30.8.21

जानें उड़द दाल खाने के कमाल के फायद/udad dal ke fayde






काली दाल, यानि उड़द की दाल को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता हैं. दालों को प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है. दालों के सेवन से शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती.

खासतौर पर शाकाहारी लोगों के लिए दालों का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है. आपको बता दें कि दालें कई प्रकार की होती हैं. वैसे तो आप किसी भी दाल का सेवन करें, ये सभी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं. लेकिन आज हम जिस दाल के बारे में बात कर रहे हैं वो है काली दाल, यानि उड़द की दाल, हालांकि उड़द की दाल दो प्रकार की होती है काली तथा हरी. असल में उड़द की दाल में बहुत से ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए अच्छे माने जाते हैं. उड़द दाल में प्रोटीन के अलावा फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, आयरन, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मददगार माने जाते हैं. उड़द की दाल udad dal ke fayde को डायबिटीज में काफी अच्छा माना जाता है. डायबिटीज आज के समय की एक गंभीर समस्या में से एक है जिसे खान-पान और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है.
उड़द दाल खाने के फायदेः

 डायबिटीज के लिएः

डायबिटीज आज के समय की गंभीर समस्या में से एक हैं जिसे लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है. उड़द दाल में फाइबर के गुण भरपूर होते हैं जो चीनी और ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं. डायबिटीज के रोगी डाइट में उड़द दाल को शामिल कर सकते हैं. उड़द दाल के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है.

पुरुषों के लिए भी है लाभदायक -

उड़द  udad dal ke fayde वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। यह वात, अर्श का नाश करती है। यह स्निग्ध, विपाक में मधुर, बलवर्द्धक और रुचिकारी होती है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं|

कब्ज के लिएः

उड़द की दाल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर करने में मदद कर सकते हैं. उड़द दाल के सेवन से पाचन, कब्ज और ऐंठन की समस्या को दूर किया जा सकता है.

जोड़ों और मांसपेशियों में होनेवाले दर्द

जोड़ों और मांसपेशियों में होनेवाले दर्द और सूजन से तुरंत राहत पाने के लिए उड़द की दाल का पेस्ट दर्द वालेी जगह पर लगाने से आराम मिलता है। इसके अलावा यह किसी भी तरह की त्वचा की जलन को कम करने में, टैन और सनबर्न से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है। इसके अलावा उड़द दाल में उच्च मात्रा में विटामिन और खनिज होते हैं, जो आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते हैं। उड़द की दाल आपके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में भी मदद करती है।

दिल के लिएः

दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है उड़द की दाल. उड़द दाल को पोटेशियम का अच्छा सोर्स माना जाता है. पोटेशियम रक्त परिसंचरण में सुधार कर सकती है. ये रक्त वाहिकाओं और धमनियों में तनाव को कम करने में मदद कर सकती है. उड़द दाल  udad dal ke fayde के सेवन से हार्ट को हेल्दी रखा जा सकता है.

आयरन के लिएः

उड़द की दाल में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जो आपके शरीर में एनर्जी के लेवल को बढ़ाने में मदद करता है और आपको एक्टिव रखता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में मदद करता है, जो आपके शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार है। जिन गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है, उनके लिए आयरन से भरपूर उड़द की दाल का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से उड़द की दाल का सेवन करने से बॉडी में आयरन के साथ-साथ एनर्जी भी बनी रहती है।

याददाश्त होगी मजबूत

अगर आपकी याददाश्त कमजोर है तो उड़द की दाल का सेवन करें. इसके लिए आप रात को सोते समय लगभग 60 ग्राम उड़द की दाल को पानी में भिगोकर रख दें. सुबह इस दाल को पीसकर दूध और मिश्री मिलाकर पीयें. इससे याददाश्त मजबूत होती है और दिमाग की कमजोरी खत्म हो जाती है.

सिरदर्द के लिएः

सिरदर्द की समस्या को कम करने में मददगार है उड़द दाल, इसमें पाए जाने वाले मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व शरीर को हेल्दी रखने का काम कर सकते हैं.

