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17.8.24

गठिया संधिवात का सही इलाज क्या है?गठिया रोगी क्या खाएं क्या परहेज करें


                                                 

गठिया को जितना हो सके उतने प्राकृतिक रूप से इलाज करना चाहिए। कैमिकलयुक्त दवाओं से बेहतर है कि आप इसको घरेलू या आयुर्वेदिक रूप से ठीक करें। इसका कारण यह है कि प्राकृतिक रूप से बनी जड़ी बूटियों में किसी प्रकार के साइड इफेक्ट नहीं होता। गठिया को ठीक करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का प्रयोग कर सकते हैं।

जितना हो सके उतना ज़्यादा पानी पीएं। इससे आप दिनभर हाइड्रेटिड रहेंगें।
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक माना जाता है। चोट लगने पर हल्दी का प्रयोग किया जाए, तो जल्द राहत मिलती है। इसमें करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है जिससे शरीर में सूजन कम होने लगती है। साथ ही ये आर्थराइटिस के असर को धीरे-धीरे कम करने में सहायक है।
अरंडी का तेल शरीर में लिम्फोसाइट को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें टी सेल यानी श्वेत रक्त कोशिकाएं होती हैं जो किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सहायक होती है।गठिया (Arthritis) एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न पैदा करती है. यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह आमतौर पर 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में अधिक आम होती है.
 गठिया, जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनने वाली एक आम बीमारी है. यह अलग-अलग प्रकारों में हो सकती है, जिनमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटॉयड गठिया और गाउट शामिल हैं. गठिया के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न और गति की कमी शामिल हो सकती है.
. गठिया के मरीजों को इन पांच फूड्स से बचना चाहिए.
. चावल
चावल में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं. गठिया के मरीजों को भूरे चावल या क्विनोआ जैसे साबुत अनाज का विकल्प चुनना चाहिए.
आइसक्रीम
आइसक्रीम में चीनी और डेयरी उत्पाद होते हैं, जो दोनों ही गठिया के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं. गठिया के मरीजों को फल या दही से बनी कम वसा वाली आइसक्रीम का विकल्प चुनना चाहिए.
गठिया के मरीजों को एक हेल्दी और बैलेंस डाइट का सेवन करना चाहिए जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुबला प्रोटीन शामिल हों. नियमित व्यायाम भी गठिया के लक्षणों को मैनेज करने में मदद कर सकता है
कोल्ड ड्रिंक
कोल्ड ड्रिंक में चीनी और ऑर्टिफिशियल स्वीटनर होते हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं. गठिया के मरीजों को पानी, हर्बल चाय या कम चीनी वाले फल पेय का सेवन करना चाहिए.
ठंडा पानी
ठंडा पानी जोड़ों को कठोर बना सकता है और दर्द और अकड़न को बढ़ा सकता है. गठिया के मरीजों को गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए
दही
दही में कैसिइन नामक प्रोटीन होता है, जो कुछ लोगों में सूजन को ट्रिगर कर सकता है. गठिया के मरीजों को दही के बजाय कम वसा वाले दूध या दही का ऑप्शन चुनना चाहिए.
गर्मी का मौसम में कई लोगों के लिए गठिया की समस्या बढ़ जाती है. जोड़ों में अकड़न, दर्द और सूजन की समस्याएं उन्हें परेशान करने लगती हैं. दरअसल, गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे जोड़ों में लुब्रिकेशन कम हो जाता है और दर्द बढ़ जाता है
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. कुछ आसान उपायों और खान-पान में बदलाव करके आप गर्मियों में भी गठिया के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं. आइए जानते हैं गर्मियों में गठिया के लक्षणों को कम करने के कुछ टिप्स और हड्डियों को मजबूत बनाने वाले डेयरी रहित फूड के बारे में.
गर्मियों में गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए टिप्स:
पानी भरपूर मात्रा में पिएं: शरीर में पानी की कमी गठिया के दर्द को बढ़ा सकती है. इसलिए, दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है.
अरंडी के तेल की मालिश किसी भी दर्द का रामबाण इलाज है। अगर आपके जोड़ों में भी हमेशा दर्द की शिकायत रहती है तो आप अरंडी के तेल से जोड़ों की मालिश कर सकते हैं।
गठिया के लिए आमलकी, अश्वगंधा और शतावरी को मिलाकर उसका चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोज़ाना सुबह खाली पेट खाएं।
