30.10.23

लम्बाई (हाइट) बढ़ाने के उपाय




सुंदरता को कई पैमानों में मापा जाता है और लंबाई उन्हीं में से एक है। लड़का हो या लड़की हर कोई लंबी हाइट चाहता है। भारत में महिलाओं की औसतन लंबाई 152 सेमी और पुरुषों की 165 सेमी मानी गई है (1)। जहां लड़कों की हाइट करीब 25 वर्ष तक बढ़ सकती है, वहीं लड़कियों की हाइट करीब 21 वर्ष तक बढ़ सकती है। इसके बाद हाइट ग्रोथ हार्मोन कम होने लगते हैं। इस बार हमारे लेख का विषय भी यही है कि हाइट कैसे बढ़ाएं। अब प्रश्न आता है कि लंबाई कैसे बढ़ाएं? क्या इसके लिए कोई प्राकृतिक तरीका है, तो उसका जवाब हां है। इस लेख के जरिए हम लंबा होने के तरीके (lamba hone ka tarika) बताएंगे और इससे जुड़ी हर प्रकार की जानकारी देंगे। वहीं, अगर हाइट किसी गंभीर बीमारी के कारण नहीं बढ़ रही है, तो उस अवस्था में डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाना चाहिए।

लंबाई को प्रभावित करने वाले कारण –

आपका कद छोटा होगा या बड़ा, यह दो मुख्य कारणों पर निर्भर करता है – आनुवंशिक और गैर-आनुवंशिक।

आनुवंशिक : हमारी लंबाई कुछ हद तक जीन्स पर निर्भर करती है। अगर किसी के परिजनों का कद छोटा है, तो हो सकता है कि उनके बच्चों का कद भी छोटा हो। हालांकि, ऐसा हर केस में नहीं होता, लेकिन ऐसा होने की आशंका ज्यादा रहती है। हमें यह तो मानना ही होगा कि आनुवंशिक फैक्टर हमारे हाथ में नहीं होता। ऐसा पाया गया है कि कद में 60-70 प्रतिशत का अंतर आनुवंशिक ही होता है
अनुमानित कद को कुछ इस तरह से मापा जा सकता है :आप इंच में या सेंटीमीटर में अपने माता-पिता की हाइट को जोड़ लें।
अगर आप पुरुष हैं, तो उसमें पांच इंच जोड़ दें और अगर महिला हैं, तो पांच इंच घटा दें।
अब जो भी नंबर आएगा, उसे दो से विभाजित कर दें।
इसके बाद जो आंकड़ा आएगा वो आपकी अनुमानित हाइट हो सकती है। इसमें से चार इंच कम या ज्यादा हो सकते हैं।
गैर-आनुवंशिक : गैर-आनुवंशिक फैक्टर कई तरह के हो सकते हैं, जो कद को बढ़ने से रोकते हैं।भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी।
शारीरिक गतिविधियों से परहेज करना।
उठते, बैठते व चलते-फिरते समय सही पोश्चर पर ध्यान न देना।
बचपन में किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होना।
किशोरावस्था में मानसिक रूप से अस्वस्थ होना।
हम कहां रह रहे हैं और वहां का वातावरण कैसा है, यह भी बढ़ते कद पर असर डाल सकता है।
थायरॉयड हार्मोंस व ग्रोथ हार्मोंस में कमी भी बढ़ते कद पर असर डाल सकती है (3)।
कम उम्र में ही जिम जाकर वजन उठाने से भी हाइट रुक जाती है।

लंबाई (हाइट) बढ़ाने के प्राकृतिक तरीके 

 खानपान

लंबाई बढ़ाने का आसान तरीका है पोषक और संतुलित खानपान। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित खानपान सबसे ज्यादा जरूरी है। इससे हमारे शरीर को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। अगर आप अच्छी हाइट चाहते हैं, तो जंक फूड से दूर रहें। साथ ही कार्बोनेट युक्त पेय पदार्थों, वसा युक्त खाद्य पदार्थों व अत्यधिक मीठी चीजों से परहेज करें। ये सभी हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव डालते हैं। संतुलित व स्वस्थ विकास के लिए हमें विटामिन्स व मिनरल्स युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यहां हम कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें खाने से अच्छी सेहत व लंबा कद हासिल किया जा सकता है।
शरीर में हार्मोंस के विकास के लिए विटामिन-डी और प्रोटीन की खास जरूरत होती है। इनसे हमारे दांत व हड्डियां ठीक से विकसित होती हैं (4)। पनीर, फलियां, सोयाबीन, बिना चर्बी के मांस व सफेद अंडे आदि में आपको ये सभी तत्व मिल जाएंगे। इन खाद्य पदार्थों को अपने रोजमर्रा के भोजन में जरूर शामिल करें।
जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी फायदा होता है। खासकर बच्चों के विकास में जिंक अहम रोल अदा करता है (5)। चॉकलेट, अंडे, ऑइस्टर (एक प्रकार की मछली) और मूंगफली में जिंक प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
हरी सब्जियों व डेयरी उत्पादों में पर्याप्त कैल्शियम पाया जाता है। शारीरिक विकास व हड्डियों के लिए कैल्शियम को जरूरी माना गया है (6)। महिलाओं को तो इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
शरीर के संतुलित विकास के लिए मैग्नीशियम, फास्फोरस, कार्बोहाइड्रेस व अन्य विटामिन्स का सेवन करना भी जरूरी है। खानपान के साथ सीमित मात्रा में सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। इनके सेवन से भी जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अगर हमारा मेटाबॉलिज्म सिस्टम ठीक नहीं है, तो कुछ भी खाएं-पिएं, उसका असर शरीर पर नहीं होगा। इसलिए, एक बार में ज्यादा खाने से अच्छा है, दिनभर में थोड़ा-थोड़ा और पांच से छह बार में खाया जाए। इससे मेटाबॉलिक स्तर अच्छा होगा और भोजन आसानी से पच जाएगा। परिणामस्वरूप शरीर में चर्बी जमा नहीं होगी और हाइट बढ़ने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
व्यायाम व खेलकूदलंबा होने के तरीके में से एक खुद को शारीरिक रूप से सेहतमंद रखना भी है। यह हाइट बढ़ाने का तरीका प्राकृतिक है। इसके लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। जब आप इस तरह की शारीरिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो शरीर को और पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है। इससे हाइट बढ़ाने में मददगार हार्मोंस एक्टिव हो जाते हैं।
एरोबिक्स, टेनिस, क्रिकेट, फुटबॉल व बास्केटबॉल जैसे खेल खेलने से शरीर एक्टिव होता है और विकास अच्छे से होता है। स्पेनिश अध्ययन के अनुसार, शारीरिक गतिविधियों व हड्डियों के विकास में सीधा संबंध है। जब हम इस तरह के खेल खेलते हैं, तो हमारी मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, जो हाइट बढ़ाने में सहायता करती हैं। इसलिए, हाइट बढ़ाने के तरीकों में व्यायाम व खेलकूद को बेहतर लंबाई बढ़ाने का उपाय माना जा सकता है (7)।
ऐसा माना जाता है कि स्वीमिंग से बेहतर और कोई शारीरिक गतिविधि नहीं है। स्वीमिंग करते समय शरीर के सभी अंग काम करते हैं और मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसलिए, अगर बच्चे को शुरू से ही स्वीमिंग सिखानी शुरू कर दी जाए, तो हाइट पर अच्छा असर पड़ सकता है (8)।
लंबाई बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को आजमाया जा सकता है। अगर आप प्रतिदिन करीब 15 मिनट भी ये एक्सरसाइज करते हैं, तो काफी है।
इनके अलावा, हाइट बढ़ाने का सबसे कारगर तरीका लटकना है। हालांकि, शुरुआत में कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन प्रतिदिन अभ्यास करने से इसे करना आसान हो जाएगा। आप इसकी शुरुआत करीब 15 सेकंड से करें और धीरे-धीरे इसे पांच मिनट तक ले जाएं।

योगाभ्यास

भारतीय संस्कृति में योगाभ्यास का महत्व माना गया है। कहा जाता है कि योगाभ्यास से किसी भी तरह की बीमारी या समस्या को ठीक किया जा सकता है। उसी प्रकार हाइट कैसे बढ़ाएं, इसके लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। इसे करना बेहद आसान है। लंबाई बढ़ाने के लिए कुछ विशेष योगासन हैं, जो हाइट बढ़ाने वाले हार्मोंस को एक्टिव कर देते हैं। त्रिकोणासन, भुजंगासन, सुखासन, वृक्षासन, नटराजासन, मार्जरी आसन व सूर्य नमस्कार करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर का पोश्चर सही आकार में आ जाता है

भरपूर नींद

शरीर के संपूर्ण विकास के लिए संतुलित भोजन, योगाभ्यास व व्यायाम के साथ-साथ भरपूर नींद भी जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि जब हम गहरी नींद में होते हैं, तो उस समय हमारे शरीर में ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन प्राकृतिक तरीके से उत्पन्न होते हैं। वहीं, अच्छी लंबाई पाने के लिए बच्चों के लिए हर रात 8-11 घंटे की नींद लेना जरूरी माना गया है। यहां एक ध्यान देने वाली बात है कि चाहे बच्चे हों या वयस्क, सभी को एक शांत वातावरण में सोना चाहिए, ताकि पर्याप्त नींद मिल सके। इससे शरीर को पूरी तरह से आराम मिलता है और अच्छे टिशु का निर्माण होता है। इसलिए, नींद लंबा होने का उम्दा तरीका है। यहां हम बेहतर नींद लेने के लिए कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं।
अगर आप सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें, तो इससे अच्छी नींद आ सकती है।
आप रात को सोने से पहले एक कप कैमोमाइल चाय पी सकते हैं। इसे पीने से आपको गहरी नींद में जाने में समय नहीं लगेगा..

