22.2.24

समोसा और कचोरी में कौन आगे है सेहत को नुकसान पहुँचाने में | How Kachori and Samosa harmful to health






  आप कढ़ी कचौरी या समोसे खाते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए! देखने में आया है कि खाद्य तेल का उपयोग करते समय लापरवाही बरती जा रही है। तेज आंच पर तेल कई बार गर्म करके समोचे और कचोरी तले जा रहे हैं। बार बार तेल गर्म करने से तेल में रासायनिक परिवर्तन होता है। यह डीएनए को नुकसान पहुंचाने और उसमें परिवर्तन लाने का कारण बनता है। तेल के धुएं में अमोनियम नाइट्रेट सहित कई हानिकारक गैस होती हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
 चुनिंदा दुकानदारों को छोड़ दिया जाए तो इस व्यवसाय से जुड़े लोग धड़ल्ले से एक ही तेल को बार बार गर्म करके उसमें से कचोरी और समोसे तल रहे हैं। खाद्य विशेषज्ञों की मानें तो तेल को दो से ज्यादा बार तेज आंच में गर्म करने पर वह सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाता है। तेल में मौजूद सैचुरेटेड फैट लिवर पर जमा हो जाता है, जिससे फाइब्रोसिस और सिरोसिस जैसी बीमारी होने की आशंका बनी रहती है। कायदे से तो दो बार से अधिक गर्म किए हुए तेल को इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उसे निकालकर अलग रख देना चाहिए। यह तेल बायोडीजल बनाने में काम आता है। खाद्य सुरक्षा विभाग को भी ऐसा तेल जब्त कर लेना चाहिए।

तेल बदलते नहीं हैं
   एक बार कड़ाही में 15 लीटर तेल डालते हैं। इसमें तीन चार बार में 450 कचोरी तली जाती है। जले हुए तेल को बदलते नहीं हैं। उसी तेल में नया तेल मिला देते हैं।
  बारिश का मौसम स्वाद को लेकर बड़ा नर्म माना जाता है। बारिश में प्याज के पकौड़े, गर्मा-गर्म समोसे, कचौड़ी, चाय और भी कई तरह के पकवान लोग खुशी से खाते हैं। खासकर समोसे और कचौड़ी के बीच एक अजीब सी जंग चलती रहती है। कई लोग सुबह के नाश्ते में समोसे खाते हैं, तो शाम के स्नैक्स में कचौड़ियों का आनंद उठाते हैं। लेकिन आप क्या जानते हैं समोसा और कचौड़ी दोनों में से कौन आपकी सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है?

क्या समोसा खाना हेल्दी है?

आलू में कई तरह के मसालों को भूनकर, उसको मैदे में लेपटकर और फिर तेल में डीप फ्राई किया गया समोसा खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। डाइटिशियन रीवा श्रीवास्तव के मुताबिक 1 समोसे में लगभग 103 से 110 कैलोरीज पाई जाती है। एक ही तेल में बार-बार फ्राई होने की वजह से समोसे में कोलेस्ट्रोल भी ज्यादा होता है। डाइटिशियन का कहना है कि प्रतिदिन या सप्ताह में 2 से 3 बार समोसे खाने वाले लोगों को हार्ट संबंधित समस्याएं होने का खतरा हो सकता है।
  बारिश में समोसे का स्वाद दोगुना हो जाता है. लेकिन इसके सेवन से आपके शरीर को काफी नुकसान हो जाता है. इसलिए समोसे का सेवन सीमित मात्रा में करें. खासतौर पर समोसे का तेल काफी विषैला होता है जो काफी हानिकारक होता है. इसके अलावा समोसे का मैदा भी कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकता है. इसलिए कोशिश करें कि समोसे का सेवन न करें. आइए जानते हैं समोसे का सेवन करने से शरीर को होने वाले नुकसान क्या हैं?

समोसे के सेवन से शरीर को होने वाले नुकसान

तेल से हार्ट डिजीज होने का खतरा


समोसे के तेल में काफी ज्यादा फैट होता है. इसके अलावा मार्केट में मिलने वाला समोसे को ऐसे तेल में तला जाता है, जिसे बार-बार गर्म किया जाता है. इस तरह के तेल का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिसकी वजह से हार्ट अटैक और ब्लॉकेज की परेशानी हो सकती है.

