अनिद्रा (Insomnia) से परेशान व्यक्ति को रात में काफ़ी देर तक बिस्तर पर पड़े रहने से भी नींद नहीं आती है। आयुर्वेद की माने तो यह किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं बल्कि किसी दूसरे रोग से या फिर मानसिक असंतुलन से होने वाली समस्या है।
बता दें कि इसके अलग-अलग कारण जैसे अत्यधिक चिंता, तनाव, मन में कोई न कोई बात सोचते रहना, डर, पाचन तंत्र ठीक न होना हो सकते हैं। इस समस्या में एक बार जागने पर दोबारा सोने में भी बहुत ज़्यादा मुश्किल होने लग जाती है।
आज के समय में लोग इस तनाव भरी स्थिति को दूर करने के लिए काफ़ी दवाइयों का सेवन करते नज़र आते हैं जो उनके शरीर में किडनी और लीवर को नुक़सान पहुंचा सकती हैं। अगर अनिद्रा (insomnia) नींद नहीं आने के कारण के और लक्षणों को अच्छे से जान लिया जाए तो आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार की सहायता से इस समस्या को जल्दी दूर किया जा सकता है।
आयुर्वेद में अनिद्रा क्या होती है- What is Insomnia in Ayurveda
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार अगर आपके शरीर में तीनों दोष यानी वात, पित्त और कफ संतुलित हैं तो आपको किसी भी प्रकार की बीमारी हानि नहीं पहुंचा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब वात दोष असंतुलित रहने लग जाए तो व्यक्ति अनिद्रा से ग्रसित रहने लग जाता है। वर्तमान समय में लोगों का खान-पान और जीवनशैली बहुत खराब हो गई है जिसके चलते वह अनिद्रा जैसी अनेक समस्याओं से परेशान रहने लग जाता है।
अनिद्रा (Insomnia) नींद नहीं आने के कारण
अगर आप इस समस्या को जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं तो आपको इसके मुख्य कारणों की जानकारी होनी बहुत ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं, सही समय पर इनके उपर ध्यान देकर आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा अनिद्रा से बचा जा सकता है।आज के समय में लोग आर्थिक परेशानी, पारिवारिक और निजी ज़िन्दगी को लेकर अनेक बातों के बारे में सोचते रहते हैं जिसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर होने लगता है। मानसिक असंतुलन को अनिद्रा का सबसे अहम कारण माना जाता है।
जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं उनको यह समस्या ज़्यादा परेशान करती है।
एक शोध कहती है कि कई लोग रात को ज़्यादा खाना खा लेते हैं जिसके बाद उनको बेचैनी और घबराहट होने लगती है, यह भी अनिद्रा का मुख्य कारण है।
अधिक चिंता और तनाव की वज़ह से मस्तिष्क की अनेक बीमारियां होने का डर बना रहता है जो अनिद्रा का कारण बन सकती हैं।
जो लोग अपनी किसी भी प्रकार की बीमारी को दूर करने के लिए काफ़ी मात्रा में दवाइयों का सेवन कर रहे हैं वह भी अनिद्रा का आसान शिकार बन सकते हैं।
अगर आपकी पाचन क्रिया खराब है तो आप जल्दी इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
इन सभी के अलावा अल्जाइमर, थायराइड, अस्थमा रोग, शुगर, हृदय रोग और जोड़ों की किसी भी प्रकार की बीमारी के कारण भी अनिद्रा की समस्या आपको परेशान कर सकती है।
बता दें कि इसके अलग-अलग कारण जैसे अत्यधिक चिंता, तनाव, मन में कोई न कोई बात सोचते रहना, डर, पाचन तंत्र ठीक न होना हो सकते हैं। इस समस्या में एक बार जागने पर दोबारा सोने में भी बहुत ज़्यादा मुश्किल होने लग जाती है।
आज के समय में लोग इस तनाव भरी स्थिति को दूर करने के लिए काफ़ी दवाइयों का सेवन करते नज़र आते हैं जो उनके शरीर में किडनी और लीवर को नुक़सान पहुंचा सकती हैं। अगर अनिद्रा (insomnia) नींद नहीं आने के कारण के और लक्षणों को अच्छे से जान लिया जाए तो आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार की सहायता से इस समस्या को जल्दी दूर किया जा सकता है।
आयुर्वेद में अनिद्रा क्या होती है- What is Insomnia in Ayurveda