 सही पोश्चर


लंबा होने के उपाय में शरीर के पोश्चर का भी अहम योगदान होता है। इसलिए, बच्चों को शुरू से ही सही मुद्रा में उठना, बैठना व चलना सिखाना चाहिए। न सिर्फ बच्चे, बल्कि हर किसी का पोश्चर सही होना चाहिए। इससे आप न सिर्फ लंबे नजर आएंगे, बल्कि सुंदर व आत्मविश्वास से भरे भी दिखेंगे। यहां हम बता रहे हैं कि आप किस तरह अपने पोश्चर को ठीक रख सकते हैं।
आप हमेशा कुर्सी पर सीधे बैठें, कंधे सीधे और ठोड़ ऊपर की ओर होनी चाहिए।
कभी झुक कर न चलें, हमेशा कमर सीधी होनी चाहिए। अगर रीढ़ की हड्डी सीधी हो और कमर मजबूत हो, तो लंबाई बढ़ने में आसानी होती है।
कोशिश करें कि आपकी गर्दन व सिर किसी एक तरफ मुड़ा या झुका हुआ न हो।
हमेशा अच्छी क्वॉलिटी का तकिया व गद्दे का इस्तेमाल करें, ताकि रीढ़ की हड्डी की शेप खराब न हो जाए।
ध्यान रहे कि चलते समय आपके कंधे स्थिर मुद्रा में न रहें। साथ ही कंधे एक तरफ झुके या मुड़े हुए न हों।

रोग प्रतिरोधक प्रणाली

अक्सर बच्चों को कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास प्रभावित होता है। अमूमन ऐसा रोग प्रतिरोधक प्रणाली के सही प्रकार से काम न करने से होता है। इसलिए, जरूरी है कि बच्चों को पौष्टिकता से भरपूर भोजन खाने को दिया जाए और जंक फूड से दूर रखना चाहिए। अगर आप अच्छा खाते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम भी अच्छा होगा। इसके लिए भोजन में ताजे फल-सब्जियां, फलियां व पौष्टिक अनाज को शामिल करना चाहिए। इनमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट व ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो अच्छी सेहत, विकास व इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है (11) (12)। हाइट बढ़ाने के तरीके में यह भी अहम है।

शराब व तंबाकू को कहें न

शराब, तंबाकू व धूम्रपान का सेवन करना किसी भी लिहाज से ठीक नहीं है। इसका सेवन करने से इम्यून सिस्टम गड़बड़ा जाता है और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। शराब का सेवन करने से मांसपेशियां ठीक से विकसित नहीं हो पाती हैं और शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन भी नहीं मिल पाता। साथ ही ग्रोथ हार्मोंस भी प्रभावित होते हैं। जैसा कि हमने इस लेख में पहले भी बताया है कि सोते समय प्राकृतिक रूप से ग्रोथ हार्मोंस का निर्माण होता है, लेकिन शराब का सेवन करने से ये हार्मोंस विकसित नहीं हो पाते। परिणामस्वरूप शरीर का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता (13)। अब अगली बार कोई आपसे यह पूछे कि लंबाई कैसे बढ़ाएं, तो उसे इन सभी उपायों के बारे में जरूर बताना।

हाइट बढ़ाने के कुछ और उपाय – 

यहां हम हाइट बढ़ाने के अन्य टिप्स का जिक्र कर रहे हैं, जो बेशक सुनने व पढ़ने में आपको कुछ अनोखे लगें, लेकिन हैं बड़े काम के। इन्हें एक बार आजमा कर देखिए, यकीन मानिए, आपको जरूर फायदा होगा।

विटामिन-डी : सूर्य की रोशनी को विटामिन-डी का सबसे बेहतर स्रोत माना गया है। सूरज से तीन तरह की पराबैंगनी किरणें निकलती हैं, जिन्हें हम अल्ट्रावायलेट ए, बी और सी के नाम से जानते हैं। इनमें से अल्ट्रावायलेट बी को हमारे के लिए अच्छा माना गया है। वैज्ञानिक कहते हैं कि दिन के समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक अल्ट्रावायलेट बी का असर सबसे ज्यादा होता है। इस दौरान थोड़ी देर धूप में घूमने से शरीर को पर्याप्त विटामिन-डी मिलता है, जो शारीरिक विकास में मदद करता है (14)।
पानी : अभी तक आप यही सोचते होंगे कि पानी से प्यास बुझती है और हमें हाइड्रेट रखता है, लेकिन शायद आप यह नहीं जानते कि शारीरिक विकास के लिए पानी बहुत जरूरी है। पानी से न सिर्फ हमे भरपूर पोषण मिलता है, बल्कि शरीर के तमाम अंग ठीक से काम कर पाते हैं। स्किन, दांत, हड्डियों, जोड़ों, मस्तिष्क व पाचन तंत्र हर किसी के लिए पानी की जरूरत है। पानी हड्डियों को मजबूत करता, ताकि वो ठीक से विकसित हो सकें और जोड़ों को मजबूत करता है, ताकि बढ़ती उम्र के साथ वो ठीक से काम करते रहें। इसलिए, अब जब भी पानी पिएं, तो इन सभी बातों को जरूर ध्यान में रखें।

पालक

पालक में कैल्शियम, फाइबर, आयरन और विटामिन सबसे ज्यादा होता हैं और विटामिन hight बढ़ाने के लिए बहुत जरुरी है पालक से हमारे शरीर की मासपेशियो को ताकत मिलती है इसलिए यदि आप अपनी hight बढ़ाना चाहते हैं तो खाना खाते समय पालक का सेवन जरूर कीजिए।

 सोयाबीन की बरी

सोयाबीन में प्रोटीन होता है इसलिए सोयाबीन की बरी खाने से बहुत फायदा होता है सोयाबीन की बड़ी भी हाइट बढ़ाने के लिए लाभदायक हैं

सोयाबीन में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता हैं जो हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता हैं सोयाबीन में प्रोटीन के अलावा विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता हैं आप सोयाबीन की बड़ी की सब्जी बना कर खा सकते हैं।

 पत्ता गोबी

बंद गोभी या पत्तागोभी में भी प्रोटीन, विटामिन्स, आयरन, फाइबर भरपूर होता है इसलिए इसे खाने से भी आपको बहुत फायदा होगा यदि आप जल्दी से जल्दी hight बढ़ाना चाहते है तो पत्ता गोभी जरूर खाये। इसके अलावा यह कैंसर सेल्स को दूर करते हैं।

 दूध

दूध खाना बहुत जरूरी है इसमें आयरन और प्रोटीन पाया जाता है जो सेहत के लिए बहुत जरूरी है आपकी हेल्थ और hight बढ़ाने के लिए सेहत का ध्यान रखना जरूरी है।

अश्व गंधा और दूध

अश्वगंधा चूर्ण को दूध में मिला के जरूर पिये क्योंकि अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक चूर्ण है जो बाजार में आसानी से मिल जाता है और यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक है।

केला और फल खाये

फल खाना तो सभी बिमारियो को दूर रखने के लिए जरूरी है लेकिन शरीर को अच्छा पोषण देने के लिए फल जरूरी है इसलिए केला खाये और हो सके तो ज्यादा से ज्यादा फल खाये।

 प्याज और गुड़

लंबाई बढ़ाने के लिए प्याज और गुड़ को एक साथ खाइए प्याज और गुड़ का एक साथ सेवन करने से शरीर का विकास तेजी से होता हैं।