मुंहासे ठीक करने में मददगार

उड़द की दाल से मुंहासे भी ठीक हो जाते हैं. इसके लिए आप उड़द और मसूर की बिना छिलके की दाल को सुबह दूध में भिगो दें. शाम को बारीक से बारीक पीसकर उसमें नींबू के रस की थोड़ी बूंदे और शहद की थोड़ी बूंदे डालकर अच्छी तरह मिला लें और लेप बना लें. इसके बाद आप इस लेप को इस लेप को चेहरे पर लगा लें. इसके बाद सुबह चेहरा धो लें, ऐसा करने पर मुंहासे दूर हो जाएंगे.

ब्लड सर्कूलेशन बढ़ाने में भी मददगार

उड़द की दाल ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मददगार udad dal ke fayde  है. इसमें बड़ी मात्रा में बायोऐक्टिव कंपाउंड्स होते हैं, जो हमारी बॉडी के फूड फंक्शन को इंप्रूव करते हैं. जो हमारे पाचन तंत्र को ऊर्जा देकर हमें हर समय एनर्जेटिक रखते हैं.

नकसीर की समस्या से भी राहत

उड़द की दाल का उपयोग नकसीर की समस्या से भी राहत दिलाता है. कुछ लोगों को अत्यधिक गर्मी या ठंड के कारण भी नाक से खून बहने की समस्या होती है. ऐसे में उन्हें उड़द की दाल का सेवन करना चाहिए. इसके लिए आपको उड़द के आटे का तालू पर लेप करना होगा, ऐसा करने से नाक से खून (नकसीर) आना कम होता है.

नर्वस स‍िस्टम

उड़द की दाल हमारे नर्वस स‍िस्टम को मजबूत करने के अलावा हमारे ब्रेन को हैल्दी बनाती है। नर्वस स‍िस्टम की कमजोरी, लकवा, चेहरे का लकवा समेत दूसरी और कई बीमार‍ियों को ठीक करने के लिए अलग-अलग आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

सावधानी-

उड़द दाल के अधिक सेवन से पित्त की पथरी या गाउट भी हो सकता है। अगर आप इसका अधिक सेवन करते हैं तो यह आपके पाचन को भी प्रभावित कर सकती है। उड़द दाल का अधिक सेवन करने से कब्ज की समस्या भी हो सकती है। जिन लोगों को पहले से यह समस्या है, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। हर एक व्यक्ति में इसका प्रभाव अलग-अलग होता है।
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17.8.21

मिश्री खाने से सेहत को होते हैं ये बड़े फायदे//mishri ke fayde




 

 मिश्री अपने स्वाद के लिए जितनी जानी जाती है उतनी ही ये अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए भी जानी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार इसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं जो आपको कई बीमारियों से निजात दिला सकते हैं. मिश्री में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो सर्दी-खांसी में तुरंत राहत पहुंचाने का काम करते हैं.मिश्री को रॉक शुगर भी कहा जाता है। दरअसल, शक्कर के जमे हुए कण को ही मिश्री कहते हैं। यानी यह मिठास का ही दूसरा नाम है। इसका उत्‍पादन मूलत: भारत और पर्श‍िया माना जाता है।

 मिश्री का उत्पादन भी गन्ने के पौधे के जरिए होता है, जो कि स्वभाविक तौर पर एक मीठा
खाद्य पदार्थ है। इसे चीनी की सबसे शुद्ध मिठास मानी जाती है, क्योंकि इसमें व्हाइट शुगर की तरह केमिकल का प्रयोग नहीं होता है। डॉक्टर भावसार के अनुसार, यह बिना किसी रसायन के चीनी का सबसे शुद्ध रूप है। षडरस भोजन (संपूर्ण आहार जिसमें 6 अलग-अलग स्वाद हों) वो बहुत जरूरी होता है और इसमें मधुर रस यानी मीठे स्वाद की भी खास अहमियत है, उन्हीं में से एक मिश्री है।
 यूं तो अक्सर आप खाना खाने के बाद मिश्री और सौंफ का सेवन जरूर करते होंगे. इन दो चीजों का सेवन माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जाता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि मिश्री mishri ke fayde  सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचाती है. आप अगर अब तक मिश्री का सेवन रेस्टोरेंट में खाने के बाद ही करते आए हैं,तो अब इसको अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए, क्योंकि हम आपको मिश्री से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं

