20.12.22

बवासीर का आसान घरेलू ,आयुर्वेदिक,होम्योपैथिक उपचार:Bawasir ke ghareu upchar/



• बवासीर के आकार भिन्न हो सकते हैं और गुदा के अंदर या बाहर पाए जाते हैं। पाइल्स गंभीर कब्ज, क्रोनिक डायरिया, भारी वजन उठाने, गर्भावस्था या तनाव के कारण उत्पन्न होते हैं| डॉक्टर आम तौर पर देख कर(परीक्षा करके) पता लगा सकते हैं| ग्रेड 3 या 4 बवासीर के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है
• बढ़ती उम्र के कारण, अधिक देर तक बैठेने के वजह से बवासीर तीव्र हो सकता है और शौचालय दौरान तनाव के कारण बाहरी बवासीर हो सकते हैं।
• अगर कब्ज ना होतो, पहले और दूसरे डिग्री बवासीर आमतौर पर अपने आप ढल जाते हैं, लेकिन आपका डॉक्टर लक्षणों को दूर करने के लिए हार्मोराइड क्रीम का एक छोटा कोर्स लिख सकते है। तीसरे डिग्री के ढेर भी खुद से दूर हो सकते हैं, लेकिन यदि वे जारी रहें, तो उन्हें उपचार की आवश्यकता हो सकती है|
पाइल्स बवासीर में दर्द और खुजली को कम करने के लिए उपयोगी उपाय Ayurvedic remedies for piles
• गर्म स्नान, 15 मिनट के लिए गर्म पानी में भिगोएँ
• राहत के लिए लगाए विच-हजेल या अन्य होम्योपैथिक क्रीम (जैसे टोपी एस्कुलुस) या ओवर-द-काउंटर वाइप या क्रीम जो कोई साइड इफेक्ट के साथ दर्द और खुजली दूर कर सकते हैं।

दर्द निवारक गोलियाँ लो (पेन किलर्स)
• प्रभावित भागों को खरोंचना नही
• कपास का इस्तेमाल करें
• तरल पदार्थ का खूब सेवन करें
• अधिक फाइबर खाएं
• उन खाद्य पदार्थों से बचें जो बवासीर को बदतर बनाते है
• बहुत आसान फिटिंग जांघिया पहने
• रसायनों से गुदा क्षेत्र को सुरक्षित रखें

बवासीर का इलाज होम्योपैथी से

एसिड नाइट्रिकम :

आँतों में घोंपने का अहसास, काँटा चुभने जैसा दर्द, मलत्याग के दौरान संकुचन की अनुभूति के साथ में मलत्याग के बाद बनी रहने वाली पीड़ा ।

ऐस्क्युलस हिप. :

गुदा से बाहर की ओर लटकते हुए बबासीरी मस्सों (गहरे लाल रंग के झूलते अर्श) की श्लैष्मिक झिल्ली का सूखापन तथा जलन । त्रिकास्थि (Sacral) भाग में हल्का-हल्का दर्द, शिरा सम्बन्धी स्थिरता ।

कॉलिन्सोनिया कैन :

गोणिका (Pelvis) में शिरा सम्बन्धी संकुलन, कब्ज़ियत, पेट फूलना, खूनी बवासीर

ग्रेफाइट्स :

कब्ज़ियत, चिपचिपा पिंड जैसा मल, पेट फूलना, मलद्वार सम्बन्धी एक्ज़िमा,खुजली

हेमामेलिस :

शिराओं का फूलना, बवासीर में से रक्तस्राव (Bleeding) ।

कालियम कार्ब :

पीठ दर्द, पेट-फूलना, । कठोर मल, मलद्वार के मस्सों में जलन ।

लाइकोपोडियम :

अफारा, पेट फूलना, सूखे मल के साथ, अपूर्ण मलत्याग । रक्त जनित बवासीर साथ में गुदाभ्रंश तथा मलद्वार में ऐंठन । सामान्य रोगभ्रम (Hypochondria) तथा मंदाग्नि (dyspepsia), कब्ज़, पेट में रक्त का अधिक प्रवाह
पीयोनिया :
गीली बवासीर, पीड़ा-प्रद मलद्वार की फटन । बवासीर में खुजली और पीड़ा, साथ में रक्त स्राव की प्रवत्ति । गुदाद्वार की फटन (Rhagades or fissures) । मल त्याग के बाद बना रहने वाला दर्द ।

सल्फर :

बहुप्रयुक्त एवं प्रभावशाली औषधि, मलद्वार में लाली, खुजली, एक्ज़िमा, अस्वस्थ त्वचा

खुराक की मात्रा :