 दूध और हल्दी


लंबे होने के लिए सुबह-शाम 200 ग्राम गर्म दूध में 1/2 (आधा चम्मच) हल्दी और 3, 4 बूंद शिलाजीत और अश्वगन्धा डालकर पिए इससे शरीर में ताकत आती हैं, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं, दिमाक तेजी से चलता हैं और लंबाई तो बढ़ती ही हैं।

ब्रोकोली

फूलगोभी की तरह दिखने वाली ब्रोकोली एक सब्जी हैं ब्रोकोली का रंग हरा होता हैं इस सब्जी में विटामिन सी और आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता हैं जो शरीर में खून बढ़ाने का कार्य करता हैं साथ ही कैंसर सेल्स से लड़ने में भी मदद करता हैं तथा हाइट भी बढ़ाता हैं।

 शलगम

शलगम हाइट बढ़ाने वाले हार्मोन को बढ़ाती हैं शलगम विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर होते है, आप शलगम की सब्जी बना कर खा सकते हैं, या आपको इसकी सब्जी पसंद नहीं हैं तो इसका जूस बना कर पी सकते हैं, शलगम को आप कच्चा भी खा सकते हैं।

बीन्स

बीन्स में भी कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे फाइबर, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जो हाइट को बढ़ाते हैं।

गाजर

गाजर खाने के दो फायदे है एक तो गाजर खाने से खून बढ़ता हैं और दूसरा गाजर खाने से हाइट भी बढ़ती हैं तो आप हर रोज गाजर खाए और अपनी लम्बाई बढ़ाए।

अंडा

अंडा लंबाई बढ़ाने में बहुत उपयोगी हैं अंडा में प्रोटीन कि मात्रा होती है प्रोटीन युक्त भोजन करने से हमारे शरीर की अच्छी Growth होती है।

मेथी के फायदे और नुकसान ,Methi ke fayde



  मेथी लगभग हर रसोई में पाए जाने वाला मसाला है। इसका इस्तेमाल अमूमन हर रेसिपी के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह न सिर्फ खाने के टेस्ट को बढ़ाने का काम करती है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होती है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण, अच्छे स्वास्थ्य के लिए मेथी का पानी पीना अच्छा माना जाता है।
मेथी के बीजों से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं। इससे झड़ते बालों की परेशानी दूर हो सकती है। साथ ही यह मोटापा कम करने में भी लाभकारी हो सकता है।

कब्ज का इलाज

कब्ज की परेशानियों को दूर करने के लिए मेथी के दानों का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजू फाइबर मल को सॉफ्ट करता है, जो मल त्यागने में लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा मेथी का सेवन करने से गैस, अपच, पेट दर्द, पेट फूलना, कमर दर्द जैसी परेशानी भी दूर हो सकती है। इसका सेवन करने के लिए मेथी और अजवाइन को मिक्स करके भुन लें। रोजाना गर्म पानी के साथ इसका सेवन करने से पेट से संबंधित परेशानी दूर हो सकती है।

कान बहने की परेशानी करे कम

कान बहने की परेशानी को रोकने के लिए मेथी के दानों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए मेथी के बीजों को दूध के साथ अच्छी तरह से पीस लें। अब इसे छानकर लें। इसके बाद इसे हल्का सा गुनगुन कर लें। अब इस दूध की कुछ बूंदों को अपने कान में डालें। इससे कान बहने की परेशानी दूर हो सकती है।

पाचन के लिए

अगर कोई जानना चाहता है कि मेथी पानी पीने से क्या होता है, तो उन्हें बता दे कि इससे पाचन की समस्या ठीक हो सकती है। इस बात की पुष्टि दो अलग-अलग शोध से होती है। एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, मेथी के बीज में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के साथ ही पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में मेथी के बीज युक्त टॉनिक को पाचन की समस्या कि लिए उपयोगी बताया गया है  ऐसे में कह सकते हैं कि मेथी दाने का पानी पीने के फायदे में पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना भी शामिल है।

पीरियड्स की परेशानी करे दूर

मेथी के बीजों का सेवन करने से पीरियड्स में होने वाली समस्याएं दूर हो सकती हैं। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याएं जैसे - पेट में दर्द, ऐंठन, ब्लीडिंग इत्यादि को दूर करने में लाभकारी हो सकता है। दरअसल, मेथी के दानों में एस्ट्रोजेन गुण पाए जाते हैं, जो पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी

मेथी के बीजों का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को भी काफी लाभ पहुंचता है। साथ ही यह ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में भी बढ़ावा कर सकता है। इसलिए कई महिलाओं को डिलीवरी के बाद मेथी के दानों से तैयार लड्डू खाने की सलाह दी जाती है।

हृदय स्वस्थ को बनाए रखने में

मेथी दाने का पानी पीने के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन में साफ तौर से बताया गया है कि मेथी के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर हृदय रोग से बचाव कर सकते हैं

किडनी के लिए

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार,मेथी का सेवन रेनल फंक्शन यानी गुर्दे की कार्यक्षमता को बढ़ाकर कैल्सीफिकेशन की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है बता दें, कैल्सीफिकेशन प्रक्रिया के दौरान कैल्शियम शरीर के टिश्यू में जमने लगता है। इससे टिश्यू कठोर हो सकते हैं .इसके अलावा, मेथी का सेवन शरीर में एंटीऑक्सिडेंट के स्तर को भी बढ़ा सकता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर गुर्दे के कार्य में सुधार कर सकता है इसलिए, यह माना जा सकता है कि किडनी संबंधित परेशानी से बचाव के लिए मेथी का पानी अहम भूमिका निभा सकता है।

दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद

मेथी का दाना एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर कर सकता है। साथ ही इसमें घुलनशील फाइबर होते हैं, जो दिल की बीमारियों होने के खतरे को कम करने में लाभकारी हैं। दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना मेथी के दानं से तैयार काढ़ा पिएं। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में भी लाभकारी होता है। मेथी के दानों का चूर्ण खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में प्रभावी है।

ब्रेस्ट फीडिंग- 

मेथी दाना खाने से ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माताओं को दूध का निर्माण करने में मदद मिलती है. दरअसल मेथी में ग्लैक्टागोग्यूज पाया जाता है. यह कंपाउंड ब्रेस्टफीडिंग में दूध बढ़ाने में मददगार है.

बालों के लिए

बालों के लिए भी मेथी के पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, गंजेपन के इलाज के लिए मेथी के बीज के टॉनिक का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है वहीं एक अन्य शोध के मुताबिक, मेथी के बीज में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो हेयर फॉल की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है

यौन क्षमता-

 पुरुषों की यौन क्षमता बढ़ाने में भी मेथी के दाने मददगार हैं. पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नमक सेक्स हार्मोन होता है यह हार्मोन स्पर्म काउंट फर्टिलिटी को बढ़ाता है. मेथी दाना इस हार्मोन को बनाने में मदद करता है. मेथी दाना में फ्यूरोस्टैनोलिक सैपोनिन पाया जाता है जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बनाने में मदद करता है.

त्वचा के लिए

त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर रखने के लिए भी मेथी पानी के फायदे हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में यह बताया गया है कि मेथी के दाने में एंटीऑक्सीडेंट, स्किन हीलिंग, वाइटनिंग, मॉइस्चराइजिंग, स्किन स्मूदिंग और एंटीरिंकल गुण होते हैं, जो त्वचा संबंधित कई परेशानियों से बचाव करने में सहायक हो सकते हैं। यही कारण है कि कई स्किन केयर प्रोडक्ट्स में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है । इस आधार पर कहा जा सकता है कि मेथी का पानी त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है।

वजन- 

अगर आप वजन घटा रहे हैं तो एक्सरसाइज के साथ-साथ वजन कम करने के लिए भुनी हुई मेथी का भी सेवन करें. दरअसल मेथी दानों में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व वजन कम करने और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में मददगार होते हैं. रोजाना सुबह के समय भुनी हुई मेथी का सेवन करने से तेजी से वजन कम होता है.