खांसी-ज़ुकामः

मिश्री को सर्दी-खासी के लिए काफी फायदेमंद mishri ke fayde माना जाता है. मिश्री को काली मिर्च के साथ रात में सेवन करने से खांसी-ज़ुकाम और गले की खराश से छुटकारा पाया जा सकता है. परेशान कर रही हो तो मिश्री इसे दूर करने में मदद करेगी। मिश्री का छोटा सा टुकड़ा मुंह में रखें। खांसी में आराम आने लगेगा। छोटे बच्‍चों को भी सर्दी से खांसी होने पर मिश्री दी जा सकती है। मिश्री को पानी में मिलाकर पीने से भी आराम मिलेगा

मस्तिष्क के लिए फायदेमंद

मिश्री के फायदे में मस्तिष्क की क्षमता में सुधार करना भी शामिल है। दरअसल, आयुर्वेद में मिश्री को मानसिक स्वास्थ्य की एक प्राकृतिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि मिश्री को गर्म दूध के साथ हर रात पीने से याददाश्त मजबूत होती है और मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है।

डायरिया से दिलाए छुटकारा

डायरिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप 10 ग्राम मिश्री पाउडर के साथ 10 ग्राम धनिया पाउडर को करीब 100 एमएल पानी में मिलाकर नियमित रूप से दिन में तीन बार पिएं। ऐसा करने से आपको जल्द ही आराम मिल सकता है।

बच्चों के लिए फायदेमंद

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि मिश्री को मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक औषधि माना जाता है। यह मानसिक तनाव को भी दूर करती है और याददाश्त को सुधारने में सहायक साबित होती है। इस कारण इसे बच्चों को गर्म दूध के साथ देना लाभकारी माना जाता है। इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। अत्यधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल फायदे की जगह नुकसानदायक साबित हो सकता है।

थकान-कमजोरीः mishri ke fayde

जिन लोगों को थकान और कमजोरी की शिकायत रहती है उन्हें अपनी डाइट में मिश्री को शामिल करना चाहिए, अगर आप दूध के साथ मिश्री का सेवन करते हैं तो ये शरीर की थकान को दूर करने में मदद कर सकती है.

एनीमिया में लाभदायक

एनीमिया जैसी गंभीर समस्या से राहत दिलाने में मिश्री काफी लाभकारी साबित हो सकती है। बताया जाता है कि मिश्री के सेवन से हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार होता है। साथ ही यह रक्त संचरण (ब्लड सर्कुलेशन) की प्रक्रिया को भी सुधारती है। वहीं एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी मिश्री का प्रयोग किया जाता है । इस कारण यह माना जा सकता है कि मिश्री के फायदे में एनीमिया से छुटकारा भी शामिल है।

पाचनः

मिश्री को पाचन के लिए काफी अच्छा माना जाता है. अगर आप खाना खाने के बाद मिश्री को सौंफ के साथ खाते हैं तो ये आपके खाने को आसानी से पचाने में मदद कर सकती है.

नाक से खून आने की समस्या को दूर करता है-

कई लोगों को नाक से खून आने की समस्या होती है. मिश्री से तुंरत ही नाक से खून आना बंद हो जाता है. हालांकि यह समस्या गर्मी के मौसम में होती है.

मुंह के छालोंः

मुंह के छालों की समस्या से परेशान हैं तो मिश्री का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है. मिश्री को इलायची पाउडर के साथ पीस कर छालों वाले स्थान पर लगाने से छालों से राहत मिल सकती है.

हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर करता है- 

शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने से खून की कमी होती है, बिना कुछ किए थकान महसूस होती है, कमजोरी का एहसास होता है ,कई लोगों को चक्कर भी आते हैं, तो वहीं खून की कमी के कारण कुछ लोगों की रंगत पीली पड़ जाती है. लेकिन
मिश्री में इन सभी समस्याओं का समाधान छुपा है.
आप इसका उपयोग कड़वी दवाओं को निगलने के लिए कर सकते हैं। साथ ही नींबू जैसे फ्रेश ड्रिंक में मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह एक एनर्जी बूस्टर है और खांसी और गले की खराश से राहत दिलाने के साथ-साथ प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। डॉ. ने रॉक शुगर को ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी अच्छा बताया है।
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13.8.21

मूँगफली खाने के फायदे






ड्राई फ्रूट के मामले में मूंगफली एक ऐसा स्थान रखती है जो बड़ी आसानी से आपको कम से कम दाम में मिल जाती है। अन्य ड्राई फ्रूट के मुकाबले इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के पकवानों को बनाने में किया जाता है। जबकि मूंगफली का सेवन अगर रात में भिगोने के बाद सुबह उठकर किया जाए तो उसके कई बेहतरीन स्वास्थ्य फायदे देखने को मिल सकते हैं।

बॉडीबिल्डिंग में
बॉडीबिल्डिंग करने वाले पुरुषों को रोज सुबह उठने के बाद भीगी हुई मूंगफली का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। इसमें प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है जो बॉडीबिल्डर्स को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की पूर्ति करेगा, जिससे उन्हें बॉडीबिल्डिंग करने में काफी आसानी होगी। इसे आप स्प्राउट के रूप में सुबह-सुबह खा सकते हैं।
डायबिटीज के लिए मूंगफली के फायदे
मधुमेह से ग्रसित लोग मूंगफली को डायट में शामिल कर सकते हैं। इसका सेवन करने से डायबिटीज पेशेंट्स को बहुत फायदा पहुंच सकता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने मूंगफली को डायबिटीज सुपर-फूड का दर्जा दिया है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम, फाइबर और हार्ट हेल्दी ऑयल्स मौजूद होते हैं। ये ब्लड ग्लूकोज को अधिक प्रभावित नहीं करते हैं । वहीं, अगर मधुमेह में मूंगफली खाना नहीं चाहते, तो मूंगफली का घर पर पीनट बटर बनाकर भी डायट में शामिल कर सकते हैं। मूंगफली के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है । इसलिए, बेहिचक शुगर में मूंगफली खा सकते हैं।
मूंगफली खाने के फायदे डिप्रेशन के लिए- डिप्रेशन से बचाव और उपचार में मूंगफली का सेवन अच्छा होता है। मूंगफली में ट्रिपटोफान नामक एमिनोएसिड होता है। जो मूड सुधारने वाले हार्मोन सेरोटोनिन का स्राव बढ़ाता है। जिससे मूड अच्छा होता है और मन शांत होता है।
पिनट के फायदे वजन कम करने के लिए- मूंगफली में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में होते है। यह एनर्जी का अच्छा स्रोत भी हैं। अतः इसे खाने पर जल्दी भूख नहीं लगती। ये दोनों पोषक तत्व जो भूख को कम करती है। इसलिए भोजन के बीच में थोड़ी सी मूंगफली खाने से भूख कम लगती है। जिससे वजन कम करने मे मदद मिल सकती है। मूगंफली के रोज सेवन से जल्द ही वजन कम किया जा सकता है।
अल्जाइमर और दिमाग के लिए मूंगफली के फायदे
अल्जाइमर रोग दिमाग से संबंधित एक विकार है। इस बीमारी में व्यक्ति की याददाश्त प्रभावित हो जाती है । इस बीमारी से बचाव में मूंगफली के फायदे देखे गए हैं। दरअसल, मूंगफली में नियासिन की उच्च मात्रा होती है और यह विटामिन-ई का एक अच्छा स्रोत है। रिसर्च में इन दोनों तत्वों को अल्जाइमर रोग और उम्र के साथ दिमागी शक्ति में आने वाली गिरावट से बचाव में कारगर पाया गया है। इतना ही नहीं, मूंगफली में मौजूद रेसवेराट्रॉल, अल्जाइमर रोग और अन्य नर्व सिस्टम डिसआर्डर के लिए लाभदायक हो सकता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता हैं कि सींगदाना खाने के फायदे दिमाग और उससे जुड़ी समस्याओं से राहत दिला सकते हैं
मजबूत हड्डियां और ऊर्जा के लिए मूंगफली
पिनट खाने के फायदे मजबूत हड्डियां और ऊर्जा के लिए मूंगफली में आयरन और कैल्शियम की मात्रा, रक्‍त में ऑक्‍सीजन के प्रवाह और हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती है। यह आपके शरीर के विकास में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। मूंगफली में विटामिन,खनिज और एंटीऑक्‍सीडेंट के कारण शरीर को ऊर्जा मिलती है।