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार अगर आपके शरीर में तीनों दोष यानी वात, पित्त और कफ संतुलित हैं तो आपको किसी भी प्रकार की बीमारी हानि नहीं पहुंचा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब वात दोष असंतुलित रहने लग जाए तो व्यक्ति अनिद्रा से ग्रसित रहने लग जाता है। वर्तमान समय में लोगों का खान-पान और जीवनशैली बहुत खराब हो गई है जिसके चलते वह अनिद्रा जैसी अनेक समस्याओं से परेशान रहने लग जाता है।
अनिद्रा (Insomnia) नींद नहीं आने के कारण
अगर आप इस समस्या को जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं तो आपको इसके मुख्य कारणों की जानकारी होनी बहुत ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं, सही समय पर इनके उपर ध्यान देकर आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा अनिद्रा से बचा जा सकता है।आज के समय में लोग आर्थिक परेशानी, पारिवारिक और निजी ज़िन्दगी को लेकर अनेक बातों के बारे में सोचते रहते हैं जिसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर होने लगता है। मानसिक असंतुलन को अनिद्रा का सबसे अहम कारण माना जाता है।
जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं उनको यह समस्या ज़्यादा परेशान करती है।
एक शोध कहती है कि कई लोग रात को ज़्यादा खाना खा लेते हैं जिसके बाद उनको बेचैनी और घबराहट होने लगती है, यह भी अनिद्रा का मुख्य कारण है।
अधिक चिंता और तनाव की वज़ह से मस्तिष्क की अनेक बीमारियां होने का डर बना रहता है जो अनिद्रा का कारण बन सकती हैं।
जो लोग अपनी किसी भी प्रकार की बीमारी को दूर करने के लिए काफ़ी मात्रा में दवाइयों का सेवन कर रहे हैं वह भी अनिद्रा का आसान शिकार बन सकते हैं।
अगर आपकी पाचन क्रिया खराब है तो आप जल्दी इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
इन सभी के अलावा अल्जाइमर, थायराइड, अस्थमा रोग, शुगर, हृदय रोग और जोड़ों की किसी भी प्रकार की बीमारी के कारण भी अनिद्रा की समस्या आपको परेशान कर सकती है।
नींद न आने के मुख्य लक्षण:
जब व्यक्ति को काफ़ी देर तक बिस्तर पर पड़े रहने पर भी नींद नहीं आती।
कई बार लोग रात को जागने के बाद दोबारा सो नहीं पाते।
सुबह नींद से उठने के बाद भी सुस्ती आना।
थका-थका रहना, घबराहट और आलस्य इसके मुख्य लक्षण।
नींद पूरी न होने की वज़ह से चिड़चिड़ापन रहना।
अनिद्रा को दूर करने के घरेलू उपाय
अश्वगंधा लाभदायक—इसके चूर्ण को अगर वैद्य की सलाह के अनुसार दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाए तो अनिद्रा की समस्या को जल्दी ख़त्म किया जा सकता है।
सरसों का तेल फायदेमंद—
दालचीनी चूर्ण उपयोगी—
जायफल उत्तम औषधि—
आरामदायक बिस्तर पर सोएँ
ऐसे किसी गद्दे पर आराम से सोना मुश्किल है जो या तो बहुत नरम या बहुत कठोर है, या एक बिस्तर जो बहुत छोटा या पुराना है।
नियमित व्यायाम करे
नियमित रूप से मध्यम शक्ति वाले व्यायाम करना, जैसे तैराकी या पैदल चलना, दिन भर के तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है। सुनिश्चित करें कि आप सोते समय जोरदार व्यायाम नहीं करते हैं, जैसे दौड़ना या जिम, क्योंकि यह आपको जागृत रख सकता है।
आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने आप को किस तरह तंदुरुस्त रख सकते हैं देखे।
कैफीन वाली चीजों को कम लें
चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोला जैसी चीजों से दूर रहे, ख़ासकर शाम के समय इनचीजों को न ले। कैफीन आपकी नींद मे बाधा उत्पन्न कर सकता है,और आप अच्छी नींद नहीं ले पाते। इसलिये अच्छा रहेगा आप सोने से पहले गर्म दूध या हर्बल चाय पीये।
जरूरत से ज्यादा खाना और शराब, इनका सेवन देर रात को करने से भी, आपकी नींद के नियम मे बाधा उत्पन्न होती हैं। शराब का सेवन करने से आपको पहले से ही नींद आने लगती हैं और जब रात मे सोने का समय होता हैं तब आपकी नींद आने मे परेशानी होती हैं।
धुम्रपान न करें
निकोटीन एक उत्तेजक पदार्थ है। धूम्रपान करने वालों को नींद आने में अधिक समय लगता है, वे बार-बार उठते हैं, और अक्सर उनकी नींद बाधित होती है।
जरूरत से ज्यादा खाना न खायें