मधुमेह के लिए

सिर्फ 1 महीने मेथी का पानी पीने के फायदे मधुमेह की स्थिति पर भी दिखाई दे सकते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च की मानें, तो मेथी के दाने के पानी में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है। यह प्रभाव रक्त शुगर को कम करने के लिए जाना जाता है .
वहीं, एक अन्य शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र है कि मेथी के बीज के अर्क को पौराणिक समय से मधुमेह की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है । इस आधार पर कह सकते हैं कि मेथी का पानी पीने से मधुमेह की स्थिति में सुधार हो सकता है। वहीं, अगर कोई मधुमेह के लिए किसी तरह की दवाई ले रहा है, तो इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

कैंसर में मेथी के संभावित उपयोग

मेथी में प्रोटोडायोसिन नाम का एक यौगिक पाया जाता है जो कैंसर सेल लाइनों के खिलाफ एंटीकैंसर गुण दिखा सकता है। इसकी स्टडी में यह पाया गया है, कि फेनुग्रीक (मेथी) के एक्स्ट्रैक्ट ने ब्रेस्ट और पैन्क्रीयाटिक कैंसर की सेल (कोशिका) लाइनों को बढ़ने होने से रोका। जानवरों पर होने वाले अध्ययनों के अनुसार, फेनुग्रीक (मेथी) के एक्स्ट्रैक्ट के सेवन ने, ट्यूमर सेल (कोशिका) की वृद्धि को भी कम कर दिया।2 हालाँकि, इंसानों में कैंसर के खिलाफ मेथी के उपयोग को और ज्यादा सपोर्ट करने के लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। इसलिए, पहले हेल्थ केयर प्रोवाइडर से सलाह लिए बिना मेथी का उपयोग कैंसर के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

सूजन के लिए

सिर्फ 1 महीने मेथी का पानी पीने के फायदे की बात करें, तो इसमें सूजन से जुड़ी समस्याओं को दूर करना भी शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो मेथी के अर्क में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है, जो सूजन को कम कर सकता है। इससे एडिमा और गठिया जैसी सूजन से संबंधित समस्या का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है । इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि सूजन संबंधित परेशानी से राहत दिलाने में मेथी का पानी उपयोगी है।

अस्थमा (दमा) में मेथी के संभावित उपयोग

अस्थमा फेफड़े में होने वाला डिसॉर्डर है जिसमें फेफड़े के वायुमार्गों (एयरवेस) में सूजन आ जाती है और यह डिसॉर्डर साँस लेने और छोड़ने के लिए वायुमार्ग को बंद कर देता है। एक अध्ययन के अनुसार, फेनुग्रीक का एक्स्ट्रैक्ट माइल्ड अस्थमा के इलाज में असरदार था और सहायक थेरेपी के रूप में इसके सेवन की सलाह दी जा सकती है। मेथी का रोजाना उपयोग करने से अस्थमा के लक्षणों से बचने में मदद मिल सकती है।2 हालाँकि, मेथी को अस्थमा के इलाज के विकल्प के रूप में उपयोग न करें।
लिवर के लिए मेथी का संभावित उपयोग

मेथी (फेनुग्रीक) के बीजों का एक्स्ट्रैक्ट, शराब से होने वाले लिवर डैमेज के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस एक्स्ट्रैक्ट में मौजूद पॉलीफेनोलिक यौगिकों से लिवर को प्रोटेक्टशन मिल सकता है। मेथी के बीज शराब के विषाक्त प्रभावों (टॉक्सिक इफेक्ट) से लिवर की कोशिकाओं और लिवर के फ़ंक्शन को बचाने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, यदि अपको लिवर से संबंधित कोई भी बीमारी है, तो हर्बल उपचार लेने से स्थिति और खराब हो सकती है।

मोटापे में मेथी के संभावित उपयोग

मेथी बिना किसी साइड इफेक्ट के वजन कम करने में मदद कर सकती है। जानवरों पर होने वाले कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि वजन घटाने में मेथी असरदार होती है। मेथी के हाई फाइबर भूख को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो मोटे रोगियों में ज्यादा बढ़ जाती है। जानवरों में अध्ययन के अनुसार, मेथी पाउडर का सेवन वजन कम करने में सहायक पाया गया। मेथी के बीज में मौजूद गैलेक्टोमैनन, खून (ब्लड) में अवशोषित (एब्सॉर्ब) होने से पहले शरीर से शुगर को बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

डाइबीटीज़ (मधुमेह) में मेथी के संभावित उपयोग

मेथी डाइबीटीज़ में सहायक हो सकती है क्योंकि यह लिवर और एडिपॉज टिशू (ऊतकों) में ग्लूकोज ट्रांसपोर्टरों और सिग्नलिंग ट्रांसडक्शन को नियंत्रित करके इंसुलिन सेन्सिटिविटी को बढ़ाती है। जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार, मेथी के सेवन से लिवर और एडिपोज टिशू में ग्लूकोज ट्रांसपोर्टर-2 और 4 का लेवल बढ़ा हुआ पाया गया। मेथी इंसुलिन रेजिस्टेन्स की स्थिति में सुधार करने में भी मदद कर सकती है। यह लिवर को अच्छी तरह से काम करने में भी मदद कर सकती है।

कैसे करें भुनी मेथी का सेवन

मेथी के दानों को साफ करके तवे पर भून लीजिए. अब इन्हें अच्छी तरह पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर में शहद मिलाकर सेवन करें. रोज सुबह एक चम्मच मेथी पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर खाने से आपको फायदा मिलना मुमकिन है.

मेथी दानों के नुकसान

मेथी दानों का अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर को कई नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इसका सेवन कम मात्रा में करें। पेट से जुड़ी परेशानी जैसे- खट्टी डकार, गैस इत्यादि।

स्किन पर एलर्जी होने की संभावना
लो ब्लड प्रेशर की परेशानी इत्यादि।
मेथी के बीजों का सेवन करने से शरीर को कई फायदे होते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपको कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। वहीं, अगर आप पहले से किसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।


29.10.23

छुहारे (Dry Dates) के फायदे और नुकसान




छुहारा एक ड्राई फ्रूट है. ये एक पौष्टिक और स्वादिष्ट फल है जो ताकत को बनाए रखने के लिए जाना जाता है. छुहारे में हाई आयरन और पोटेशियम होता है, जो उन्हें हेल्दी डाइट में शामिल करने के लिए जरूरी बनाता है. हमारे घरों में छुहारे को भिगोकर सेवन किया जाता है क्योंकि माना जाता है कि ये दूध के साथ और भी पौष्टिक होता है और दूध में भिगोने के बाद ये और भी सॉफ्ट हो जाता है. दूध और छुहारे के फायदे कमाल के होते हैं. माना ये भी जाता है कि छुहारे का सेवन कमजोरी को दूर करता है और ये हमारी हड्डियों और मांसपेशियों को ताकत देता है.

. हड्डियों को ताकत देता है

छुहारे में में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे शक्तिशाली मिनरल होते हैं. ये सभी बोन हेल्थ (Bone Health) को बढ़ावा देने वाले गुणों के लिए जाने जाते अध्ययनों से पता चलता है कि खजूर का सेवन हड्डियों से संबंधित बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में मदद मिल सकती है.

गर्भावस्था में फायदेमंद

छुहारा प्रेग्नेंसी के बाद के समय में महिलाओं के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं. हाई फाइबर (High Fiber) होने की वजह से ये कब्ज और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में मदद कर सकता है जो गर्भवती महिलाएं अक्सर अनुभव करती हैं.

पाचन तंत्र में सुधार लाए खजूर

बता दें जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है वह नियमित रूप से खजूर का सेवन कर सकते हैं। इसके अंदर घुलनशील फाइबर पाए जाते हैं जो ना केवल आंतों के माध्यम से बचे हुए भोजन को शरीर से बाहर निकालते हैं बल्कि कब्ज आदि समस्या से भी छुटकारा दिलाते हैं। ऐसे में आप रात भर पानी में भिगोकर खजूर का सेवन कर सकते हैं, फायदा मिलेगा।

वजन को घटाएं खजूर

कुछ लोगों को लगता है कि अगर वे सूखे मेवे का सेवन करेंगे तो उनका वजन बढ़ेगा। पर ऐसा नहीं है। खजूर के अंदर कम मात्रा में फैट मौजूद होता है जो न केवल चर्बी को घटाता है बल्कि खजूर कोलेस्ट्रोल फ्री भी होता है।

शरीर में उर्जा को बढ़ाएं छुहारा

बता दें कि छुहारे के अंदर ग्लूकोज और फ्रुक्टोज अधिक मात्रा में पाया जाता है जो ऊर्जा बूस्टर के रूप में भी देखा गया है। ऐसे में अगर आप शारीरिक सहनशीलता को बढ़ाना चाहते तो आप छुहारे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ-साथ यह कामेच्छा में भी सुधार करने का काम करता है।

दिमाग के लिए फायदेमंद

ये हेल्दी और स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट ब्रेन हेल्थ (Brain Health) के लिए बेहतरीन माना जाता है. छुहारे में ब्रेन बूस्टिंग गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं. इसका डेली सेवन हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रख सकता है.

खांसी और जुकाम को दूर करें खजूर और दूध

दूध और खजूर का उपयोग काफी पुराने समय से चला आ रहा है। यह न केवल खांसी जुकाम की परेशानी को दूर करता है बल्कि अगर एक चुटकी काली मिर्च और इलाइची का पाउडर दूध में मिलाया जाए और खूजर के साथ इसका सेवन किया जाएगा तो यह सर्दी भगाने में भी बेहद उपयोगी है।

कोलेस्ट्रॉल कम करता है

छुहारे को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए क्योंकि वे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) को तुरंत कम कर सकते हैं और आपके हमारे वजन को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं.