सामान्यतः प्रतिदिन 3 बार थोड़े पानी में 10-15 बूँदें ।तीक्ष्ण पीड़ा होने पर, उपचार के प्रारंभ में, दिन में 4-6 बार 10-15 बूँदें । रोग के पूरी तरह समाप्त हो जाने पर , कुछ लंबे समय तक प्रतिदिन एक या दो बार 10-15 बूँदें देते हुए उपचार जारी रखें ।
*कब्ज़ होने पर, साथ ही साथ मलत्याग को नियमित करना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है । अतएव, नाश्ते और रात के खाने में रेचक आहार (fibrous food) लेने चाहिए, जैसे : पके फल, अलसी, हरी मटर, rye ब्रेड, खमीर, दही आदि । मैदे की रोटी, चॉकलेट, स्टार्च जैसे कब्ज़ करने वाले भोज्य पदार्थ न लें ।



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16.12.22

भूलने की बीमारी के उपचार:bhulne ki bimari ke upay

 



याददाश्त का कमजोर होना-


एनाकार्डियम 200, 1M- किसी बात का स्मरण न रहना, विद्यार्थी को पढ़ी हुई बातें याद न रहना या उसे भूल जाना याददाश्त की कमजोरी की सूचक है । रोगी को प्रत्येक बातें बीती घटनायें सी लगती हैं । भूली-भूली बातें याद-सी रहती हैं । अचानक भूलने की प्रवृत्ति होती है और उसे कुछ भी याद नहीं रहता है । रोगी को यह भी ख्याल होता है कि उसकी दो इच्छायें है जिसमें से एक इच्छा उसे कार्य करने के लिये उकसाती है तो दूसरी इच्छा उसे कार्य करने से रोकती है । रोगी सबको सन्देह की निगाहों से देखता है और उसे किसी पर विश्वास नहीं रहता । इतना ही नहीं, उसे स्वयं अपने आप पर भी विश्वास नहीं रहता । चलते जाता है, एकदम घबरा-सा जाता है। इसका रोगी परिहास की बातों में अत्यन्त गम्भीर हो जाता है और गम्भीर विषय में परिहास करने लगता है ।


पढ़ाई-लिखाई में मन न लगना-





आइरिस वसिंकॉलर 200, 1M- ऐसे विद्यार्थी या व्यक्ति जिनका मन पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता हो उन्हें इस दवा की एक-दो मात्रा देते ही उनका मन पढ़ाई-लिखाई में लगने लगता है। ऐसे व्यक्तियों को लक्षणानुसार हैमामेलिस भी दे सकते हैं ।

भूलने की प्रवृत्ति, विद्यार्थियों की स्मरण-शक्ति की दवा-


इथूजा 200 – ऐसे विद्यार्थी जिन्हें घर पर तो सब कुछ याद रहता है परन्तु परीक्षा-केन्द्र पर जाते ही वे सब भूल जाते हैं । ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा केन्द्र में जाने से पूर्व इसकी एक मात्रा ले लेनी चाहिये । यह परीक्षा के दिनों की थकावट और ध्यान केन्द्रित न कर सकने की स्थिति को एक उत्तम औषधि है ।

गलत शब्दों का उच्चारण करना व लिखना-

लाइकोपोडियम 200, 1M – ऐसे विद्यार्थी जो गलत शब्द का उच्चारण करते हों और लिखते हों उन्हें इस दवा की एक मात्रा देकर परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिये ।

हकलाना या भूलना-


कैनाबिस इंडिका 200- ऐसे रोगी या बच्चे जो बोलते-बोलते यह भूल जाते हैं वे क्या बोल रहे थे, उन्हें इस दवा की एक मात्रा दे देनी चाहिये, बहुत लाभ होगा । इसी प्रकार, कुछ बच्चे हकलाने लगते हैं । वे इसलिये हकलाते हैं कि वे जो बोलना चाहते हैं वह उनके दिमाग में जल्दी से नहीं आ पाता और इसी वजह से उन्हें दिमाग पर अत्यधिक जोर लगाना पड़ता है और वे बोलते-बोलते अटक जाते हैं । ऐसी स्थिति में भी इस दवा की एक मात्रा देकर देखना चाहिये । कुछ बच्चों में यह दवा काम कर जाती है परन्तु कुछ बच्चों में नहीं करती, ऐसे बच्चों को स्ट्रामोनियम 200 देनी चाहिये तथा बीच-बीच में काली फॉस 12x देते रहनी चाहिये ।

मानसिक श्रम से थकान-

आर्जेण्टम नाइट्रिकम 200- ऐसे व्यक्ति या विद्यार्थी जो दिमाग से अधिक कार्य लेते हैं जैसे- क्लर्क, व्यापारी, अध्यापक, विद्यार्थी आदि- उनमें मानसिक उत्तेजना व तनाव बढ़ जाने की वजह से उनको मानसिक थकान होने लगती है । ऐसे व्यक्तियों को इस दवा की एक-दो मात्रा दे देने से उनकी यह परेशानी दूर हो जाती है और वे मानसिक शान्ति महसूस करते हैं ।