 नींबू का रस निकालकर जोड़ों की मालिश करें। इससे सूजन व जोड़ों का दर्द खत्म होता है।
 गठिया होने का कारण यूरिक एसिड का बढ़ना है। इसको नियंत्रित करने के लिए आप लहसुन को शहद में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
 कच्चे आलू का रस निकालकर रोज़ाना खाली पेट पानी के साथ आधा कम पिएं।
 सूर्य की किरणों का हल्का सहारा लें: सुबह की हल्की धूप जोड़ों के लिए फायदेमंद होती है. विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है.
* ठंडे से बचें: एयर कंडीशनर के अत्यधिक प्रयोग से बचें. ठंड जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकती है.
* वजन को कंट्रोल में रखें: ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है. हेल्दी वजन बनाए रखने से गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है.
* नियमित व्यायाम करें: हल्के व्यायाम जोड़ों को लचीला बनाते हैं और दर्द को कम करते हैं.
गर्मियों में हड्डियों को मजबूत बनाने वाले डेयरी रहित खाद्य पदार्थ:
* हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, ब्रोकली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में कैल्शियम और विटामिन-के भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.
* सोयाबीन: सोयाबीन प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा सोर्स है. सोया दूध, टोफू और एडामे का सेवन गठिया के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है.
गठिया का नुस्खा 
*आप दौ सौ पचास ग्राम गुड़ जो दो साल पुराना हो।और इतनी ही साबुत हल्दी की गांठें।बीस ग्राम सौंठ।ले सबसे पहले एक लोहे की कड़ाही में। थोड़ी बालू रेत में धिमी आंच पर हल्दी को बीस मिनट तक पकाये फिर तुरन्त उसे कूटकर कपडछानं कर ले यानी बारिक पाउडर बना लें फिर उस कढ़ाई को साफ करने के बाद उसमें गुड़ डाल दें।और उसे पलटे से हिलाते रहें थोड़ा पिघलने पर उसमें हल्दी पाउडर व सौंठ पावडर डाल कर जल्दी से मिक्स कर लें।और फिर उसकी इक्कीस गोली बना लें ।तीन गोली हर रोज सुबह दोपहर और शाम को एक गिलास थोड़ा गर्म दूध के साथ लें।दुध देशी गाय या बकरी का होना जरूरी है। ये सात दिन लें ।परहेज ।चटपटा व तली हुई चीजें आचार व बाय वाली सब्जी ना लें ।  यही विधि दोबारा करें।जब तक सम्पूर्ण ठीक न हो करते रहे।
* अलसी के बीज: अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
* अनार का दाना: अनार के दानों में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं.
* नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज आदि कैल्शियम, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट के अच्छे सोर्स हैं. ये हड्डियों को मजबूत बनाते हैं.
गर्मियों में इन उपायों और फूड को अपनाकर आप गठिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाए रख सकते हैं
गठिया के इलाज के लिए बाजार में कई तरह की दवाइयां उपलब्ध है लेकिन गठिया के सबसे अच्छे इलाज में घरेलू उपचार इन दवाइयों से ज्यादा फायदेमंद साबित होता है -
पानी -पानी यूरिक एसिड की मात्रा को शरीर में संतुलित रखने में बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होता है।
आप गठिया के इलाज के लिए दिन भर में 4 से 5 लीटर पानी का सेवन करें।
हल्दी -गठिया के दौरान सूजन और दर्द की समस्या अत्यधिक बढ़ जाती है।
आप रोजाना सोने से पहले हल्दी वाला दूध का सेवन करें। यह आपके सूजन और दर्द को कम करने में मददगार साबित होगा।
अदरक -अदरक हमारे शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने के साथ ही दर्द में भी राहत पहुंचाने का काम करता है।
आप दर्द वाले स्थान पर अदरक के तेल की मालिश करें।
लहसुन -गठिया व जोड़ों का दर्द में लहसुन काफी फायदेमंद साबित होता है।
इसके लिए आप लहसुन की 3-4 कलियां सुबह खाली पेट ले।
एलोवेरा -एलोवेरा का इस्तेमाल भी गठिया के दर्द में आराम पाने के लिए किया जाता है।
इसके लिए आप दर्द वाले स्थान पर ताजा एलोवेरा का जेल लगाएं यह आप के दर्द को बहुत हद तक कम कर देगा।
सौंठ -
गठिया के इलाज में सौंठ का सेवन भी बहुत फायदेमंद साबित होता है।
इससे गठिया के रोग में बहुत ज्यादा आराम मिलता है। आप सौंठ का सेवन किसी भी रूप में कर सकते हैं।
आलू -आलू के रस में कार्बनिक और विभिन्न प्रकार के खनिज के गुण मौजूद होते हैं।
जिस वजह से यह गठिया के इलाज में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं।