डायबिटीज में मददगार

छुहारे का सेवन नेचुरल स्वीटर (Natural Sweeteners) के रूप में करना आपके लिए अपने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना आसान बना सकता है. डायबिटीज रोगी छुहारे का सेवन कर सकते हैं लेकिन मात्रा का ख्याल रखें.

नेचुरल स्वीटनर

छुहारा मीठा होता है तो इसे नेचुरल स्वीटनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. व्हाइट शुगर की बजाय आप भीगोए हुए छुहारे का सेवन कर सकते हैं.

 स्किन को रखता है हेल्दी

छुहारे में विटामिन डी और विटामिन सी होता हैं, जो स्किन हेल्थ (Skin Health) में सुधार कर सकता है. इस ड्राई फ्रूट (Dry Fruit) में जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो झुर्रियों और फाइन लाइन्स को दूर रखकर उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षणों को रोकने में मदद करते हैं.


28.10.23

हकलाने और तुतलाने को जड़ से ख़त्म करने का रामबाण नुस्खा

 





Stammering Problem: अक्सर छोटी उम्र में बच्चे शब्दों को ठीक तरह से नहीं बोल पाते हैं. कई बार तुतलाना या हकलाना छोटे बच्चों में देखा जाता है. उम्र बढ़ने पर भी अगर बच्चा रुक-रुक कर बोल रहा है या किसी एक शब्द को लंबा खींच रहा है, तो ये चिंता की बात है. ये स्टैमरिंग या हकलाने की शुरुआत हो सकती है.
छोटे बच्‍चे जब तुतलाकर बोलना शुरू करते हैं तो कितना अच्‍छा लगता है लेकिन जैसे-जैसे बच्‍चा बड़ा होने लगता है उसका तुतलाकर बोलना हंसी-मजाक का विषय बन जाता हैअगर आपका बच्‍चा भी थोड़ा तुतलाकर या फिर हकलाकर बोलता है तो इसे आम समस्‍या मानकर इग्‍नोर न करें बलिक इस घरेलू उपाय की मदद से भी आप जल्‍द ही इस परेशानी का समाधान निकाल सकते हैं.
यह समस्या मोटी जीभ, हकलाने वाली की नकल करने और नाड़ियों में किसी प्रकार के दोष होने से हो सकती है. जब हम बोलते वक्त सही से अक्षरों को नहीं बोल पाते हैं ,रुक-रुककर बोलते हैं तो यह तुतलाने या हकलाने कहलाता है. डॉक्टरों के अनुसार, अगर कोई बच्चा बोलते वक्त हकलाता है, तो उसके लिए आंवला बहुत ही फायदेमंद हो सकता है. ऐसे बच्चों को कुछ दिनों तक आंवला चबाने के लिए देना चाहिए.
दरअसल आंवला चबाने से जीभ पतली होने में मदद मिलती है और आवाज साफ निकलने लगती है. आंवले से आवाज साफ होती है और हकलाने की समस्या धीरे-धीरे कम होती जाती है,बच्‍चों के हकलाने और तुतलाने पर कच्चे, पके हरे आंवले को उन्‍हें चूसने के लिए दें और आप जल्‍द ही इसका प्रभाव देख़ सकते हैं. आंवले के सेवन से आवाज साफ होती है. - बादाम के सात टुकड़े और उतनी ही मात्रा में काली मिर्च को पीसकर एक चटनी जैसा पेस्ट तैयार कर लें. इसमें शहद मिलाकर बच्चे को चाटने के लिए दें. - 
काली मिर्च चूसना भी बहुत फायदेमंद रहेगा.
तेजपत्ता : जिनको रुक-रुक कर बोलना या हकलाने की परेशानी उन व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से बहुत लाभ मिलता है और हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है। आंवला : काम से काम दो आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाने से जीभ पतली और आवाज साफ होती है साथ ही उनका हकलापन और तुतलापन भी दूर हो जाता है।

तुतलाने और हकलाने के उपाय :-

1.आंवला :-

बच्चे यदि एक ताजा हरा आंवला रोजाना कुछ दिन चबाएं तो तुतलाना और हकलाना मिटता है । इससे जीभ पतली होने लगती है और आवाज साफ आने लगती है।

ए​क चम्मच आंवले के चूर्ण को एक चम्मच गाय के घी में मिलाकर लेने से भी हकलाने की समस्या दूर होती है।

2.सौंफ:-

5 ग्राम सौंफ को थोड़ा कूटकर 300 ग्राम पानी में उबालें । जब पानी उबलकर सौ ग्राम रह जाए तब उसमें 50 ग्राम मिश्री तथा ढाई सौ ग्राम गाय का दूध मिलाकर रोजाना सोने से पहले पीते रहने से कुछ दिनों में ही हकलाकर बोलना ठीक हो जाता है।

3.बादाम:-

7 बादाम की गिरी, सात काली मिर्च , दोनों को कुछ बूंदे पानी के साथ घिसकर चटनी सी बना लें और इसमें जरा सी मिश्री पिसी हुई मिलाकर चाटे । सुबह खाली पेट कुछ दिन ले । इससे भी हकलाना बंद हो जाएगा ।

12 बादाम को रात भर पानी में भीगे रहने दे मैं सुबह छिलके उतारकर पीस लें इसे 30 ग्राम मक्खन के साथ लेने से हकलाने की समस्या से निजात मिलता है

4.छुआरे :-

छुहारे को दूध में उबालकर रात को सोते समय देने से भी आवाज साफ होती है और हकलाना बंद होता है । इसे देने के बाद 2 घंटे तक पानी नहीं पिए ।

5.कलौंजी का तेल:-

एक चम्मच कलौंजी के तेल में दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार जुबान पर रखें । इससे भी तुतलाना और हकलाना बंद हो जाता है।

6. ब्राह्मी तेल:-

ब्राह्मी तेल को थोड़ा सा गुनगुना कर लें व इससे सिर पर मसाज करें। 30- 40 मिनट बाद गुनगुने पानी से नहा लें । इस उपयोग से स्मरण शक्ति तेज होती है व हकलाने की समस्या भी दूर होती है।

7. एक चम्मच मक्खन में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर डाल कर सुबह सुबह लेने से भी हकलाने की प्रॉब्लम दूर हो जाती है

इन घरेलू उपायों के साथ अगर आप निम्न तरीके भी अपनाते हैं तो हकलाने और तुतलाने की बीमारी से आप जल्दी निजात पा सकते हैं :-


1.शीशे के सामने खड़े होकर खुद से बातें करें जिससे आपमे कॉन्फिडेंस आएगा और हकलाने की समस्या कम होगी ।

2.जोर-जोर से किताब को पढे जिससे आवाज साफ होगी और आप अपने शब्दों पर अच्छे से ध्यान दे पाएंगे ।

3.आप जिन शब्दों पर ज्यादा अटकते हैं उन को नोट करके उन पर विशेष ध्यान दें।


27.10.23

पत्थरचट्टा है पथरी और जोड़ों के दर्द की रामबाण औषधि-Berberis Vulgaris




आयुर्वेद में पत्थरचट्टा को कई बीमारियों के लिए जादुई दवा कहा जाता है। इससे किडनी स्टोन, जोड़ों में दर्द, जैसी तमाम बीमारियों जड़ से खत्म किया जा सकता है. पत्थरचट्टा एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि शरीर में कई प्रकार के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ये पेट की पथरी को भी कम करने में मददगार है। इसका ड्यूरेटिक गुण आपके शरीर के टॉक्सिन को पेशाब के साथ फ्लश ऑउट कर देता है और पेट व आंतों के काम काज को बेहतर बनाता है।

जोड़ों के दर्द में कारगर है पत्थरचट्टा-

जोड़ों के दर्द में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कई प्रकार से फायदेमंद है। ये असल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो कि हड्डियों के दर्द को कम करता है और सूजन में कमी ला सकता है। इसके अलावा ये हड्डियों को अंदर से मजबूत बनाता है और इनके काम काज को बेहतर करता है। साथ ही इसके टिशूज को हेल्दी रखता है और इस दर्द में कमी लाता है।

पत्थरचट्टा का पानी पिएं-

जोड़ों के दर्द के लिए आप पत्थरचट्टा का कई प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें से एक है इसका पानी। दरअसल, पत्थरचट्टा के पत्तियों को पानी में उबाल लें और फिर इसे पानी में नमक मिलाकर इसका सेवन करें। आप इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं जो कि जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है क्योंकि ये शरीर की ताप बढ़ाता है और सूजन को कम करता है।