दिमाग से कार्य करने वालों के सिर में दर्द-

पिक्रिक एसिड 30, 200 – अध्यापक, विद्यार्थियों या अन्य व्यक्तियों को, जिन्हें दिमाग को एकाग्र करके ज्यादातर काम करना पड़ता है, उन्हें अकसर सिर-दर्द हो जाता है । ऐसे व्यक्तियों को यह दवा देनी चाहिये ।

अत्यधिक अध्ययन-प्रियता-


कैरिका पेपेया 200- ऐसे व्यक्ति जो बिना थके बहुत देर तक अध्ययन-कायों में लगे रहते हैं, ऐसे व्यक्तियों

का मन अध्ययन में लगा रहने से घर के कई काम-काजों में अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न हो जाता है । ऐसे व्यक्तियों को यदि इस दवा की एक-दो मात्रा दी जायें तो उनकी यह प्रवृत्ति बदली जा सकती है। कुछ चिकित्सक इसकी 3x या 12x शक्ति के पक्षपाती हैं ।

लिखते-लिखते अक्षरों को छोड़ देना-


बेंजोइकम ऐसिड 30, 200- ऐसे विद्यार्थी जो लिखते-लिखते कुछ अक्षरों को छोड़ जाते हैं और शब्द पूरा नहीं लिख पाते, उन्हें इस दवा की कुछ मात्रायें देने से उनकी यह आदत ठीक हो जाती है ।

परीक्षा का भय-


आर्जेण्टम नाइट्रिकम 30- ऐसे छात्र या छात्रायें जिन्हें, जैसे-जैसे परीक्षा पास आने लगती हैं, डर-सा सताने लगता है, उन्हें इस दवा की कुछ मात्रायें दे देनी चाहिये । इससे उनका यह डर जाता रहेगा ।
बच्चों या बड़ों का वस्तुओं को गलत नामों से पुकारना-डायस्कोरिया विल्लोसा 30, 200- ऐसे बच्चे या बूढ़े व्यक्ति जो वस्तुओं को गलत नाम से पुकारते हैं उन्हें यह दवा देने से वे सही नाम से पुकारने लगते हैं ।

गलत लिखना-


कल्केरिया कार्ब 200, 1M- कई व्यक्ति गलत लिखते हैं (उदाहरणार्थ- वे राम की जगह श्याम लिखते हैं) और लिखते समय उन्हें अपनी गलती का अहसास तक भी नहीं होता है। ऐसे रोगी को इस दवा का रोगी समझना चाहिये 

विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में अधिक नीद आना-


स्क्रॉफुलेरिया नोडोसा Q- ऐसे विद्यार्थियों को, जिन्हें परीक्षा के समय अधिक नींद आती हो और जागने की आवश्यकता हो तो उन्हें नींद भगाने हेतु दिन में दो-तीन बार इस दवा की 10-10 बूंद देनी चाहिये । इस दवा को 30 शक्ति में भी दिया जा सकता है । लेकिन इस दवा के अधिक प्रयोग से नोंद जैसी प्राकृतिक क्रिया में व्यर्थ ही व्यवधान पड़ता है अतः इस दवा का अधिक प्रयोग या बिना सोचे-विचारे प्रयोग नहीं करना चाहिये ।

दिमाग की जड़ता के लिये-


मैग्नीशिया फॉस 3x, 30-डॉ० क्लार्क का कथन है कि ऐसे विद्यार्थी या व्यक्ति जिनकी विचारने या सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो, जड़ता आ जाये तो ऐसे व्यक्तियों को यह दवा ले लेनी चाहिये, इससे उनकी जड़ता दूर हो जायेगी ।

