लहसुन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
लहसुन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

17.8.24

गठिया और सन्धिवात को अलविदा कहें: दर्द और सूजन के लिए रामबाण नुस्खे

गठिया के इलाज का विडिओ 
                                       

         

मित्रों ,घरेलु उपचार के विडियो  की श्रंखला  में आज हम गठिया  ,संधिवात ,गाउट रोग को पूरी तरह काबू में लाने के रामबाण उपाय बता रहे हैं -
आजकल की बदलती जीवनशैली, मोटापा, गलत खान-पान आदि के कारण यह बीमारी अब सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रह गई है। दरअसल युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं. गठिया का सबसे ज्यादा असर घुटनों और फिर कूल्हे की हड्डियों में देखने को मिलता है। कई लोगों को समय-समय पर शरीर में दर्द और अकड़न महसूस होती है। कभी-कभी उनके हाथों, कंधों और घुटनों में सूजन और दर्द होने लगता है और उन्हें हाथ हिलाने में भी दिक्कत होती है। ऐसे लोग गठिया रोग से पीड़ित हो सकते हैं।

 कैमिकलयुक्त दवाओं से बेहतर है कि आप गठिया को  घरेलू या आयुर्वेदिक रूप से ठीक करें। इसका कारण यह है कि प्राकृतिक रूप से बनी जड़ी बूटियों में किसी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होता। गठिया को ठीक करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।

ये नुस्खे गठिया  से दिलाए छुटकारा -दर्द-सूजन पर वार करे करारा 

 अमलतास

यह एक पेड़ है जिसकी 10-20 ग्राम पत्तियों को घी या सरसो के तेल में मिलाकर या पकाकर खाने से रूमेटाइड आर्थराइटिस से आराम मिलता है।

सुखी अदरक

सुखी अदरक में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जिससे जोड़ों में होने वाले दर्द से और सूजन से आराम मिलता है। लगभग आधा गिलास हल्का गर्म पानी में सुखी अदरक को मिलाकर पीने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। आप दिन में दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।

 हरड़ और गुडुची

गुडुची के साथ हरड़ का सेवन करने से रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारण उत्पन्न दर्द से राहत मिलती है। अपने जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए आप सुखी अदरक और गुडुची को पीसकर उसमें 5 ग्राम हरड़ का पाउडर मिलाकर उसका सेवन कर सकते हैं।
*जितना हो सके उतना ज़्यादा पानी पीएं। इससे आप दिनभर हाइड्रेटिड रहेंगें।

हल्दी :

*हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना जाता है। चोट लगने पर हल्दी का प्रयोग किया जाए, तो जल्द राहत मिलती है। इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जिससे शरीर में सूजन कम होने लगती है। साथ ही ये आर्थराइटिस के असर को धीरे-धीरे कम करने में सहायक है।

अरंडी का तेल

अरंडी का तेल शरीर में लिम्फोसाइट को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें टी सेल यानी श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं जो किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सहायक होती है।गठिया (Arthritis) एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करती है. यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम होती है.

 गठिया के मरीजों को इन पांच फूड्स से बचना चाहिए.

. चावल

चावल में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं. 

गठिया के मरीजों को एक हेल्दी और बैलेंस डाइट का सेवन करना चाहिए जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुबला प्रोटीन शामिल हों. नियमित व्यायाम भी गठिया के लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकता है

कोल्ड ड्रिंक

कोल्ड ड्रिंक में चीनी और ऑर्टिफिशियल स्वीटनर होते हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं. गठिया के मरीजों को पानी, हर्बल चाय या कम चीनी वाले फल  के पेय का सेवन करना चाहिए.

 गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए टिप्स:

*पानी भरपूर मात्रा में पिएं: शरीर में पानी की कमी गठिया के दर्द को बढ़ा सकती है. इसलिए, दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है.
*अरंडी के तेल की मालिश किसी भी दर्द का रामबाण इलाज है। अगर आपके जोड़ों में भी हमेशा दर्द की शिकायत रहती है तो आप अरंडी के तेल से जोड़ों की मालिश कर सकते हैं।
*गठिया के लिए आमलकी, अश्वगंधा और शतावरी को मिलाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोज़ाना सुबह खाली पेट खाएं।
 *नींबू का रस निकालकर जोड़ों की मालिश करें। इससे सूजन व जोड़ों का दर्द खत्म होता है।
* गठिया होने का कारण यूरिक एसिड का बढ़ना है। इसको नियंत्रित करने के लिए आप लहसुन को शहद में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
* कच्चे आलू का रस निकालकर रोज़ाना खाली पेट पानी के साथ आधा कप पिएं।

 सूर्य की किरणों का हल्का सहारा लें: 

सुबह की हल्की धूप जोड़ों के लिए फायदेमंद होती है. विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.

* ठंडे से बचें:

एयर कंडीशनर के अत्यधिक प्रयोग से बचें. ठंड जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकती है.

* वजन को कंट्रोल में रखें:

ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है. हेल्दी वजन बनाए रखने से गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है.

* नियमित व्यायाम करें: 

हल्के व्यायाम जोड़ों को लचीला बनाते हैं और दर्द को कम करते हैं.
गर्मियों में हड्डियों को मजबूत बनाने वाले डेयरी रहित खाद्य पदार्थ:

* हरी पत्तेदार सब्जियां:

लक, मेथी, ब्रोकली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम और विटामिन-के भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.

* सोयाबीन:

सोयाबीन प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा सोर्स है. सोया दूध, टोफू और एडामे का सेवन गठिया के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है.

* अलसी के बीज: 

अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं.

* अनार का दाना: 

अनार के दानों में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं.

* नट्स और बीज: 

बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज आदि कैल्शियम, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट के अच्छे सोर्स हैं. ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.


पानी -

पानी यूरिक एसिड की मात्रा को शरीर में संतुलित रखने में बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होता है।

लहसुन -

गठिया व जोड़ों का दर्द में लहसुन काफी फायदेमंद साबित होता है।
इसके लिए आप लहसुन की 3-4 कलियां सुबह खाली पेट ले।

एलोवेरा -

एलोवेरा का इस्तेमाल भी गठिया के दर्द में आराम पाने के लिए किया जाता है।
इसके लिए आप दर्द वाले स्थान पर ताजा एलोवेरा का जेल लगाएं यह आप के दर्द को बहुत हद तक कम कर देगा।

आलू -

आलू के रस में कार्बनिक और विभिन्न प्रकार के खनिज के गुण मौजूद होते हैं।
जिस वजह से यह गठिया के इलाज में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।

प्रभावित जोड़ों पर बर्फ लगाना

कपड़े से ढके बर्फ के पैक को जोड़ पर लगाने से गाउट से संबंधित सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
दर्द से राहत पाने के लिए बर्फ की थैली या अन्य ठंडी वस्तु को पतले तौलिये में लपेटकर 20 मिनट तक रखें।


---------------------

1.8.24

अस्थमा और सांस फूलने के लिए रामबाण घरेलू उपचार: आयुर्वेदिक तरीके से दमा निवारण

 



मित्रों,घरेलू आयुर्वेद से चिकित्सा करने के विडिओ प्रस्तुत करने की शृंखला मे आज का टॉपिक है  "अस्थमा और सांस फूलने की समस्या  के लिए रामबाण घरेलू उपचार: आयुर्वेदिक तरीके से दमा निवारण"
अस्थमा सांस की बीमारी है, इसे दमा भी कहा जाता है। जब श्वसन मार्ग में सूजन पैदा हो जाए तो इससे छाती में कसाव महसूस होने लगता है। जिससे सांस लेने पर परेशानी होती है। कई बार तो खांसी भी होने लगती है। 
 अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

