15.10.24

वो फिल्मी गाने जिन्हें सुनने से रोग छूमंतर / sangeet se chikitsa




*संगीत का हमारे जीवन पर प्रभाव*

● आजकल संगीत द्वारा बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाने लगा हैं।

● चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से रोज़मर्रा की होने वाली बहुत सी बीमारियो से निजात पायी जा सकती हैं।

● जिस प्रकार हर रोग का संबंध किसी ना किसी ग्रह विशेष से होता हैं उसी प्रकार संगीत के हर सुर व राग का संबंध किसी ना किसी ग्रह से अवश्य होता हैं।

● यदि किसी जातक को किसी ग्रह विशेष से संबन्धित रोग हो और उसे उस ग्रह से संबन्धित राग, सुर अथवा गीत सुनाये जायें तो जातक विशेष जल्दी ही स्वस्थ हो जाता हैं।

● यहाँ इसी विषय को आधार बनाकर ऐसे बहुत से रोगो व उनसे राहत देने वाले रागों के विषय मे जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

● जिन शास्त्रीय रागों का उल्लेख किया किया गया है उन रागो मे कोई भी गीत, संगीत, भजन या वाद्य यंत्र बजा कर लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं।

● यहाँ उनसे संबन्धित फिल्मी गीतो के उदाहरण देने का प्रयास भी किया गया है।

(1)हृदय रोग –


इस रोग मे राग दरबारी व राग सारंग से संबन्धित संगीत सुनना लाभदायक है।

इनसे संबन्धित फिल्मी गीत निम्न हैं-

हार्ट प्रॉब्लेम मे हितकारी गाने की यूट्यूब  प्लेलिस्ट 

तोरा मन दर्पण कहलाए (काजल),

राधिके तूने बंसरी चुराई (बेटी बेटे),

झनक झनक तोरी बाजे पायलिया (मेरे हुज़ूर),

बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम (साजन),

जादूगर सइयां छोड़ मोरी (फाल्गुन),

ओ दुनिया के रखवाले (बैजू बावरा),

मोहब्बत की झूठी कहानी पे रोये (मुगले आजम)


(2)अनिद्रा –

यह रोग हमारे जीवन मे होने वाले सबसे साधारण रोगों में से एक है। इस रोग के होने पर राग भैरवी व राग सोहनी सुनना लाभकारी होता है, जिनके प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं

अनिद्रा (नींद नहीं आने )मे हितकारी गाने की यूट्यूब  प्लेलिस्ट 

●)रात भर उनकी याद आती रही (गमन),

(●)नाचे मन मोरा (कोहिनूर),

(●)मीठे बोल बोले बोले पायलिया (कितारा),

(●)तू गंगा की मौज मैं यमुना (बैजु बावरा),

(●)ऋतु बसंत आई पवन (झनक झनक पायल बाजे),

(●)सावरे सावरे (अंनुराधा),

(●)चिंगारी कोई भड़के (अमर प्रेम),

(●) छम छम बजे रे पायलिया (घूँघट),

(●) झूमती चली हवा (संगीत सम्राट तानसेन ),

(●) कुहूु कुहू बोले कोयलिया (सुवर्ण सुंदरी )


(3)एसिडिटी –

इस रोग के होने पर राग खमाज सुनने से लाभ मिलता है। इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं

(4)कमजोरी –

यह रोग शारीरिक शक्तिहीनता से संबन्धित है।

इस रोग से पीड़ित व्यक्ति कुछ भी काम कर पाने मे खुद को असमर्थ महसूस करता है।

इस रोग के होने पर राग जय जयवंती सुनना या गाना लाभदायक होता है।

इस राग के प्रमुख गीत निम्न हैं


जिन लोगों की याददाश्त कम हो या कम हो रही हो, उन्हे राग शिवरंजनी सुनने से बहुत लाभ मिलता है।

इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं,

(●)ना किसी की आँख का नूर हूँ (लालकिला),

(●)मेरे नैना (महबूबा),

(●)दिल के झरोखे मे तुझको (ब्रह्मचारी),

(●)ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम (संगम ),

(●) जीता था जिस के लिए (दिलवाले),

(●) जाने कहाँ गए वो दिन (मेरा नाम जोकर )

(6)खून की कमी –

इस रोग से पीड़ित होने पर व्यक्ति का चेहरा निस्तेज व सूखा सा रहता है। स्वभाव में भी चिड़चिड़ापन होता है। ऐसे में राग पीलू से संबन्धित गीत सुनने से लाभ पाया जा सकता हैं।

(●)आज सोचा तो आँसू भर आए (हँसते जख्म),

(●)नदिया किनारे (अभिमान),

(●)खाली हाथ शाम आई है (इजाजत),

(●)तेरे बिन सूने नयन हमारे (लता रफी),

(●)मैंने रंग ली आज चुनरिया (दुल्हन एक रात की),

(●)मोरे सैयाजी उतरेंगे पार (उड़न खटोला),

(7)मनोरोग अथवा डिप्रेशन –

इस रोग मे राग बिहाग व राग मधुवंती सुनना लाभदायक होता है। इन रागों के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं।

(●) तुझे देने को मेरे पास कुछ नहीं (कुदरत नई),

(●) तेरे प्यार मे दिलदार (मेरे महबूब),

(●) पिया बावरी (खूबसूरत पुरानी),

(●) दिल जो ना कह सका (भीगी रात) ,

(●) तुम तो प्यार हो(सेहरा),

(●) मेरे सुर और तेरे गीत (गूंज उठी शहनाई ),

(●) मतवारी नार ठुमक ठुमक चली जाये (आम्रपाली),

(●) सखी रे मेरा तन उलझे मन डोले (चित्रलेखा)


(8)रक्तचाप-

ऊंचे रक्तचाप मे धीमी गति और निम्न रक्तचाप मे तीव्र गति का गीत संगीत लाभ देता है।

शास्त्रीय रागों मे राग भूपाली को विलंबित व तीव्र गति से सुना या गाया जा सकता है।
ऊंचे रक्तचाप में...

(●) चल उडजा रे पंछी कि अब ये देश (भाभी),

(●) ज्योति कलश छलके (भाभी की चूड़ियाँ ),

(●) चलो दिलदार चलो (पाकीजा),

(●) नीले गगन के तले (हमराज़) जैसे गीत

निम्न रक्तचाप मे..

इस रोग मे आस्था–भक्ति पर आधारित गीत संगीत सुनने व गाने से लाभ होता है।

राग मालकोस व राग ललित से संबन्धित गीत इस रोग मे सुने जा सकते हैं। जिनमें प्रमुख गीत निम्न हैं..

इस रोग के होने पर राग भैरव सुनना लाभदायक होता है।

इस राग के प्रमुख गीत इस प्रकार से हैं..

9.10.24

अरारोट के फायदे और नुकसान पर एक नजर ,Arrowroot benefits




अरारोट एक कंद है। एरोरूट या अरारोट दोनों सामान्य पौधा की तरह है, किंतु यह पौधा न होकर केवल स्टार्च है। इसकी जड़ का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। अरारोट को वैज्ञानिक नाम मारंता अरुंडिनेशिया कहा जाता है।अरारोट के पौधे में स्‍टार्च मौजूद होता है इसका उपयोग करने के लिए जड़ों को खोद कर निकाला जाता है। निकाली हुई जड़ो से छाल को निकालकर धोया जाता है। इसके बाद कंद को पीसकर आटा यानि पाउडर तैयार किया जाता है। इसे छानकर सुखाते है। इन प्रक्रिया से अरारोट पाउडर बनाते है। इसका उपयोग मुख्य रूप से भोजन को गाढ़ा करने के उपयोग किया जाता है। अरारोट में अच्छी मात्रा में पोषक तत्व होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
अरारोट के फायदे तो अनेक है लेकिन अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने से कुछ नकारात्मक परिणाम हो सकते है। यह नुकसान कुछ इस तरह है।अगर आप किसी विशेष प्रकार की दवा का सेवन कर रही है, तो अरारोट का सेवन करने से पहले अपने चिकिस्तक से बात करे।
जिन लोगो को अरारोट के सेवन से एलर्जी में खांसी, उल्टी, मलती की समस्या होती है, उनको इसके सेवन से बचाव करना चाहिए।
अरारोट के साथ दूध व फलो के रस के साथ सेवन करने से बचाव करना चाहिए।

