12.2.19

मूत्र बाधा का कारण प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना: लक्षण और उपचार

                                    


प्रोस्टेट नामक ग्रंथि केवल पुरुषों के शरीर में ही पाई जाती है। यह ग्रंथि उम्र बढ़ने के साथ आकार में बड़ी हो जाने से पेशाब करने में तकलीफ होती है। यह तकलीफ आमतौर पर 60 साल के पश्चात् अर्थात् बड़ी उम्र के पुरुषों में ही पाई जाती है।
  प्रोस्टेट एक छोटी सी ग्रंथि होती है जिसका आकार अ्खरोट के बराबर होता है। यह पुरुष के मूत्राषय के नीचे और मूत्रनली के आस-पास होती है।

प्रोस्टेट किन पुरुषों में बढ़ता है?

उम्र 50 के बाद लगभग 50 प्रतिशत पुरुषोंमे और 80 उम्र के बाद 90 प्रतिशत पुरुषों में बढ़ता है।
जिनके पिता, दादा को यह विकार था, वे इस विकार से पिडीत हो सकते हैं।
मोटे लोग
हृदय रोग वाले लोग
टाइप-2 मधुमेह वाले लोग
जिन लोगों में व्यायाम की कमी होती है
कामोत्तेजना की समस्या वाले पुरुष

प्रास्टैट ग्रन्थि बढ़ने के लक्षण :

रात को बार-बार पेशाब करने जाना।
पेशाब की धार धीमी और पतली हो जाना।
पेशाब करने के प्रारंभ में थोड़ी देर लगना।
रुक रुककर पेशाब का होना।
पेशाब लगने पर जल्दी जाने की तीव्र इच्छा होना किन्तु, उस पर नियंत्रण नहीं होना और कभी-कभी कपड़ों में पेशाब हो जाना।
*पेशाब करने के बाद भी बूँद-बूँद पेशाब का आना।
 *जैसे ही प्रोस्टेट  ग्रन्थि  बढती है मूत्र नली पर दवाब बढता है और पेशाब में रुकावट की स्थिति बनने लगती है। *पेशाब पतली धार में ,थोडी-थौडी मात्रा में लेकिन बार-बार आता है कभी-कभी पेशाब टपकता हुआ बूंद बूंद जलन के साथ भी आता है। 
*कभी-कभी पेशाब दो फ़ाड हो जाता है। 
*रोगी मूत्र रोक नहीं पाता है। 
* अंडकोषों में दर्द उठता रहता है।
यह रोग ७० के उम्र के बाद उग्र हो जाता है। पेशाब पूरी तरह रूक जाने पर चिकित्सक केथेटर लगाकर यूरिन बेग में मूत्र का प्रावधान करते हैं।
 बुजुर्गों को परेशान करने वाली इस बीमारी को नियंत्रित करने वाले कुछ घरेलू उपचार यहां प्रस्तुत कर रहे हैं  जिनका समुचित प्रयोग करने से इस व्याधि से मुक्ति पाई जा सकती है।
* दिन में ३-४ लिटर पानी पीने की आदत डालें। लेकिन शाम को ६ बजे बाद जरुरत मुताबिक ही पानी पियें ताकि रात को बार बार पेशाब के लिये न उठना पडे।.

* अलसी को मिक्सर में चलाकर पावडर बनालें । यह पावडर २० ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर दिन में दो बार पीयें। बहुत लाभदायक उपचार है।
*कद्दू मे जिन्क पाया जाता है जो इस रोग में लाभदायक है। कद्दू के बीज की गिरी निकालकर तवे पर सेक लें। इसे मिक्सर में पीसकर पावडर बनालें। यह चूर्ण २० से ३० ग्राम की मात्रा में नित्य पानी के साथ लेने से प्रोस्टेट सिकुडकर मूत्र खुलासा होने लगता है।

* चर्बीयुक्त ,वसायुक्त पदार्थों का सेवन बंद कर दें। मांस खाने से भी परहेज करें।
*हर साल प्रोस्टेट की जांच कराते रहें ताकि प्रोस्टेट केंसर को प्रारंभिक हालत में ही पकडा जा सके।

*चाय और काफ़ी में केफ़िन तत्व पाया जात है। केफ़िन मूत्राषय की ग्रीवा को कठोर करता है और प्रोस्टेट रोगी की तकलीफ़ बढा देता है। इसलिये केफ़िन तत्व वाली चीजें इस्तेमाल न करें।
* सोयाबीन में फ़ायटोएस्टोजीन्स होते हैं जो शरीर मे टेस्टोस्टरोन का लेविल कम करते हैं। रोज ३० ग्राम सोयाबीन के बीज गलाकर खाना लाभदायक उपचार है।

*विटामिन सी का प्रयोग रक्त नलियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये जरूरी है। ५०० एम जी की ३ गोली प्रतिदिन लेना हितकर माना गया है। 
* दो टमाटर प्रतिदिन अथवा हफ़्ते में कम से कम दो बार खाने से प्रोस्टेट केंसर का खतरा ५०% तक कम हो जाता है। इसमें पाये जाने वाले लायकोपिन और एन्टिआक्सीडेंट्स केंसर पनपने को रोकते हैं।
*गोक्षुरा में मूत्रवर्धक गुण होते हैं जो मूत्र स्राव को बढ़ाते हैं और मूत्र प्रवाह के दौरान सूजन और जलन को कम करते हैं। गोक्षुरा में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो सूजन को भी कम करते हैं।

प्रोस्टेट खतरनाक कब होता है?

प्रोस्टेट का बढ़ना खतरनाक हो सकता है अगर यह मूत्र प्रवाह को बाधित करता है। इस स्थिति के कारण मूत्र प्रतिधारण, मूत्राशय में संक्रमण या यहां तक ​​कि गुर्दे में संक्रमण भी हो सकता है। कुछ मामलों में, गंभीर प्रोस्टेट वृद्धि मूत्र प्रवाह को पूरी तरह से अवरुद्ध कर सकती है या गुर्दे की विफलता का कारण बन सकती है।

प्रोस्टेट में क्या नहीं खाना चाहिए?

प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं जैसे बढ़े हुए प्रोस्टेट या प्रोस्टेट कैंसर से बचने के लिए, आपको कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इन खाद्य पदार्थों में लाल मांस, प्रसंस्कृत मांस, डेयरी उत्पाद, शराब, कैफीन, और बहुत अधिक नमक शामिल हैं।
दामोदर हॉस्पिटल &रिसर्च सेंटर की हर्बल औषधि से  इस रोग को जड़ से खत्म  किया जा सकता है . 

सावधानी: 

किसी भी औषधि तत्व को इस्तेमाल करने से पहिले किसी चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह लेना उचित  है |

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विशिष्ट परामर्श-




प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने मे हर्बल औषधि सर्वाधिक कारगर साबित हुई हैं| यहाँ तक कि लंबे समय से केथेटर नली लगी हुई मरीज को भी केथेटर मुक्त होकर स्वाभाविक तौर पर खुलकर पेशाब आने लगता है| प्रोस्टेट ग्रंथि के अन्य विकारों (मूत्र    जलन , बूंद बूंद पेशाब टपकना, रात को बार -बार  पेशाब आना,पेशाब दो फाड़)  मे रामबाण औषधि है|  केंसर की नोबत  नहीं आती| आपरेशन  से बचाने वाली औषधि हेतु वैध्य श्री दामोदर से 
98267-95656
 पर संपर्क कर सकते हैं|
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