मूंगफली के फायदे सर्दी जुकाम के लिए मूंगफली सर्दी जुकाम के लिए फायदेमंद है। सर्दी के मौसम में मूंगफली खाने से आपका शरीर गर्म रहेगा। जो सर्दी जुकाम और खांसी के लिए उपयोगी है। 8.पिनट खाने के फायदे गर्भवास्था के लिए गर्भवती महिलाओ के लिए मूंगफली खाना फायदेमंद है। मूंगफली खाने से उनके गर्भ मे पल रहे बच्चे का विकास बेहतर ढंग से होता है। मूंगफली खाने के लाभ झुर्रियां हटाने के लिए
9. बढ़ती उम्र के लक्षणों को रोकने के लिए भी मूंगफली का सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों जैसे बारीक रेखाएं और झुर्रियों को बनने से रोकते हैं, मूंगफली खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।
कैंसर से बचाव के लिए मूंगफली खाने के फायदे
मूंगफली में पाए जाने वाले अनसैचुरेटड फैट्स, कुछ विटामिन, खनिज और बायोएक्टिव तत्व कैंसर विरोधी प्रभाव दिखा सकते हैं। विशेष रूप से, मूंगफली में मौजूद फाइटोस्टेरॉल कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है। साइंटिफिक रिसर्च ये कहती हैं कि मूंगफली के माध्यम से फाइटोस्टेरॉल का सेवन, प्रोस्टेट ट्यूमर के मामलों में 40 प्रतिशत और शरीर के अन्य भागों में फैलने वाले कैंसर की घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत कमी ला सकता है।
फाइटोस्टेरॉल की तरह, रेस्वेराट्रोल भी कैंसर से बचाव में सहायक हो सकता है, क्योंकि यह बढ़ते कैंसर के लिए रक्त की आपूर्ति रोक सकता है। मूंगफली में मौजूद ये दोनों तत्व कैंसर कोशिका को पनपने से रोक सकते हैं। इस आधार पर कहा जा सकता है कि मूंगफली और इससे बने उत्पाद,फेफड़े, पेट, ओवेरी, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर से बचाव में सहायक हो सकते हैं

हृदय रोग के लिए मूंगफली के फायदे

मूंगफली में मौजूद हेल्दी फैट्स, हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। वहीं, कई वैज्ञानिक अध्ययन इस बात की पुष्टि करते हैं कि संतुलित मात्रा में मूंगफली का सेवन फाइटोस्टेरॉल की अच्छी पूर्ति कर सकता है जिससे हृदय रोगों में कमी आ सकती है। हृदय रोगियों के लिए मूंगफली को इसीलिए लाभकारी कहा जाता है। मूंगफली में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड, प्लांट प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर आर्जिनिन और कई बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं और हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं साथ ही मूंगफली में रेस्वेराट्रोल (Resveratrol) नामक एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो कार्डियोवैस्कुलर रोगों के खतरे को कम कर सकता है । इस आधार पर कहा जा सकता हैं कि मूंगफली के फायदे दिल की सुरक्षा कर सकते हैं।
पिनट के फायदे डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मूंगफली खाने से डायबिटीज होने की आशंका घटती है। रोज एक संतुलित मात्रा में मूंगफली खाने से डायबिटीज होने की सम्भावना 21% कम होती है।मूंगफली में पाए जाने वाला मैंगनीज नामक तत्व ब्लड शुगर नियंत्रित करता है, शरीर में कैल्शियम को बढने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म तेज करता है।