पत्थरचट्टा का लेप लगाएं-

पत्थरचट्टा का लेप, हड्डियों के दर्द और सूजन को तेजी से कम कर सकता है। आपको करना ये है कि पत्थरचट्टा को पीसकर और इसमें हल्दी मिलाकर इसका लेप तैयार कर लें और फिर इसे अपने जोड़ों पर लगाएं और हल्के हाथों से मालिश करें। इसे कुछ देर के लिए ऐसे ही छोड़ दें। रोजाना दिन में तीन बार इसे ऐसे ही लगाएं। ये हड्डियों की सेहत के लिए फायदेमंद है।

किडनी की पथरी के लिए-

काफी सालों से किडनी की पथरी के लिए पत्थरचट्टे के पौधे का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। इसके लिए पत्थरचट्टा के पत्तों का काढ़ा बनाकर उसमें शहद और शिलाजीत को मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें और फिर थोड़ी-थोड़ी देर पर इसका सेवन करते रहने से किडनी की पथरी की समस्या दूर होती है।


आंखों के लिए-

आंखों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए पत्थरचट्टा का पौधा बहुत ही काम का है। ये आंखों की कई सारी परेशानियों को दूर करने का काम करता है। इसके लिए आपको पत्थरचट्टा के पत्तों का रस निकालकर अपनी आंखों के चारों ओर लगाना होगा। ऐसा करने से आंखों के सफेद हिस्से में जो दर्द हो रहा है वह दूर हो जाएगा।


योनि संक्रमण के लिए

वेजाइनल डिसचार्ज होने के कारण महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें अकसर योनि के संक्रमित होने की आशंका भी बढ़ जाती है। ऐसे में आप पत्थरचट्टा से बना काढ़ा इस्तेमाल कर सकते हैं ये योनि की समस्या के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके लिए पत्थरचट्टा के पत्ते में 2 ग्राम शहद को मिला लें और फिर इसका सेवन आप 1 दिन में एक या दो बार करें। ऐसा करने से योनि स्राव कम हो जाएगा। साथ ही योनि संक्रमण का खतरा भी कम हो जाएगा।

सिर दर्द की समस्या के लिए=

सिर दर्द की समस्या के लिए भी पत्थरचट्टा का उपयोग किया जाता है। इसके लिए इसके पत्तों का लेप बनाकर माथे पर लगाना होता है। ये सिर्फ सिर दर्द ही नहीं बल्कि माइग्रेन की समस्या को भी दूर करने का काम करता है।

बीपी की समस्या के लिए-

जिन लोगों को बीपी की परेशानी रहती हो उन्हें पत्थरचट्टा के पत्तों का सेवन करना चाहिए। इसके लिए पत्थरचट्टा की पत्तियों से बने रस का सेवन 1 दिन में दो से तीन बार करें। ऐसा करने से हाइपरटेंशन में राहत मिलेगी।

पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कैसे करें'

पत्थरचट्टा का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है। आप इसके पत्तों के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा इसके पत्तों को सलाद में काटकर सब्जियों के साथ भी खा सकते हैं। पत्थरचट्टा के पत्तों को उबालकर या पीसकर त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।


21.10.23

औषधीय गुणों से भरपूर है सदा बहार का फूल -sadabahar flower





अक्सर आपने बाग-बगीचों में सदाबहार फूल लगा हुआ देखा होगा. इसमें खुशबू न रहने की वजह से लोग इससे अट्रैक्टिव नहीं होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फूल भले ही आपको खुशबू न दें लेकिन आपके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में काफी असरदार होता है. सदाबहार फूल के गुणों की जितनी चर्चा की जाए उतनी कम है. खासतौर पर डायबिटीज मरीजों के लिए सदाबहार फूल औषधि से कम नहीं होता है.
सदाबहार के फूलों को आयुर्वेद में संजीवनी के नाम से जाना जाता है। आज के समय में लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, खानपान में असंतुलन के कारण लोगों को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो रही हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। आयुर्वेद के मुताबिक सदाबहार में तिक्त रस यानी कड़वापन जैसे गुण पाए जाते हैं इसके अलावा यह वात और कफ दोषों को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सदाबहार के फूल में मौजूद गुण गले के संक्रमण से लेकर डायबिटीज की समस्या में बहुत उपयोगी और प्रभावी होते हैं। इसमें मौजूद एलकालॉइड्स, एजमेलीसीन, सरपेन्टीन नामक तत्व शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा शरीर में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकालने में सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। डायबिटीज और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है।

सदाबहार के फूल के फायदे

सदाबहार के फूलों में मौजूद गुण न सिर्फ शरीर की समस्याओं में फायदेमंद होते हैं बल्कि इसका इस्तेमाल स्किन को भी बेहतर बनाने में फायदेमंद होता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के डॉ एस के पांडेय के मुताबिक अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल इन समस्याओं में बहुत उपयोगी माना जाता है।

डायबिटीज करे कंट्रोल

शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से डायबिटीज की परेशानी होती है. अगर आप ब्लड शुगर को कंट्रोल करके रखते हैं तो इससे डायबिटीज में होने वाली कई तरह की समस्याओं से बच सकते हैं. सदाबहार पौधे की फूल और पत्तियां दोनों ही डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती हैं. इसका सेवन आप चाय या फिर पाउडर के रूप में कर सकते हैं.
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने की स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इस समस्या में सदाबहार के फूलों के अलावा इसकी पत्तियों का इस्तेमाल भी बहुत फायदेमंद होता है। 

इम्यूनिटी बूस्ट करे

सदाबहार के फूलों का काढ़ा पीने से आपकी कमजोर इम्यूनिटी बूस्ट होती है। यह शरीर में संक्रमण और बैक्टीरियल समस्याओं को रोकने में आपकी मदद कर सकता है. अगर आप वायरल या बैक्टीरियल समस्याओं से ग्रसित हैं तो नियमित रूप से सदाबहार फूलों का काढ़ा पिएं.

तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी


सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं में बहुत फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में फायदा मिलता है।


ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल


सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. यह हमारे शरीर के लिए एंटीहाइपरटेन्सिव एजेंट के रूप में कार्य करता है, जिससे आप ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं. साथ ही यह हार्ट से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में भी प्रभावी हो सकता है.

सदाबहार के फूलों का सेवन करने का तरीका

सदाबहार के फूलों का सेवन आप अलग-अलग समस्याओं में अलग-अलग तरीके से कर सकते हैं। आप सदाबहार के फूलों का रस पी सकते हैं और इसके अलावा इसके फूलों का काढ़ा भी बना सकते हैं। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य समस्याओं में सदाबहार के फूलों के काढ़े का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल से करने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लेनी चाहिए।
  आयुर्वेद में हजारों सालों से बीमारियों के लिए पेड़-पौधों और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें कई पौधे ऐसे भी है जो हमारे आस-पास या हमारे खुद के घर में होते हैं, लेकिन इनकी खासियत के बारे में हमे नहीं मालूम होता है। ऐसा ही एक पौधा सदाबहार फूल का है जिसकी पत्तियां स्वास्थ्य के लिए संजीवनी के तौर पर जानी जाती है। आइए जानते हैं ये किन बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है और इसे कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन बीमारियों का रामबाण इलाज है सदाबहार का पौधा'सदाबहार की पत्तियों में मौजूद एल्कलॉइड नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो बॉडी में इंसुलिन का निर्माण तेजी से करता है। ऐसे में जो लोग शुगर से ग्रसित हैं उनके लिए सदाबहार के पत्तियों का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है।

सदाबहार की पत्तियों में हैं कमाल के गुण 

  सदाबहार की पत्तियों में मौजूद गुण संक्रमण की समस्या से निजात पाने में भी काफी मददगार साबित होते हैं। इसके इस्तेमाल से आप गले में किसी भी तरह की समस्या को दूर सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर सदाबहार की पत्तियों का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
स्किन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए भी सदाबहार की पत्तियां बहुत फायदेमंद होती है। ये खुजली, कील-मुहांसों और झुर्रियों जैसी परेशानियों को दूर करने का काम करता है।
ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सदाबहार की पत्तियां किडनी स्टोन की समस्या से भी छुटकारा दिलाने का काम करती है।
कैसे करें सदाबहार की पत्तियों का इस्तेमाल'डायबिटीज की परेशानी में मरीज को सदाबहार की पत्तियों को डायरेक्टर चबा-चबाकर खाना चाहिए।
गले की किसी भी तरह की परेशानी और संक्रमण से होने वाली बीमारियों के साथ-साथ इंफेक्शन जैसी समस्याओं के लिए सदाबहार की पत्तियों का रस या काढ़ा पीना चाहिए।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए सदाबहार की पत्तियों का सेवन करें। इसे आप चबा-चबाकर खाएं।
स्किन से रिलेडेट किसी भी तरह की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए सदाबहार की पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे त्वचा पर अप्लाई करें।
किडनी में पथरी होने पर सदाबहार की पत्तियों को पानी में उबालकर इसका पानी नियमित रूप से पिएं।