भूलने की बीमारी के कुछ घरेलू नुस्खे नोट करलें-

• कई बार सुना और पढ़ा होगा कि ओमेगा 3 फेटी एसिड दिमाग के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए मछली से बेहतर से कोई ऑप्शन नहीं होता है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को इसे खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसको खाने से आने वाले बच्चे की दिमागी सेहत अच्छी रहती है। आपको बता दें कि सॉलमन और टूना मछली में ओमेगा की अच्छी मात्रा होती है।
• पालक की सब्जी या जूस पीने से भी आपकी मेमरी यानि कि याददाश्त को अच्छा रखा जा सकता है। इसमें मौजूद ल्यूटिन होता है जो आपके याद रखने की क्षमता को और बेहतर करता है।
• चुकंदर का जूस शरीर के अंदर खून के स्त्राव को बराबर करता है। यह आपके शरीर में आयरन तो बढ़ाता ही है साथ ही इसके इस्तेमाल से याददाश्त और दिमागी सेहत पर बेहतर असर होता है।
• चॉकलेट खाना पसंद है तो थोड़ी-थोड़ी चॉकलेट रोजाना खाएं, फायदा दिखाई देगा। इसके एंटीऑक्सीडेंट दिमाग को बेहतर करने का संकेत देता है। इसके लिए सबसे जरूरी होगा कि आप डार्क चॉकलेट रोज खाएं। लेकिन इसकी मात्रा को नियंत्रित रखें।
• चॉकलेट के अलावा सूखे मेवे जैसे काजू, बादाम और अखरोट याददाश्त को मजबूत करते हैं और दिमाग की कार्यप्रणाली को सुचारु रुप से चलाते हैं।
• सुबह सुबह अंडा खाना सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। अंडे वैसे भी जल्दी बन जाते हैं और सुबह के नाश्ते में भी कई लोग इसे खाना पंसद करते हैं। बहुत सारे पोषक तत्वों से भरा अंडा आपकी याददाश्त को भी बेहतर करेगा। अंडे में मौजूद कोलाइन दिमाग के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आपको आदत है चीजें जल्दी-जल्दी भूलने की, तो अपनी डाइट में अंडा जरूर शामिल करें और देखें इसके फायदे।
• याददाश्त को तेज़ बनाना है तो सूरजमुखी के बीज आपके बहुत काम आ सकते हैं। विटामिन ई से भरपूर सूरजमुखी के बीज के अलावा इसके तेल का प्रयोग अपने खाने में करे, फायदा होगा।
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9.12.22

घुटनो के दर्द के आयुर्वेदिक उपचार:Ghutno ke dard ke upchar

 


   घुटना शरीर का भार सहता है,उसे सपोर्ट करता है और चलायमान बनाता है| लेकिन घुटनों में विकार आने पर रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई महसूस होने लगती है| जीवन में कभी न कभी घुटनों के दर्द की समस्या से सभी स्त्री-पुरुषों को रूबरू होना ही पड़ता है| कुछ लोग जवानी में ही इस दर्द की चपेट में आ जाते हैं और बुढापा तो घुटनों की पीड़ा के लिए खास तौर पर जाना जाता है|
 घुटनों के अंदरूनी या मध्य भाग में दर्द छोटी मोटी चोंटों या आर्थराईटीज के कारण हो सकता है| लेकिन घुटनों के पीछे का दर्द उस जगह द्रव संचय होने से होता है इसे बेकर्स सिस्ट कहते हैं| सीढ़ियों से नीचे उतरते वक्त अगर घुटनों में दर्द होता है तो इसे नी केप समस्या जाननी चाहिए | यह लक्षण कोंट्रोमलेशिया का भी हो सकता है| सुबह के वक्त उठने पर अगर आपके घुटनों में दर्द होता है तो इसे आर्थराई टीज की शुरू आत समझनी चाहिए\ चलने फिरने से यह दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है| बिना किसी चोंट या जख्म के अगर घुटनों में सूजन दिखे तो यह ओस्टियो आर्थ रा ईटीज,गाऊट अथवा जोड़ों का संक्रमण की वजह से होता है|
 घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है| घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह डी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सके\ फिजियो थेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं.
*मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं| एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें | सुबह  पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी| भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है| यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है|

 herbal remedies for knee pain

 *भोजन द्वारा इलाज के अंतर्गत रोजाना ३-४ खारक खाते रहने से घुटनों की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है| *अस्थियों को मजबूत बनाए रखने के लिए केल्शियम का सेवन करना उपकारी है| केल्शियम की ५०० एम् जी की गोली सुबह शाम लेते रहें| | दूध ,दही,ब्रोकली और मछली में पर्याप्त केल्शियम होता है|
*घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं|
*गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं |चीन में सैंकडों वर्षों से गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है| गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है|
*प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं| दर असल प्याज में फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं| प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है| एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं|

 herbal remedies for knee pain

*गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है| एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की २ कुली पीसकर डाल दें | इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए| आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है| इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं| घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है|

जोड़ों की पीड़ा दूर करने के लिये तेल निर्माण करने का एक बेहद असरदार फार्मूला नीचे लिख रहा हूँ ,जरूर प्रयोग करें-
*काला उड़द १० ग्राम ,बारीक पीसा हुआ अदरक ५ ग्राम ,पीसा हुआ कर्पूर २ ग्राम लें| ये तीनों पदार्थ ५0 ग्राम सरसों के तेल में ५ मिनिट तक गरम करें और आंच से उतारकर छानकर बोतल में भर लें| मामूली गरम इस तेल से जोड़ों की मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है| दिन में २-३ बार मालिश करना उचित है| यह तेल आर्थ्रराईटीज जैसे दर्दनाक रोगों में भी गजब का असर दिखाता है|

 herbal remedies for knee pain

नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये.
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद

1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है)
आवश्यकतानुसार पानी
इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये. एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा.