हड्डियों/गठिया के लिए मूंगफली के फायदे

विज्ञान, हड्डियों और उनसे जुड़ी मांसपेशियों को सेहतमंद रखने में मैगनिशियम की बड़ी भूमिका बताता है। रिसर्च कहती हैं कि मैग्नीशियम, मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ  यानी हड्डियों और मसल्स को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर हो सकता है । मूंगफली में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है इसलिए मूंगफली का सेवन हड्डियों की सेहत के लिए अच्छा माना जा सकता है । एक चौथाई कप भुनी मूंगफली में 63 मिलीग्राम मैग्नीशियम पाया जाता है, जो कि दैनिक जरूरत का 15 प्रतिशत है । इसके अलावा, मूंगफली के नुकसान या किसी जोखिम का डर हो तो गठिया के रोगियों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। गठिया के रोगियों को मूंगफली को कितनी मात्रा में डायट में शामिल किया जाए इसे लेकर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

डिप्रेशन से बचाव में मूंगफली के फायदे

मूंगफली का सेवन डिप्रेशन की स्थिति में कुछ हद तक सुधार कर सकता है। पाठक यह बात अच्छी तरह जान चुके हैं कि मूंगफली में रेस्वेराट्रोल होता है। रिसर्च कहती है कि यह शक्तिशाली तत्व, एंटीडिप्रेसेंट (अवसाद कम करने वाला) दवा की तरह काम कर सकता है। रेस्वेराट्रोल का सेवन किया जाए, तो यह मस्तिष्क के हिस्सों और तंत्रिका मार्गों पर असर डाल सकता है। इसलिए, यह रेस्वेराट्रोल नामक पॉलीफेनोल, अवसाद के कई मामलों में फायदेमंद हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि यह रिसर्च चूहों पर की गयी है, इंसानों पर इसका प्रभाव जानने के लिए और शोध किए जाने की जरूरत है

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में मूंगफली के फायदे

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है, जो अंडाशय के बाहरी किनारों पर छोटी छोटी सिस्ट बना देता है, जिससे अंडाशय का आकार बढ़ जाता है। यह महिला प्रजनन तंत्र को प्रभावित करने के साथ और भी कई समस्या पैदा कर सकता है जैसे मोटापा, मुहांसे और अनचाहे बालों का उगना। खान-पान में सुधार लाकर और व्यायाम करके पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से निपटा जा सकता है। शोध ये कहते हैं कि पीसीओडी डाईट में भीगी हुई मूंगफली का सेवन किया जा सकता हैं । इसके अलावा मूंगफली में पाया जाने वाला रेस्वराट्राल भी ओवेरियन सिस्ट की स्थिति में सुधार ला सकता है|

तंत्रिका विकार से बचाव में मूंगफली के लाभ

मूंगफली खाने के फायदे तंत्रिका विकार से बचा सकते हैं। मूंगफली में रेस्वेराट्रोल और नियासिन की उचित मात्रा इसे नर्व हेल्थ यानी तंत्रिका तंत्र स्वास्थ्य के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ बनाती है । चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात पता चली है कि रेस्वेराट्रोल में न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव पाया जाता है यानी यह तंत्रिका तंत्र को सुचारू रखने में सहायक हो सकता है । वहीं, नियासिन यानी विटामिन-बी 3 का होना मूंगफली को और फायदेमंद बना सकता है क्योंकि न्यूरोनल (तंत्रिका संबंधी) स्वास्थ्य बढ़ाने में विटामिन बी-3 लाभ दे सकता है। इसलिए, कहा जा सकता हैं कि विटामिन की कमी से होने वाले तंत्रिका तंत्र विकार और मनोरोगों से सुरक्षा देने में मूंगफली कारगर हो सकती है