3.10.23

पौरुष शक्तिबढ़ाने के नुस्खे- Mardana takat

 



  पौरुष शक्ति बढ़ाने के घरेलू उपाय : एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 100 में से 70 लोग मर्द अपने अपने पार्टनर को satisfy नही कर पाते है, इस कारन से आज लोगो के relation खराब होते है | आज ये मर्दों की समस्या काफी बढ़ गई है | इस समस्या के बारे में उनकी पार्टनर को कभी कभी बात करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है |
 अगर आप शारीरिक संबंध बनाते समय ज्यादा समय तक बिस्तर पर टिक नहीं पाते है। तो यह आपके अंदर की कमजोरी के कारण होता है। लेकिन इसे आप ठीक कर सकते है। इसके लिए आप अच्छा खाना खाने से इस परेशानी से दूर हो सकते है।
 बदलते लाइफ स्टाइल के कारण पुरूष, इन दिनों बिस्तर पर अपने पार्टनर के साथ बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है। हांलाकि मार्केट में ऐसी हज़ारों दवाइयों की भरमार है जो, आपके काम आ सकती हैं। लेकिन आखिर दवाइयों पर आप कब तक निर्भर रहेंगे? इसके लिये जरुरी है कि आप इसका असली कारण जान लें|

बहुत ज्यादा पाने की लालसा:

 शिक्षा और कॅरियर में बहुत ज्यादा पाने की इच्छा पुरूषों को बेदम कर देती है। वे इसी में लगे रहते हैं कि उन्हें सबसे आगे निकलना है। लेकिन इन सबमें वे सबकुछ खो देते हैं।

फूडिंग हैबिट: 

पुरूषों के खाने पीने का ढंग दिनों-दिन गिरता जा रहा है। वे अपने खान पान पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे उनका शरीर कमजोर हो जाता है।

धूम्रपान, शराब या ड्रग्‍स का सेवन: 

इन तीनों ही गंदी लतों से हजारों, लाखों लोगों की जिंदगी चली गई है और सैकड़ों लोगों का घर बर्बाद हो गया। यही नहीं इसकी लत से स्पर्म काउंट भी कम हो जाते हैं।

तनाव: 

तनाव, व्यक्ति को खोखला बना देता है। इन दिनों हर किसी को तनाव सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में उनका जीवन बेकार होता जा रहा है और सेक्स लाइफ पर भी बुरा असर पड़ रहा है काम करने के घंटों में इजाफा:

 ज्यादा जल्दी सफलता या पैसा पाने के चक्कर में आदमी, इन दिनों बदहाल हुआ जा रहा है। 8 घंटे के अलावा भी वह और 2 घंटे काम करता है ताकि अपना टारगेट पूरा करके ज्यादा राशि पाएं। लेकिन इसके कारण उसका परिवार बनने में काफी दिक्क़ते आती हैं।

गैजेट: 

गैजेट ने लाइफ जितनी आसन बना दी है उतनी ही बिगाड़ भी दी है। लोग, सारा समय उसी में लगे रहते हैं, उन्हें अपने पार्टनर की फिक्र नहीं होती है। वे गलत ढंग से एक-दूसरे के साथ सोते हैं और पेश आते हैं। कई बार तो मोबाइल पर चैट या बात करते हुए सो जाते हैं जिससे शरीर में दर्द भी होने लगता है।
बेकार जीवनशैली: जिन पुरूषों की जीवनशैली बेकार होती है वे कभी भी स्वस्थ जीवन की आशा न ही रखें तो बेहतर होगा। अन्यथा उन्हें भरसक प्रयास करने की आवश्यकता है।

X-रेटेड स्टफ को बहुत ज्यादा देखना: 

अगर कोई पुरूष बहुत ज्यादा पोर्न फिल्म देखता है या उसे हर पल सिर्फ सेक्स या रोमांस ही अच्छा लगता है तो उसकी रियल लाइफ पर भयानक असर पड़ सकता है। उसे सच में अपने पार्टनर के साथ कभी अच्छा नहीं लगेगा।
नपुंसकता, स्वप्नदोष धातु दोष आदि ऐसी समस्याएं हैं जो वैवाहिक जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। असंयमित खान-पान या शरीर में पोषक तत्वों के कारण या अन्य गलत आदतों से पुरुषों को दुर्बलता या कमजोरी की परेशानी होने लगती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बेहद साधारण घरेलू नुस्खे जिनसे आप इस समस्या से बहुत जल्द छुटकारा पा सकते हैं।

 इमली-

आधा किलो इमली के बीज लेकर उसके दो हिस्से कर दें। इन बीजों को तीन दिनों तक पानी में भिगोकर रख लें। इसके बाद छिलकों को उतारकर बाहर फेंक दें और सफेद बीजों को खरल में डालकर पीसें। फिर इसमें आधा किलो पिसी मिश्री मिलाकर कांच के खुले मुंह वाली एक चौड़ी बोतल में रख लें। आधा चम्मच सुबह और शाम के समय में दूध के साथ लें। इस तरह से यह उपाय वीर्य के जल्दी गिरने के रोग तथा संभोग करने की ताकत में बढ़ोतरी करता है।

100 ग्राम कौंच के बीज और 100 ग्राम तालमखाना को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें फिर इसमें 200 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। हल्के गर्म दूध में आधा चम्मच चूर्ण मिलाकर रोजाना इसको पीना चाहिए। इसको पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है और नामर्दी दूर होती है।

 जायफल – 

15 ग्राम जायफल, 20 ग्राम हिंगुल भस्म, 5 ग्राम अकरकरा और 10 ग्राम केसर को मिलाकर बारीक पीस लें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर इमामदस्ते में घोटें। उसके बाद चने के बराबर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। रोजाना रात को सोने से 2 पहले 2 गोलियां गाढ़े दूध के साथ सेवन करें। इससे शिश्न (लिंग) का ढ़ीलापन दूर होता है तथा नामर्दी दूर हो जाती है।

 तुलसी- 

15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मुसली लेकर चूर्ण बनाएं, फिर उसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला दें और शीशी में भरकर रख दें। 5 ग्राम की मात्रा में यह चूर्ण सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें इससे यौन दुर्बलता दूर होती है।

आंवला-

2 चम्मच आंवला के रस में एक छोटा चम्मच सूखे आंवले का चूर्ण तथा एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से सेक्स शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती चली जाएगी। इस प्रकार की परेशानी में आंवला बहुत फायदेमंद होता है। अत: प्रतिदिन रात्रि में गिलास में थोड़ा सा हुआ सुखा आंवले का चूर्ण लें और उसमें पानी भर दें। सुबह उठने के बाद इस पानी में हल्दी मिलाएं एवं छानकर पीएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा सा पानी पीएं। जिन लोगों को अत्याधिक स्वप्नदोष होने की समस्या है, वे प्रतिदिन आंवले का मुरब्बा खाएं।

 सेब-

एक सेब में जितनी हो सके उतनी लौंग लगा दीजिए। इसी तरह का एक अच्छा सा बड़े आकार का नींबू ले लीजिए। इसमें जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, लौंग लगाकर दोनों फलों को एक सप्ताह तक किसी बर्तन में ढककर रख दीजिए। एक सप्ताह बाद दोनों फलों में से लौंग निकालकर अलग-अलग बोतल में भरकर रख लें। पहले दिन नींबू वाले दो लौंग को बारीक कूटकर बकरी के दूध के साथ सेवन करें। इस तरह से बदल-बदलकर 40दिनों तक 2-2 लौंग खाएं। यह एक तरह से सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला एक बहुत ही सरल उपाय है।

अश्वगंधा का चूर्ण, असगंध तथा बिदारीकंद को 100-100 ग्राम की मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। चूर्ण को आधा चम्मच मात्रा में दूध के साथ सुबह और शाम लेना चाहिए। यह मिश्रण वीर्य को ताकतवर बनाकर शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाता है।

 सोंठ-

4 ग्राम सोंठ, 4 ग्राम सेमल का गोंद, 2 ग्राम अकरकरा, 28 ग्राम पिप्पली तथा 30 ग्राम काले तिल को एकसाथ मिलाकर तथा कूटकर बारीक चूर्ण बना लें। रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पी लें। यह रामबाण औषधि शरीर की कमजोरी को दूर करती है और सेक्स शक्ति को बढ़ाती है।

 अजवायन-

100 ग्राम अजवायन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी बोतल में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है|