1.8.24

सांस फूलना अस्थमा के कारण, लक्षण घरेलू उपचार :Asthma home remedies

 



दुनियाभर में करीब 24 करोड़ लोग अस्थमा से पीडित हैं। वहीं भारत की बात की जाए तो करीब 2 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। अस्थमा कई कारणों से हो सकता है। कई लोगों को यह बीमारी जेनेटिक मिलती हैं तो कई लोग एलर्जी के कारण इस समस्या का शिकार हो जाते है। शुरुआत में ही अस्थमा का इलाज करा जाए तो इसके अटैक से आप खुद को बचा सकते हैं। अस्थमा के मरीजों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
सांस लिए बिना व्यक्ति दो मिनट तक भी नहीं रह सकता, लेकिन फिर भी लोग इसे बेहद सामान्य मानते हैं। आप भले ही सांसों का मोल न समझते हों लेकिन इसकी वास्तविक कीमत एक अस्थमा पीडि़त व्यक्ति ही समझ सकता है। श्वसन संबंधी यह समस्या कभी−कभी जानलेवा भी साबित होती है।

अस्थमा के कारण क्या है

अभी तक अस्थमा के सटीक कारणों का पता नहीं लगा पाया गया है लेकिन इस बीमारी के पीछे अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारण जिम्मेदार हो सकते हैं अस्थमा रोग के शिकार अक्सर धूम्रपान करने वाले या फिर तंबाकू खाने वाले होते हैं। इसके अलावा धूल के कण वायु प्रदूषण ठंडी हवा भी इसके कारण हो सकते हैं शारीरिक गतिविधियां, एलर्जिक रिएक्शन और कुछ भोज्य पदार्थों के कारण होता है। इसके अलावा अधिक तनाव और भावनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण भी यह बीमारी हो जाती है। पेय पदार्थों जैसे बीयर, वाइन खाद्य पदार्थों जैसे सूखे मेवे भी इस बीमारी का कारण हो सकते हैं

शहद -

अस्थमा के लक्षणों को कम करने में शहद काफी प्रभावी होता है। इसका उपयोग करने से खांसी, जुकाम और गले में खराश जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप एक गिलास गुनगुने
पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर इसे घूंट-घूंट करके पिएं। दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करने से आपको जल्द आराम मिल सकता है।
श्वास संबंधी समस्याओं को दूर करने में शहद सबसे पुराना और प्राकृतिक उपचार है। इसके लिए एक गिलास गर्म पानी लेकर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर उसका धीरे−धीरे सेवन करें। इसके अतिरिक्त रात में सोने से पहले भी एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर उसे चाट लें।

अदरक-

अदरक में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह खांसी, गले में खराश और दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अदरक के टुकड़े को चबा करके भी खा सकते हैं।

कॉफी

आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन कॉफी भी अस्थमा से राहत दिलाने का एक आसान लेकिन कारगर उपाय है। इसके लिए आप एक कप गर्मागर्म कॉफी का सेवन करें। इससे आपको तुरंत अस्थमा से राहत मिलती है। दरअसल, यह तुरंत वायुमार्ग को खोलता है, जिससे आपको सांस लेने में आसानी होती है।

हल्दी

एक गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें। करीबन पंद्रह दिनों तक इस उपचार को दिन में तीन बार करें। हल्दी एक बेहतरीन एंटीमाइक्रोबॉयल एजेंट है। साथ ही इसमें कर्क्युमिन भी पाया जाता है, जो अस्थमा से लड़ने में मददगार है।

अदरक और हल्दी-

अदरक और हल्दी को औषधिय गुणों का भंडार माना जाता है। इसका इस्तेमाल कर आप आसानी से अस्थमा को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास दूध में थोड़ी सी अदरक कद्दूकस करके उबाल लें। इसके साथ ही इसमें आधा चम्मच हल्दी पाउडर या थोड़ी कच्ची अदरक कद्दूकस करके डाल लें। इसके बाद इसका सेवन करे। आयुर्वेद के अनुसार दिन में 2 बार इसका सेवन करने से आपको अस्थमा अटैक से काफी लाभ मिलेगा।

लहसुन

लहसुन में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो अस्थमा की समस्या को कम करने में कारगर होता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आधा कप अदरक वाली चाय में 2-3 लहसुन की कली पीसकर डाल लें। इसके बाद इसका सेवन करे।जाना।
इसके अलावा कुछ व्यक्तियों में एक्सरसाइज के दौरान अस्थमा (दमा)के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं और ठंडी या शुष्क हवा में यह लक्षण अधिक गंभीर हो जाते हैं।
फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोगों में धूल, गैस, धुआं और रसायनों के कारण अस्थमा के लक्षण अधिक बढ़ जाते हैं।

तेज पत्ता

तेज पत्ता अस्थमा की समस्या को कम करने में काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए आधा चम्मच तेज पत्ता पाउडर में एक चौथाई चम्मच पिपली और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में कीन बार इसका सेवन करे। यह क्रोनिक अस्थमा में कारगर साबित हो सकता है।

दालचीनी

दालचीनी में कैल्शियम, मैग्नीशियम आयरन एवं प्रोटीन जैसे गुणकारी तत्व पाए जाते हैं जो अस्थमा के मरीजों के लिए काफी कागर है। इसके साथ ही इसका सेवन शहद के साथ करने से इसके लाभ दोगुना बढ़ जाते हैं। रात को सोने से पहले एक कप गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चौथाई चम्मच त्रिकटु चूर्ण और 1 चम्मच शहद मिलाकर इसका सेवन करें। आप चाहे तो दिन में 2 बार इसका सेवन कर सकते हैं।
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