जरूरत से ज्यादा खाना और शराब, इनका सेवन देर रात को करने से भी, आपकी नींद के नियम मे बाधा उत्पन्न होती हैं। शराब का सेवन करने से आपको पहले से ही नींद आने लगती हैं और जब रात मे सोने का समय होता हैं तब आपकी नींद आने मे परेशानी होती हैं।
यदि आपको नींद नहीं आ रही हैं, तो उठ जाएं
अगर आपको नींद नहीं आ रही है, तो लेटे हुए इसपर चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। उठ जाइए और ऐसा कुछ कीजिए जिससे आपको आराम मिले और दोबारा नींद आ जाए, तब दोबारा सोने जाएं।
कई बार लोग रात को जागने के बाद दोबारा सो नहीं पाते।
सुबह नींद से उठने के बाद भी सुस्ती आना।
थका-थका रहना, घबराहट और आलस्य इसके मुख्य लक्षण।
नींद पूरी न होने की वज़ह से चिड़चिड़ापन रहना।
अनिद्रा को दूर करने के घरेलू उपाय
अश्वगंधा लाभदायक—इसके चूर्ण को अगर वैद्य की सलाह के अनुसार दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाए तो अनिद्रा की समस्या को जल्दी ख़त्म किया जा सकता है।
सरसों का तेल फायदेमंद—
आयुर्वेद के मुताबिक़ रात को सोने से पहले अगर व्यक्ति रोजाना पैर के तलवों में इस तेल की अच्छे से मालिश करता है तो रात को अच्छी नींद आने में सहायता मिलती है।
दालचीनी चूर्ण उपयोगी—
रात को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय के गुनगुने दूध में आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण मिलाकर सेवन करने से अनिद्रा में लाभ मिलता है।
जायफल उत्तम औषधि—
रात में अगर एक गिलास दूध में एक चम्मच जायफल चूर्ण मिश्रण करके कम से कम 1 महिना सेवन किया जाए तो अनिद्रा की परेशानी दूर हो सकती है।
ये जड़ी-बूटियां मस्तिष्क के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करती हैं जो सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं और तनाव देने वाले हार्मोन को संतुलित करने में सहायता प्रदान करती हैं।
ये जड़ी-बूटियां मस्तिष्क के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करती हैं जो सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं और तनाव देने वाले हार्मोन को संतुलित करने में सहायता प्रदान करती हैं।
अच्छी और आरामदायक नींद पाने के लिये इन 10 तरीक़ों को अपनाएं।
सोने और जागने का समय निर्धारित करें
लगभग हर रोज़ एक ही समय पर सोने और जागने का एक नियमित समय तय करें, इससे आपके शरीर को अच्छी और बेहतर नींद मिलेगी। सोने के लिए ऐसा समय चुनें जब आपको थकान महसूस हो रही हो और आपको आसानी से नींद आ जाये।
माहौल ऐसा बनाये जिसमे आपको आसानी से नींद आ जाये
आपके आराम करने वाले कमरे का आपके लिये शांतिपूर्ण होना चाहिये। आपके कमरे का तापमान, रोशनी और शोर सभी पूरी तरह नियंत्रित होनी चाहिये, जिससे आपके सोने के कमरे का वातावरण आपके अच्छी नींद लेने मे सहायक बने।
अगर आपके पास कोई पालतू जानवर हैं जो आपके साथ आपके कमरे मे सोता हैं, और आपको रात मे परेशान करता हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा आप इसे दूसरे कमरे मे सुला दे ,ताकि आप आराम से सो सके।
सोने और जागने का समय निर्धारित करें
लगभग हर रोज़ एक ही समय पर सोने और जागने का एक नियमित समय तय करें, इससे आपके शरीर को अच्छी और बेहतर नींद मिलेगी। सोने के लिए ऐसा समय चुनें जब आपको थकान महसूस हो रही हो और आपको आसानी से नींद आ जाये।
माहौल ऐसा बनाये जिसमे आपको आसानी से नींद आ जाये
आपके आराम करने वाले कमरे का आपके लिये शांतिपूर्ण होना चाहिये। आपके कमरे का तापमान, रोशनी और शोर सभी पूरी तरह नियंत्रित होनी चाहिये, जिससे आपके सोने के कमरे का वातावरण आपके अच्छी नींद लेने मे सहायक बने।
अगर आपके पास कोई पालतू जानवर हैं जो आपके साथ आपके कमरे मे सोता हैं, और आपको रात मे परेशान करता हैं तो ज्यादा अच्छा रहेगा आप इसे दूसरे कमरे मे सुला दे ,ताकि आप आराम से सो सके।
आरामदायक बिस्तर पर सोएँ
ऐसे किसी गद्दे पर आराम से सोना मुश्किल है जो या तो बहुत नरम या बहुत कठोर है, या एक बिस्तर जो बहुत छोटा या पुराना है।
नियमित व्यायाम करे