फर्टिलिटी बढ़ाने में सहायक है मूंगफली

मूंगफली खाने के फायदे में फर्टिलिटी का बढ़ना भी शामिल है, क्योंकि इसमें अर्जिनाइन पाया जाता है, जो पुरुष प्रजनन शक्ति में इजाफा कर सकता है। इसके अलावा, जिंक की कमी शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित करती है। मूंगफली जिंक का एक अच्छा स्रोत है, जो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद कर सकता है । मूंगफली महिलाओं की प्रजनन क्षमता को किस प्रकार प्रभावित करती है, इस पर अभी वैज्ञानिक शोध किया जा रहा है।

 गाल स्टोन होने पर मूंगफली के लाभ

पित्त की थैली में पथरी (गाल स्टोन) की शिकायत आजकल आम नजर आने लगी है। ऐसे में मूंगफली समेत अन्य नट्स लाभकारी हो सकते हैं। मूंगफली में कई स्वास्थ्यकारी तत्व होते हैं, जो पित्त की थैली में पथरी के जोखिम को कम कर सकते हैं। मूंगफली का सेवन करने से पथरी का जोखिम कम हो सकता है, जिससे पित्त की थैली के सर्जरी के मामलों में भी कमी आ सकती है । हालांकि, पित्त की थैली में पथरी से बचाव में सींगदाना खाने के फायदे कैसे काम करते हैं, इस पर अभी अधिक शोध की जरूरत है।

कोलेस्ट्राल कम करने में 

लो फैट डाइट की तुलना में मूंगफली और इसके उत्पाद (मक्खन और तेल) दिल की सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। शोध के अनुसार, इसमें उच्च मोनोअनसैचुरेटेड फैट होते हैं, जो कुल बॉडी कोलेस्ट्रॉल को 11 प्रतिशत और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को 14 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया है कि मूंगफली अच्छे कोलेस्ट्राल (HDL) को बनाए रखने का काम कर सकती है। मूंगफली के ये गुण कोलेस्ट्राल का संतुलन बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं । इसलिए, कोलेस्ट्राल कम करने में मूंगफली खाने के फायदे लिए जा सकते हैं लेकिन इसका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

वजन  कम कर सकती है मूंगफली

शेंगदाणा खाने के फायदे में वजन कम होना भी शामिल है। जैसा कि हम पहले बता चुके हैं कि मूंगफली एक प्रकार का नट है जिसमें हेल्दी फैट्स (मोनोअनसैचुरेटेड फैट) पाए जाते हैं, इसलिए इसे हेल्दी डायट का हिस्सा बना सकते हैं। जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं वो भी सीमित मात्रा में इसे डायट में शामिल कर सकते हैं। स्कूली बच्चों पर की गयी एक रिसर्च इस बात की पुष्टि करती है कि दो साल तक मूंगफली का सेवन करने के बाद ओवरवेट बच्चों के वजन में कमी पाई गयी। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि मूंगफली खाने के फायदे ये भी हैं कि यह इससे वजन बढ़ने का जोखिम न के बराबर हो सकता है|

मूंगफली के नुकसान

वैसे तो मूंगफली को सस्ता बादाम के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि मूंगफली के फायदे हमें बहुत सारी गंभीर बीमारियों से बचाते हैं, लेकिन सर्दियों के मौसम में मिलने वाली गर्मा गर्म मूंगफली के नुकसान भी होते हैं, जिनसे बचने के लिए हमें हमेशा एक सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। ये हैं मूंगफली के नुकसान.
1. मूंगफली के नुकसानके मुताबिक मूंगफली के ज्यादा सेवन करने से आपको त्वचा संबंधी एलर्जी हो सकती है।
2.  संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को मूंगफली का सेवन करना बेहद घातक साबित होता है। मूंगफली के ज्यादा सेवन से त्वचा, चेहरे और गले पर सूजन आ सकती है। 
3. मूंगफली के ज्यादा सेवन करने से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
4. मूंगफली के ज्यादा सेवन करने से कई बार सांस लेने में दिक्कत होती है। यही नहीं लगातार मूंगफली के सेवन से अस्थमा अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
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