यह पेस्ट कैसे प्रयोग करें:-

सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए. इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये.
सुबह साधारण पानी से धो लीजिये.
कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा.


घुटनों का दर्द – उपाय 2

1 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए.
इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये.
इसे अपने घुटनों पर मलिए. इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं.
कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये. यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा.
घुटनों का दर्द – उपाय 3

नीचे बताई गयी सामग्री लीजिये:-
4-5 बादाम
5-6 साबुत काली मिर्च
10 मुनक्का
6-7 अखरोट

प्रयोग:
इन सभी चीज़ों को एक साथ मिलाकर खाएं और साथ में गर्म दूध पीयें.
कुछ दिन तक यह प्रयोग रोजाना करने से आपको घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा.


घुटनों का दर्द – उपाय 4

खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.
प्रयोग:
एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें.
सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें. ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता 
है.

घुटनों का दर्द – उपाय 5

नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है.
नारियल का प्रयोग:
रोजाना सूखा नारियल खाएं.
नारियल का दूध पीयें.
घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें.
इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है.
आशा है आपको इन आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलेगा और आपकी ज़िंदगी बेहतर हो सकेगी

प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें|इससे घुटनों को ताकत आती है|

लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।
बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।

विशिष्ट परामर्श-  


संधिवात,कमरदर्द,गठिया, साईटिका ,घुटनो का दर्द आदि वात जन्य रोगों में जड़ी - बूटी निर्मित हर्बल औषधि ही अधिकतम प्रभावकारी सिद्ध होती है| रोग को जड़ से निर्मूलन करती है| औषधि से बिस्तर पकड़े पुराने रोगी भी दर्द मुक्त गतिशीलता हासिल करते हैं| बड़े अस्पतालों के महंगे इलाज़ के बावजूद निराश रोगी इस औषधि से आरोग्य हुए हैं|  त्वरित असर औषधि के लिए वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|






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1.12.22

गुड खाने के क्या फायदे होते हैं?:Gud khane ke fayde





गुड़ का आयुर्वेद में काफी महत्व बताया गया है। गुड़ केवल एक खाद्य पदार्थ या चीनी का विकल्प भर ही नहीं है बल्कि इसमें सेहत का खजाना छिपा है। यह एंटी टॉक्सिन का भी काम करता है। रात में गुड़ का सेवन करने से शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। यानि यह खून को साफ करने का काम भी करता है। वैसे तो गुड़ के सेवन के कई फायदे हैं लेकिन हम आपको यहां 7 चुनिंदा फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

1.सूक्रोज़ (sucrose) का सबसे अच्छा संग्राहक गुड़ होता है। भारतीय संस्कृति में भोजन करने के बाद मीठा खाने का प्रचलन सदियों पुराना है। इस गतिविधि को आगे बढ़ाने के लिए गुड़ सबसे अच्छा माध्यम होता है। गुड़ में बहुत ही पोष्टिक तत्व होते है। इसमें फाइबर (Fiber) बिल्कुल भी नहीं होता। यह पाचन प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करता है साथ ही यह कब्ज को रोकने में असरदार होता है।

2. इसमें उपस्थित पोषक तत्‍वों में लौह तत्‍व और फोलेट अच्‍छी मात्रा में होते है, ये तत्‍व शरीर में लाल रक्‍त कोशिकाओं की सामान्‍य मात्रा बनाए रखने में मदद करते है। इस प्रकार यह एनीमिया (Anaemia) को रोकने में मदद करते है। जिन लोगों को लौह तत्‍व की कमी होती है उन लोगों के लिए गुड़ का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।

3.देशी गुड़ में प्रतिरोधक तत्‍वों की अधिकता होती है इस कारण इसे कई प्रकार के सीरप और दवाओं में उपयोग किया जाता है। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मददगार होते है। सर्दी-खांसी और बुखार में इसका सेवन विशेष रूप से किया जाना चाहिए। इसमें विटामिन सी होता है जो‍ कि आपके शरीर को ठंड़ से बचा कर गर्मी देने का काम करता है। इसका सेवन करने से बीमार व्‍यक्ति को अधिक ऊर्जा प्राप्‍त होती है।

4.गुड़ अच्छी त्वचा के लिए भी जरूरी है। त्वचा की देखभाल करने के लिए आप अपने आहार में इसको शामिल कर सकते हैं। यह ब्लड प्यूरिफाई करने में मदद करता है। यह त्‍वचा को साफ रखने में अहम भूमिका निभाता है। गुड़ शरीर से हानिकारक टॉक्‍सिन बाहर निकालने में मददगार है। इससे आपकी त्‍वचा साफ और स्‍वस्‍थ बनी रहती है। रोजाना गुड़ खाने से मुंहासों से छुटकारा मिल जाता है और चेहरा ग्‍लो करने लगता है।