कैलोरी की अधिकता


समोसे में कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. ऐसे में अगर आप रोजाना समोसा खाते हैं जो आपका मोटापा काफी ज्यादा बढ़ सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो 1 समोसे में लगभग 262 कैलोरी होती है जो काफी ज्यादा कैलोरी है.

फैट बढ़ने की समस्या

काफी ज्यादा समोसा खाने से शरीर का फैट काफी ज्यादा बढ़ सकता है. इसमें ट्रांस फैट होता है जो कई तरह की समस्याएं जैसे- हार्ट डिजीज, मोटापा इत्यादि का कारण होता है.

स्किन को पहुंचाता है नुकसान

समोसे में आलू, मैदा और तेल काफी ज्यादा यूज किया जाता है. ये सभी चीजें आपकी स्किन के लिए हेल्दी नहीं मानी जाती हैं. इसका अधिक सेवन करने से आपकी स्किन पर झुर्रियां और पिंपल्स होने की परेशानी हो सकती है. समोसे का सेवन स्वास्थ्य के लिए हेल्दी नहीं होता है. इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें. अधिक मात्रा में इसका सेवन ब्लड प्रेशर, मोटापा, स्किन डिजीज का कारण बन सकता है.
समोसे को बनाने में मैदे का इस्तेमाल किया जाता है। मैदे में बहुत अत्यधिक मात्रा में स्टार्च पाया जाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा का कारण बन सकता है। ज्यादा मात्रा में समोसे का सेवन करने से स्किन संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। तेल में फ्राई होने की वजह से समोसा पाचन तंत्र भी खराब करता है। ऐसे में कब्ज, गैस और पेट फूलना जैसी समस्या हो सकती है।

कचौड़ी भी पहुंचाती है सेहत को नुकसान

देशभर में कचौड़ी के चाहने वाले हैं। यही वजह है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीक़े से कचौड़ी बनाई जाती है। गुजरात की कचौरी हल्की मीठी होती है। राजस्थान में प्याज़ की कचौरी और दिल्ली में कचौड़ी चाट अधिक पसंद की जाती है। उत्तर प्रदेश की मसालेदार मूंगदाल कचौरी सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है। कचौड़ी का चटपटा स्वाद हर किसी को बहुत भाता है। हालांकि तेल में डीप फ्राई होने के कारण कचौड़ी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।

जले हुए तेल (यूज्ड) की शुद्धता खराब हो जाती है। हानिकारक लवण उत्पन्न हो जाते हैं। जले हुए तेल में बार बार तला हुआ खाने व सूंघने से शरीर को नुकसान हो जाता है। जीन में खराबी हो जाती है। इससे कैंसर भी हो सकता है। आंत्र संबंधी बीमारियों में पेट में जलन, पेट में छाले होना, खट्टी डकार आना शामिल है। कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने से मोटापा, हार्ट की बीमारी का भी खतरा बढ़ता है। यूज्ड तेल बीमारी पैदा करने में मदद करता है। इसमें और रिसर्च होनी चाहिए। शुद्ध तेल में पकाई सामग्री खाएं। घर पर बना हुआ खाएं।
* अधिक समोसे का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। इसलिए समोसे का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
* समोसे का अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
* जो लोग समोसे का अधिक सेवन करते है उनका कोलेस्ट्रोल बढ़ने लगता है।
* समोसे में बहुत अधिक मैदे का प्रयोग किया जाता है। अधिक मैदा होने के कारण शरीर को हानिकारक बिमारियों का सामना करना पड़ता है। अधिक मैदे का सेवन करने से हमारा शरीर अपने आप कांपने लगता है।
* जब भी आप समोसा लेने किसी दुकान पर जाते हैं, तो आपको सबसे पहले इस बात को देखें की समोसा एक ही तेल में बार बार तो नहीं तला गया।

*यदि आप बासी आलू वाला समोसे का सेवन करते हो तो इससे बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे आप बीमार हो जाते हैं।

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