 छुहारे -

चार-पांच छुहारे, दो-तीन काजू और दो बादाम को 300 ग्राम दूध में खूब अच्छी तरह से उबालकर तथा पकाकर दो चम्मच मिश्री मिलाकर रोजाना रात को सोते समय लेना चाहिए। इससे यौन इच्छा और काम करने की शक्ति बढ़ती है।

 गाजर-

1 किलो गाजर, चीनी 400 ग्राम, खोआ 250 ग्राम, दूध 500 ग्राम, कद्यूकस किया हुआ नारियल 10 ग्राम, किशमिश 10 ग्राम, काजू बारीक कटे हुए 10-15 पीस, एक चांदी का वर्क और 4चम्मच देशी घी ले लें। गाजर को कद्दूकस करके कडा़ही में डालकर पकाएं। पानी के सूख जाने पर इसमें दूध, खोआ और चीनी डाल दें तथा इसे चम्मच से चलाते रहें। जब यह सारा मिश्रण गाढ़ा होने को हो तो इसमें नारियल, किशमिश, बादाम और काजू डाल दें। जब यह गाढ़ा हो जाए तो थाली में देशी घी लगाकर हलवे को थाली पर निकालें और ऊपर से चांदी का वर्क लगा दें। इस हलवे को चार-चार चम्मच सुबह और शाम खाकर ऊपर से दूध पीना चाहिए। यह वीर्यशक्ति बढ़ाकर शरीर को मजबूत रखता है। इससे सेक्स शक्ति भी बढ़ती है।
शंखपुष्पी – 
शंखपुष्पी 100 ग्राम, ब्राह्नी 100 ग्राम, असंगध 50 ग्राम, तज 50 ग्राम, मुलहठी 50 ग्राम, शतावर 50 ग्राम, विधारा 50 ग्राम तथा शक्कर 450 ग्राम को बारीक कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम को लेना चाहिए। इस चूर्ण को तीन महीनों तक रोजाना सेवन करने से नाईट-फाल (स्वप्न दोष), वीर्य की कमजोरी तथा नामर्दी आदि रोग समाप्त होकर सेक्स शक्ति में ताकत आती है।

 त्रिफला – 

एक चम्मच त्रिफला के चूर्ण को रात को सोते समय 5 मुनक्कों के साथ लेना चाहिए तथा ऊपर से ठंडा पानी पिएं। यह चूर्ण पेट के सभी प्रकार के रोग, स्वप्नदोष तथा वीर्य का शीघ्र गिरना आदि रोगों को दूर करके शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

आधा चम्मच सफेद प्याज का रस, आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच मिश्री के चूर्ण को मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। यह मिश्रण वीर्यपतन को दूर करने के लिए काफी उपयोगी रहता है।सफेद प्याज के रस को अदरक के रस के साथ मिलाकर शुद्ध शहद तथा देशी घी पांच-पांच ग्राम की मात्रा में लेकर एक साथ मिलाकर सुबह नियम से एक माह तक सेवन करें और लाभ देखें इससे यौन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है।

वीर्य अधिक पतला होने पर 1 चम्मच शहद में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोजाना सुबह के समय खाली पेट सेवन करना चाहिए। इसका विस्तृत रुप से इस्तेमाल करने से संभोग करने की शक्ति बढ़ जाती है।

2.10.23

डबल विजन दोहरी दृष्टि की समस्या कैसे ठीक करें ?






जब कोई व्यक्ति दोहरी छवि देखता है जहां केवल एक होना चाहिए, तो दोहरी दृष्टि होती है। दो छवियां अगल-बगल हो सकती हैं, एक के ऊपर एक, या दोनों। बीमारी से संतुलन, गति और पढ़ने की क्षमता क्षीण हो सकती है। यदि दोहरी दृष्टि केवल एक आंख को प्रभावित करती है, तो यह मोनोकुलर है। यदि यह किसी भी आंख को प्रभावित करता है तो यह दूरबीन है। उपचार कारण और प्रकार पर निर्भर करते हैं, लेकिन इसमें आंखों के व्यायाम, विशेष रूप से डिजाइन किए गए चश्मे और सर्जरी शामिल हैं।
आंख से जुड़ी एक समस्या है दोहरी दृष्टि या डबल विजन (Double Vision) जिसमें आपको एक ही चीज दो दिखाई देती है। डबल विजन या दोहरी दृष्टि की समस्या को मेडिकल की भाषा में डिप्लोपिया (Diplopia in Hindi) कहते हैं। यह समस्या कई बार लोगों में कमजोरी, चक्कर आना जैसी समस्याओं के कारण होती है लेकिन कई बार शरीर की आंतरिक स्थिति इसके लिए जिम्मेदार मानी जाती है।
आंख के बीच का एलाइनमेंट बिगड़ जाने पर यह समस्या होती है। हालांकि यह एक अस्थाई समस्या है लेकिन अगर आप लंबे समय तक इसका इलाज नहीं करते हैं तो इसकी वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आंख की नसों या मांसपेशियों में किसी भी प्रकार की कमजोरी भी इस समस्या का कारण बनती हैं।

डिप्लोपिया का कारण


डिप्लोपिया या दोहरी दृष्टि की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके कई कारण होते हैं। कई बार दोहरी दृष्टि या डिप्लोपिया की समस्या शरीर की अंतर्निहित बीमारी के कारण हो जाती है। आंख पर बाहरी दबाव पड़ने, आंखों पर अधिक जोर देने या दबाव देने से भी डबल विजन की समस्या हो सकती है। दोहरी दृष्टि या डिप्लोपिया की समस्या किसी भी कारण से हो इसके लक्षण दिखने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डिप्लोपिया की समस्या के कई प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं। आंख में किसी भी प्रकार की सूजन।
आंख में चोट लगने की वजह से डिप्लोपिया की समस्या।
आंखों का सूखापन।
मोतियाबिंद की समस्या।
थायरॉयड की बीमारी के कारण डिप्लोपिया की समस्या।
स्ट्रोक या गंभीर चोट के कारण।
कई प्रकार के डबल विजन होते हैं और डबल विजन के लिए कई कारण हैं. सरल शब्दों में, डबल दृष्टि तब होती है जब मस्तिष्क आपकी प्रत्येक आंखों से छवियों को एक छवि में नहीं जोड़ता है. ऐसा आमतौर पर होता है क्योंकि दो छवियां समान नहीं होती हैं, आंख की मांसपेशियों या नसों के साथ समस्याओं के कारण जो प्रत्येक आंख को देख रहे हैं. आम तौर पर आपकी प्रत्येक आंखों की इन दो छवियों को मस्तिष्क द्वारा एक ही छवि में जोड़ दिया जाता है.

डिपलोपिया उपचार

आमतौर पर, दोहरी दृष्टि के उपचार में सर्जरी, विज़न थेरेपी, चश्मे में प्रिज्म लेंस या दवाएं शामिल हैं।
कुछ स्थितियां जो दोहरी दृष्टि का कारण बन सकती हैं, जिन्हें ठीक करना कठिन होता है, यदि असंभव ना भी हो तो। इसके अलावा, स्ट्रोक और तंत्रिका पाल्सी के कारण डबल विज़न में उतार-चढ़ाव होता है जिसे ठीक से सही करने के लिए पर्याप्त रूप से मापा नहीं जा सकता है।
इन परिस्थितियों में, आपको समायोजन की अवधि की आवश्यकता हो सकती है ताकि आप लक्षणों के साथ जीना सीख सकें। आपके ऑप्टिशियन प्रिज़्म को प्रिस्क्राइब करके, एक आँख को थोड़ी समयावधियों के लिए पैच करके, या विशेष कॉन्टैक्ट लेंस या अन्य ट्रीटमेंट को प्रिस्क्राइब करके मदद कर सकते हैं।

निवारण

डिप्लोपिया की रोकथाम अंतर्निहित कारण की रोकथाम से शुरू होती है। अपनी आंखों को सुरक्षित रखने के लिए यहां कुछ उपाय दिए गए हैं:

अपने मधुमेह का प्रबंधन करें

मधुमेह रोगी जो उपचार योजना का पालन करते हैं उनमें दोहरी दृष्टि विकसित होने का जोखिम कम होता है। इसके अलावा, क्योंकि टाइप 2 मधुमेह जीवन शैली के परिणामस्वरूप विकसित हो सकता है, जो लोग स्वस्थ और संतुलित आहार खाते हैं, बहुत अधिक व्यायाम करते हैं, और स्वस्थ वजन बनाए रखते हैं उनमें मधुमेह और बाद में दोहरी दृष्टि विकसित होने की संभावना बहुत कम होती है।
मोतियाबिंद के विकास को रोकें
सूखी आंखों को आराम दें
सिर की चोट से खुद को बचाएं