अस्थमा के कारण क्या है

अभी तक अस्थमा के सटीक कारणों का पता नहीं लगा पाया गया है लेकिन इस बीमारी के पीछे अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार हो सकते हैं अस्थमा रोग के शिकार अक्सर धूम्रपान करने वाले या फिर तंबाकू खाने वाले होते हैं। इसके अलावा धूल के कण वायु प्रदूषण, ठंडी हवा भी इसके कारण हो सकते हैं शारीरिक गतिविधियां, एलर्जिक रिएक्शन और कुछ भोज्य पदार्थों के कारण होता है। इसके अलावा अधिक तनाव और भावनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण भी यह बीमारी हो जाती है। पेय पदार्थों जैसे बीयर, वाइन खाद्य पदार्थों जैसे सूखे मेवे भी इस बीमारी का कारण हो सकते हैं

अस्थमा मे शहद  उपयोगी 




अस्थमा के लक्षणों को कम करने में शहद काफी प्रभावी होता है। इसका उपयोग करने से खांसी, जुकाम और गले में खराश जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप एक गिलास गुनगुने
पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर इसे घूंट-घूंट करके पिएं। दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने से आपको जल्द आराम मिल सकता है।
 रात में सोने से पहले भी एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर उसे चाट लें।

अदरक-अस्थमा मे फायदेमंद 






अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह खांसी, गले में खराश और दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अदरक के टुकड़े को चबा करके भी खा सकते हैं।

कॉफी

आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन कॉफी भी अस्थमा से राहत दिलाने का एक आसान लेकिन कारगर उपाय है। इसके लिए आप एक कप गर्मागर्म कॉफी का सेवन करें। इससे आपको तुरंत अस्थमा से राहत मिलती है। दरअसल, यह तुरंत वायुमार्ग को खोलता है, जिससे आपको सांस लेने में आसानी होती है।

हल्दी अस्थमा मे उपयोगी 







एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें। करीबन पंद्रह दिनों तक इस उपचार को दिन में तीन बार करें। हल्दी एक बेहतरीन एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट है। साथ ही इसमें कर्क्युमिन भी पाया जाता है, जो अस्थमा से लड़ने में मददगार है।

अदरक और हल्दी- से अस्थमा  मे राहत 






अदरक और हल्दी को औषधिय गुणों का भंडार माना जाता है। इसका इस्तेमाल कर आप आसानी से अस्थमा को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास दूध में थोड़ी सी अदरक कद्दूकस करके उबाल लें।  इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन करे। आयुर्वेद के अनुसार दिन में 2 बार इसका सेवन करने से आपको अस्थमा अटैक से काफी लाभ मिलेगा।

 अस्थमा मे लहसुन का दूध उपकारी 



लहसून एक औषधी है और अगर इसे रात में दूध में मिलाकर पीया जाए तो अस्थमा जैसी कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। इसका इस्तेमाल के लिए रोजाना रात में एक गिलास लहसून के दूध का सेवन करें।

लहसुन में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो अस्थमा की समस्या को कम करने में कारगर होता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आधा कप  गरम अदरक वाली चाय में 2-3 लहसुन की कली पीसकर डाल लें और सेवन करें 

तेज पत्ता

तेज पत्ता अस्थमा की समस्या को कम करने में काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आधा चम्मच तेज पत्ता पाउडर में एक चौथाई चम्मच पिपली और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन  बार इसका सेवन करे। यह क्रोनिक अस्थमा में कारगर साबित होता है।

दालचीनी से अस्थमा मे  राहत 




दालचीनी में कैल्शियम, मैग्नीशियम आयरन एवं प्रोटीन जैसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो अस्थमा के मरीजों के लिए काफी कागर है। इसके साथ ही इसका सेवन शहद के साथ करने से इसके लाभ दोगुना बढ़ जाते हैं। 
रात को सोने से पहले एक कप गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चौथाई चम्मच त्रिकटु चूर्ण और 1 चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। आप चाहे तो दिन में 2 बार इसका सेवन कर सकते हैं।


इसी तरह के घरेलू आयुर्वेद के विडिओ अपने मोबाईल पर प्राप्त करने के लिए हमारा चैनल subscribe  कीजिए ,धन्यवाद ,आभार !

---