नियमित रूप से मध्यम शक्ति वाले व्यायाम करना, जैसे तैराकी या पैदल चलना, दिन भर के तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है। सुनिश्चित करें कि आप सोते समय जोरदार व्यायाम नहीं करते हैं, जैसे दौड़ना या जिम, क्योंकि यह आपको जागृत रख सकता है।
आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने आप को किस तरह तंदुरुस्त रख सकते हैं देखे।
कैफीन वाली चीजों को कम लें
चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोला जैसी चीजों से दूर रहे, ख़ासकर शाम के समय इनचीजों को न ले। कैफीन आपकी नींद मे बाधा उत्पन्न कर सकता है,और आप अच्छी नींद नहीं ले पाते। इसलिये अच्छा रहेगा आप सोने से पहले गर्म दूध या हर्बल चाय पीये।
जरूरत से ज्यादा खाना और शराब, इनका सेवन देर रात को करने से भी, आपकी नींद के नियम मे बाधा उत्पन्न होती हैं। शराब का सेवन करने से आपको पहले से ही नींद आने लगती हैं और जब रात मे सोने का समय होता हैं तब आपकी नींद आने मे परेशानी होती हैं।
धुम्रपान न करें
निकोटीन एक उत्तेजक पदार्थ है। धूम्रपान करने वालों को नींद आने में अधिक समय लगता है, वे बार-बार उठते हैं, और अक्सर उनकी नींद बाधित होती है।
जरूरत से ज्यादा खाना न खायें
जरूरत से ज्यादा खाना और शराब, इनका सेवन देर रात को करने से भी, आपकी नींद के नियम मे बाधा उत्पन्न होती हैं। शराब का सेवन करने से आपको पहले से ही नींद आने लगती हैं और जब रात मे सोने का समय होता हैं तब आपकी नींद आने मे परेशानी होती हैं।
सोने से पहले थोडा रिलैक्स करें
गर्म पानी से नहा लें, शांत संगीत सुनें या मन और शरीर आराम देने वाले व्यायाम करें।
आपके डॉक्टर आपको ऐसे सीडी सुनने का सलाह दे सकते हैं जिन्हें सुनकर आपकी थकान दूर हो और आपको आराम महसूस हो।
आपके डॉक्टर आपको ऐसे सीडी सुनने का सलाह दे सकते हैं जिन्हें सुनकर आपकी थकान दूर हो और आपको आराम महसूस हो।
यदि आपको नींद नहीं आ रही हैं, तो उठ जाएं
अगर आपको नींद नहीं आ रही है, तो लेटे हुए इसपर चिंता करने की जरुरत नहीं हैं। उठ जाइए और ऐसा कुछ कीजिए जिससे आपको आराम मिले और दोबारा नींद आ जाए, तब दोबारा सोने जाएं।
इन ख़ास बातों का रखें ध्यान:
निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर और अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करके आप अनिद्रा की समस्या से सुरक्षित रह सकते हैं।अपने भोजन में देसी गाय का दूध, दलिया और बादाम को महत्त्व दें।
दोपहर के भोजन में सलाद का सेवन ज़रूर करें क्योंकि इसमें पाया जाने वाला लैक्टोकैरियम तत्व शरीर में जठराग्नि को मज़बूत बनाए रखता है।
रात को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय का दूध नियमित रूप से सेवन करें।
नशीले पदार्थों जैसे शराब, सिगरेट और तम्बाकू के सेवन से बचें।
सूर्योदय से पहले उठकर रोजाना 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलें।
योग, व्यायाम और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में महत्त्वपूर्ण स्थान दें।
तला हुआ भोजन और फ़ास्ट फ़ूड से आज ही दूरी बनाएं।
निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर और अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करके आप अनिद्रा की समस्या से सुरक्षित रह सकते हैं।अपने भोजन में देसी गाय का दूध, दलिया और बादाम को महत्त्व दें।
दोपहर के भोजन में सलाद का सेवन ज़रूर करें क्योंकि इसमें पाया जाने वाला लैक्टोकैरियम तत्व शरीर में जठराग्नि को मज़बूत बनाए रखता है।
रात को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय का दूध नियमित रूप से सेवन करें।
नशीले पदार्थों जैसे शराब, सिगरेट और तम्बाकू के सेवन से बचें।
सूर्योदय से पहले उठकर रोजाना 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलें।
योग, व्यायाम और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में महत्त्वपूर्ण स्थान दें।
तला हुआ भोजन और फ़ास्ट फ़ूड से आज ही दूरी बनाएं।
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