अरारोट के फायदे -

रोग प्रतिरोग क्षमता को बढ़ावा देने में - अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो आपको अरारोट का सेवन करना चाहिए। अरारोट में बहुत से पोषक तत्व शामिल है जो थकान व कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। इसमें विटामिन तो होते है बल्कि शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी होता है। यह फ्री रेडिकल्स से बचाव करते है।

आँखों की बीमारी में फायदेमंद -

आयुर्वेद विशेषज्ञ और पतंजलि संस्थापक श्री बालकृष्ण आचार्य जी का कहना है 1 से 2 ग्राम अरारोट के पाउडर में 200 मिली पानी, 250 मिली दूध और 50 ग्राम मिश्री डालकर पकाये। 15 मिनट पकाने के बाद उसका पानी जल जाये तो गैस बंद कर दें। फिर गुनगुना होने पर पी ले।

बालों के लिए फायदेमंद -

आजकल हर कोई बालों के पतलेपन और डॉयनेस से परेशान है। इसमें (Arrowroot benefits) बहुत से पोषक तत्व पाए जाते है जो बालो को मुलायम और घना करने में मदद करता है। हेयर डाई गाढ़ा करने के लिए अरारोट पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।

हृदय के लिए लाभदायक -

 दिल को स्वस्थ रखने के लिए अरारोट फायदेमंद होता है। इसमें पोटेशियम की अच्छी मात्रा होते है यह धमनियों में तनाव कम करने में मदद करते है। इससे रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। इसके अलावा अरारोट दिल के दौरे व स्ट्रोक के जोखिम से बचाव करता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अरारोट का सेवन करे।

वजन कम करने के लिए - 

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है तो अरारोट का उपयोग करना चाहिए। अरारोट में अन्य खाद्य पदार्थ की तुलना में कम कैलोरी होता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेड व उच्च मात्रा में पोषक होता है। इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो चर्बी को कम करने में मदद करता है। अपने डाइट में अरारोट को शामिल करे।

त्वचा के लिए फायदेमंद रहे अरारोट -

 सबकी त्वचा एक दूसरे से अलग होती है। किसी की त्वचा रूखी, उलझन भरी, तैलीय होती है। बाहरी संक्रमण त्वचा को नुकसान पहुंचाते है। इसके अलावा त्वचा में फोड़े-फुंसी, दाग धब्बा, झुर्रिया आदि की समस्या को ठीक करने के लिए अरारोट का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है। इसमें बहुत से विटामिन व खनिज है जो त्वचा की समस्या को कम करते है।

सावधानी बरतें 

जिस तरह एक सिक्के के दो पहलू होते है वैसे ही इसमें भी है। जहाँ इसका सेवन सीमित मात्रा में करने पर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है वही इसका अधिक सेवन करने से इसके नकारात्मक परिणाम भी हो सकते है। आइये जानते है इसके नुकसान -

➤अगर आप किसी विशेष दवा का सेवन कर रहे है तो अरारोट का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।

➤बच्चों को, गर्भवती व नर्सिंग महिलाओं को, किडनी या लिवर के रोगियों को इसका सेवन करने से पहले विशेष ध्यान देना चाहिए।

➤जिन लोगों को अरारोट से एलर्जी होता है, जैसे अरारोट खाने से उल्टी, खांसी, मतली की समस्या हो उनको इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

➤इसका (Arrowroot) सेवन दूध और फलों के साथ करने से बचना चाहिए।