5.नियमित गुड़ का सेवन करने वजन कम करने में मदद मिलती है। गुड़ में पोटेशियम अच्‍छी मात्रा में होते है यह एक खनिज पदार्थ है। पोटैशियम इलेक्‍ट्रोलाइट्स (electrolytes) के स्‍तर को अनियंत्रित होने के खतरे कम करता है। यह पानी के अवशोषण को कम करता जो कि आपके वजन बढ़ने का प्रमुख कारण हो सकता है। पोटैशियम मांसपेशियां कोशिकाओं के निर्माण और चयापचय में वृद्धि करता है। इन्‍हीं वजहों से यह आपके वजन को कम करने में उपयोगी होता है।

6.शुगर और गुड़ दोनों ही मीठे होते है जो हमें शक्ति देते है, लेकिन शक्कर की अपेक्षा गुड़ हमें ज्यादा शक्ति प्रदान करता है क्‍योंकि इसमें शक्‍कर की तुलना में कार्बोहाइड्रेट ज्‍यादा होता है जो कि हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह खून में आसानी से अवशोषित हो जाता है जिससे हमें तत्‍काल ही ऊर्जा प्राप्‍त होने लगती है गुड़ को खाने से हमें ऊर्जा बहुत देर तक मिलती रहती है. यह शरीर की थकावट और कमजोरी को दूर करता है।

7. दूध और गुड़ का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में या गठिया से होने वाली तकलीफों को दूर किया जा सकता है। यदि आपको जोड़ों का दर्द होता है तो इसका सेवन कर आप इसे दूर कर सकते हैं. इस को आप अदरक के साथ मिला कर उपयोग कर सकते है। आप अपनी शारीरिक संरचना और वोन्‍स को शक्तिशाली बनाने के लिए प्रतिदिन एक गिलास दूध के साथ इसका सेवन कर सकते है। यह आपको गठिया, जोड़ों के दर्द और हड्डियों की तकलीफ को दूर करने में मदद कर सकता है।
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25.11.22

विक्स वेपोरब के फायदे:Vicks Vaporub ke upchar

 




 सर्दी आते ही सब विक्स का इस्तेमाल अपनी बंद नाक और गले के आराम के लिए करते है। लेकिन क्या आपको पता है की विक्स वेपोरब के इस्तेमाल करने के और भी बहुत सारे तरीके हैं। विक्स वेपोरब का उपयोग स्ट्रेच मार्क्स 
के निशान हटाने और वजन कम करने के लिए किया जा सकता है |VapoRub कपूर, नीलगिरी और मेन्थॉल से बना है। यह एक प्रकार की अरोमाथेरेपी है, या एक वैकल्पिक/पूरक उपचार है जिसमें सुगंधित तेलों और अन्य यौगिकों का उपयोग शामिल है।
जब आप भीड़भाड़ में होते हैं, तो VapoRub को अपनी छाती पर लगाने से (इसका इच्छित उपयोग) आपको यह महसूस करने में मदद मिल सकती है कि आपकी सांस लेने में सुधार हुआ है। यह मेन्थॉल वाष्प जारी करके ऐसा करता है जो आपके नाक मार्ग से टकराते ही ठंडक महसूस करते हैं। यह आपके मस्तिष्क को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि आप अधिक आसानी से सांस ले रहे हैं।
हालांकि VapoRub वास्तव में जमाव या खांसी से राहत दिलाने में मदद नहीं करता है। आपका मस्तिष्क बस सोचता है कि यह करता है।
स्ट्रेच मार्क्स के निशान हटाने के लिए विक्स का प्रयोग

कई कारणों से स्ट्रेच मार्क्स के निशान हो सकते हैं इसमें गर्भावस्था सबसे आम है। स्ट्रेच मार्क्स के निशान विकास की गति के दौरान भी हो सकते हैं या कम समय में वजन कम करने के कारण भी हो सकते हैं।
माने या नहीं, विक्स की अनगिनत समीक्षाओं का कहना है कि यह गर्भावस्था के बाद स्ट्रेच मार्क्स के निशान या ढीले त्वचा के लिए यह इरेज़र की तरह है। मेन्थॉल, तेल और अन्य त्वचा शीतलन सामग्री का संयोजन खिंचाव के निशान के सबसे जिद्दी होने की चमक को कम करने के लिए बिल्कुल सही है! इस विधि का उपयोग करने वाले बहुत से लोग इसके बारे में बताते है, कि विक्स वेपोरब के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों के भीतर आप स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पा सकते है जबकि विक्स वेपोरब के निर्माता दावा नहीं करते हैं कि इसका उत्पाद वास्तव में खिंचाव के निशान को कम कर सकता है या उपचार के रूप में इसका उपयोग करने की सिफारिश कर सकता है।

