें।
प्याज का रस
सफर में होने वाली उल्टियों से बचने के लिए सफर पर जाने से आधे घंटे पहले 1 चम्मच प्याज के रस में 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर लेना चाहिए। इससे आपको सफर के दौरान उल्टियां नहीं आएंगी। लेकिन अगर सफर लंबा है तो यह रस साथ में बनाकर भी रख सकते हैं।
लौंग
सफर के दौरान जैसे ही आपको लगे कि जी मिचलाने लगा है तो आपको तुरंत ही अपने मुंह में लौंग रखकर चूसनी चाहिए। ऐसा करने से आपका जी मिचलाना बंद हो जाएगा।लौंग को भूनकर इसे पीस लें और किसी डिब्बी में भरकर रख लें। जब भी सफर में जाएं या उल्टी जैसा मन हो तो इसे सिर्फ एक चुटकी मात्रा में चीनी या काले नमक के साथ लें और चूसें।
रुमाल में पुदीना रख लें
पुदीना पेट की मांसपेशियों को आराम देता है और इस तरह चक्कर आने और यात्रा के दौरान तबीयत खराब लगने की स्थिति को भी खत्म करता है। पुदीने का तेल भी उल्टियों को रोकने में बेहद मददगार है। इसके लिए रुमाल पर पुदीने के तेल की कुछ बूंदे छिड़कें और सफर के दौरान उसे सूंघते रहें। सूखे पुदीने के पत्तों को गर्म पानी में मिलाकर खुद के लिए पुदीने की चाय बनाएं। इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं। कहीं निकलने से पहले इस मिश्रण को पिएं।
नींबू
नींबू में मौजूद सिट्रिक ऐसिड उलटी और जी मिचलाने की समस्या को रोकते हैं। एक छोटे कप में गर्म पानी लें और उसमें 1 नींबू का रस व थोड़ा सा नमक मिलाएं। इसे अच्छे से मिलाकर पिएं। आप नींबू के रस को गर्म पानी में मिलाकर या शहद डालकर भी पी सकते हैं। यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने का यह एक कारगर इलाज है।






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