Vicks Vaporub ke fayde 

त्वचा के स्ट्रेच मार्क्स या स्कार्फिंग के लिए, उत्पाद में नीलगिरी की एंटी इन्फ्लामेंट्री तत्व होते है, जिसमें महिलाओं का कहना है कि इसका उपयोग करने के एक सप्ताह के भीतर, उनके खिंचाव के निशान 60 से 100 प्रतिशत चले गए थे। चूंकि विक्स वेपोरब में नीलगिरी के तेल, देवदार के पत्ते के तेल, पेट्रोलोलम, कपूर और टर्पेन्टाइन तेल का संयोजन होता है, ये तेल गठबंधन करते हैं और अत्यधिक खिंचाव वाली त्वचा को नरम बनाते हैं, और ड्राईनेस को भी कम करता है जो खिंचाव के निशान को दूर करता है।
स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए विक्स वेपोरब का उपयोग करने के दो तरीके हैं यदि आप खिंचाव के निशान की दृश्यता को कम करना चाहते हैं, प्रभावित क्षेत्र पर विक्स वेपोरब को हल्के होथों से रगड़े। आप नियमित रूप से दो सप्ताह के बाद सकारात्मक परिणाम देखेंगे।
अपने सभी स्ट्रेच मार्क्स पर इसे रगड़ें और अपने कूल्हों के चारों तरफ एक चिपकने वाले पनी का टुकड़ा रखें। बाद में, टाइट लेगिंग्स (tight leggings) पहने और इसे रात भर के लिए छोड़ दें। जब आप जागते हैं तो स्ट्रेच मार्क्स चले जाना चाहिए। अगर वे गायब नहीं होते हैं, तो आप इसे अगली रात दोहरा सकते हैं।

Vicks Vaporub ke fayde 

वज़न कम करने के लिए विक्स वेपोरब का प्रयोग आप अपना वजन कम करने के लिए 2 चम्मच विक्स, 1 चम्मच बेकिंग सोडा (खाने का सोड़ा) आधा चम्मच कपूर पाउडर, और 2 चम्मच एल्कॉहल का एक मिश्रण बना लें। ध्यान रहे की इस मिश्रण में इतना विक्स वेपोरब मिलाएं कि पेस्ट जैसा बन जाएं।
एक बर्तन में इन सभी सामग्री को मिलाएं और इस पेस्ट को अपने पेट पर लगाएं। 5 मिनट के लिए धीरे मालिश करें और फिर अपने पेट को प्लास्टिक शीट से लपेट लें। इसे 1-2 घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इस बीच आप फिजीकल एक्सरसाइज करेंगें तो इसका असर डबल हो जायेगा, एक्सरसाइज करने के थोड़ी देर बाद इसे खोलकर पानी से धो लीजिए। यह विधि तुरंत परिणाम नहीं देती है, अच्छे रिजल्ट पाने के लिए लगभग 7 दिनों के लिए आपको यह करने की आवश्यकता हो सकती है।

अगर आपके हाथो या पैरो के नाखुनो में फंगस या पैरो की उंगलियो में खारवे या फंगस हो गई है तो आप वहाँ पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है।

पेट में गैस की वजह से दर्द 

अगर किसी के पेट में गैस की वजह से दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा विक्स अपने पेट तथा नाभि के आस-पास लगा लें। कुछ ही देर में गैस्ट्रिक प्रॉब्लम दूर हो जाएगी और पेटदर्द से आराम आ जाएगा।

जब आपके सिर में हल्का सा दर्द हो तो आप हल्के हाथ से माथे पर इसकी मालिश कर सकते है
अगर आपको मच्छर, मक्खियां परेशान कर रहे हैं तो आप थोड़ा सा विक्स वेपोरब थोड़ी सी रूई में लगाकर अपने पास रख लें। विक्स वेपोरब की मेंथॉल खुशबू से ही मच्छर-मक्खियां आपके पास नहीं आएंगे। 

विक्स वेपोरब के हैरान कर देने वाले फायदे-

vicks की बोतल को अगर खुले में रख देते है तो उस जगह के आस पास मक्खिया नही आएगी।
अगर पैरों में मौजे पहनने पर बदबू आती है तो रात को सोते समय पैरों में हल्की सी विक्स लगाकर मौजे पहन कर सो जाएं। सुबह उठ कर पैर ठंडे पानी से धो लें। एक ही दिन में पैरों की बदबू दूर हो जाएगी।
अगर आपके कान में दर्द है तो थोड़ी सी vicks रुई में लगा कर अपने कान के पास रख ले इस में मौजूद मेंथोल अपना काम करेगा और आपको दर्द से आराम मिल जायेगा।

 मांस-पेशियों में खिंचाव

खेलते समय या कोई काम करते समय अगर शरीर की मांस-पेशियों में खिंचाव के कारण दर्द हो रहा है तो प्रभावित हिस्से तथा उसके आस-पास के हिस्से में विक्स वेपोरब लगा लें। इससे कुछ ही मिनट में आराम आ जाएगा। पीठ दर्द में भी विक्स वेपोरब से राहत मिलती है।
अगर आपकी त्वचा कहीं से कट गई है तो आप वहां पर भी vicks लगा सकते है यह बहुत दर्द करेगा पर आप इन्फेक्शन से बचे रहेगे।
अगर कोई ताज़ा खरोच लग गई हो तो vicks veporub में थोडा सा नमक मिला के लगाये |चोट का रंग नही बिगड़ेगा।

खांसी के लिए अपने पैरों पर विक्स का प्रयोग करें

यह स्पष्ट है कि Vicks VapoRub को अपने पैरों के तलवों पर लगाने से आपको कोई मदद नहीं मिलेगी। उत्पाद आपकी नाक से बहुत दूर है, इसलिए यह कोई अरोमाथेरेपी लाभ प्रदान नहीं करेगा।
फिर भी, एक लोकप्रिय सिद्धांत है जो कहता है कि विक्स आपके पैरों की नसों को उत्तेजित करके खांसी में मदद कर सकता है। सिद्धांत के अनुसार, यह उत्तेजना रीढ़ की हड्डी से मेडुला ऑबोंगेटा तक जाती हैमस्तिष्क में। मेडुला ऑब्लांगेटा आपके दिमाग का वह हिस्सा है जो खांसी को नियंत्रित करता है।
कुछ लोग इस विचार की तुलना मांसपेशियों में ऐंठन के सिद्धांत से करते हैं । कुछ वैज्ञानिक सोचते हैं कि कुछ तंत्रिकाओं की अति सक्रियता कम से कम एक प्रकार की मांसपेशियों में ऐंठन का कारण हो सकती है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि तेज मसालों से बना पेय इस प्रकार के ऐंठन के लिए मददगार हो सकता है। दालचीनी और कैप्साइसिन जैसे मसालेयौगिक जो मिर्च को गर्म बनाता है, उन नसों को विचलित कर सकता है जो इन ऐंठन का कारण बनती हैं।
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17.11.22

मेथीदाना खाने के क्या फ़ायदे हैं ?:Methidana khane ke fayade

 



घर पर आसानी से मिल जाने वाली मेथी में इतने सारे गुण है कि आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मेथी के पानी के कुछ चमत्कारिक फायदे  बताते हैं।

एक पानी से भरा गिलास ले कर उसमें दो चम्‍मच मेथी दाना डाल कर रातभर के लिये भिगो दें। सुबह इस पानी को छानें और खाली पेट पी जाएं। रातभर मेथी भिगोने से पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्‍सीडेंट गुण बढ जाते हैं। इससे शरीर की तमाम बीमारियां चुटकियों में खत्म हो जाती है। आइए आपको बताते है कौन सी है वो खतरनाक 7 बीमारियां जो भाग जाएंगी इस पानी को पीने से।

वजन कम करे-methi ke fayade 

यदि आप भिगोई हुई मेथी के साथ उसका पानी भी पियें तो आपको जबरदस्‍ती की भूख नहीं लगेगी। रोज एक महीने तक मेथी का पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है।

 
मेथी में galactomannan होता है जो कि एक बहुत जरुरी फाइबर कम्‍पाउंड है। इससे रक्‍त में शक्‍कर बड़ी ही धीमी गति से घुलती है। इस कारण से मधुमेह नहीं होता।

कोलेस्‍ट्रॉल लेवल घटाए-methi ke fayade 

बहुत सारी स्‍टडीज़ में प्रूव हुआ है कि मेथी खाने से या उसका पानी पीने से शरीर से खराब कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल कम होकर अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।

कान के बहने पर मेथी के औषधीय गुण फायदेमंद

कान के बहने की बीमारी में मेथी के फायदे ले सकते हैं। मेथी के बीजों (Methi Seeds) को दूध में पीस लें। इसे छानकर तैयार कर लें। इस रस को गुनगुना या हल्का गर्म करके 1-2 बूँद कान में डालें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है।

ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल-

मेथी में एक galactomannan नामक कम्‍पाउंड और पोटैशियम होता है। ये दो सामग्रियां आपके ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बड़ी ही सहायक होती हैं।


इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के नातेए मेथी का पानी गठिया से होने वाले दर्द में भी राहत दिलाती है।

कैंसर से बचाए-

मेथी में ढेर सारा फाइबर होता है जो कि शरीर से विषैले तत्‍वों को निकाल फेंकती है और पेट के कैंसर से बचाती है।किडनी स्‍टोनअगर आप भिगोई हुई मेथी का पानी 1 महीने तक हर सुबह खाली पेट पियेंगे आपकी किडनी से स्‍टोन जल्‍द ही निकल जाएंगे।
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