17.1.22

मांसपेशियों मे खिंचाव और एंठन के उपचार:muscles cramps

 


कभी काम करते-करते, तो कभी खेलते या दौड़ते हुए और कभी यूं ही सामान्य अवस्था में अचानक मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। यह खिंचाव कुछ समय की पीड़ा भी हो सकती है और लंबी समस्या भी। जानिए इस बारे में और भी।

  मांसपेशियों का दर्द muscle spasms and cramps किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन तीस से चालीस वर्ष की आयुवर्ग के युवाओं में यह समस्‍या तेजी से बढ़ रही है। मांसपेशियों में जरूरत से ज्‍यादा दबाव पड़ने के कारण उनमें दर्द होता है।
  आजकल की व्‍यस्‍त और भाग-दौड़ भरी दिनचर्या में मांसपेशियों में दर्द muscle spasms and cramps एक आम समस्‍या बन गई है। । मांसपेशियों में जरूरत से ज्‍यादा दबाव पड़ने के कारण उनमें दर्द होता है। इसके कारण मात्र कुछ विशेष मांसपेशियों में दर्द होता हे जो काम करते समय या इसके बाद शुरू हो सकता है। कामकाजी युवक-युवतियों के इसकी चपेट में आने से कार्य क्षमता भी प्रभावित होती है। यहां ऐसे कुछ नुस्खे दिए जा रहे हैं, जिन्हें आजमाकर आपको दर्द से राहत मिल सकती है।
     पूरे शरीर में फैली मांसपेशियां शरीर की ताकत होती हैं। ये शरीर को मजबूती देने के साथ ही लचीलापन भी देती हैं। ऐसे में इनमें होने वाला खिंचाव पीड़ा muscle spasms and cramps के साथ ही बहुत बेचैनी भी पैदा कर देता है। मसल्स में खिंचाव का मतलब है मसल्स का जरूरत से ज्यादा खिंच जाना या फट जाना। ऐसा तब होता है जब मांसपेशियों का अत्यधिक प्रयोग लगातार किया जाए, उन्हें बहुत थका दिया जाए या गलत तरीके से मसल्स का उपयोग किया जाए।
 मांसपेशियों के खिंचाव muscle spasms and cramps की समस्या यूं किसी भी मसल में हो सकती है लेकिन मुख्यतौर पर यह लोअर बैक, कंधे, गर्दन तथा घुटने के पीछे की मसल्स में ज्यादा होती है। सामान्य खिंचाव में घरेलू इलाज जैसे बर्फ की सिकाई, गर्म सिकाव या साधारण सूजन दूर करने वाली दवाओं से आराम हो सकता है लेकिन गंभीर खिंचाव के केसेस में उचित इलाज की जरूरत हो सकती है। गंभीर केसेस में कई बार छोटी ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है।


मसल्स के खिंचने muscle spasms and cramps पर तेज दर्द के साथ ही कुछ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। इनमें शामिल हैं-
प्रभावित जगह पर सूजन
यदि किसी खुली चोट की वजह से मसल्स फटी या टूटी हैं तो खुला घाव नजर आन
त्वचा का लाल हो जाना या नील पड़ जाना
चलने-फिरने में कठिनाई आना
बेचैन करने वाला दर्द और आराम के दौरान भी दर्द का बने रहना
प्रभावित स्थान पर त्वचा के रंग का बदल जाना, अकड़न महसूस होना
मसल्स स्पाज्म यानी मांसपेशियों में ऐंठन
कमजोरी महसूस होना।
मिल सकता है आराम
साधारण मसल्स खिंचाव muscle spasms and cramps में जहां थोड़े आराम और इलाज से कुछ हफ्तों में लाभ मिल सकता है वहीं गंभीर मामलों में पर्याप्त इलाज के साथ लगभग कुछ महीनों का समय ठीक होने के लिए लग सकता है। इसलिए मसल्स में खिंचाव के बाद कुछ दिनों में सामान्य इलाज से लाभ न मिले तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। जितना जल्दी उपाय करेंगे तकलीफ उतनी ही जल्दी ठीक होगी।
थकान भरी शारीरिक गतिविधियों के बाद ऑक्सीजन की कमी से मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या हो सकती है। मांसपेशियों में खिंचाव के कारण वह सिकुड़ जाती हैं, जिससे उनमें रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता। और उनमें दर्द होने लगता है। लेकिन सही तरीके से दर्द वाले स्‍थान पर मालिश करने से रक्‍त प्रवाह में सुधार होता है और दर्द से राहत मिलती है।
ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं जैसे इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन मांसपेशियों में दर्द को दूर करने में आपकी मदद कर सकती हैं। इबुप्रोफेन नॉन-स्‍टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेंटरी दवा है, जो सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, क्रीम या औषधीय दर्द से राहत देने वाले पैच जैसे अर्निका, बेंगे, टाइगर बाम, सलोपस भी मांसपेशियों में दर्द से राहत दिलाने में कारगर होते हैं। अमेरिकन अकादमी आफ फैमिली फिजिशियन के डॉक्‍टरों की रिपोर्ट के अनुसार, ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक स्‍वस्‍थ वयस्‍कों में मांसपेशियों में दर्द और पीड़ा को दूर करने के लिए सु‍रक्षित होती है।
इन बातों पर करें गौर
नियमित व्यायाम या फिजिकल एक्टिविटी का नियम बनाए रखें। शरीर को जितना लचीला बनाए रखेंगे, मसल्स उतनी ही अच्छी स्थिति में रहेंगी
लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने, एक ही स्थिति में रहकर किसी काम को करने या किसी भी तरह से मांसपेशियों को आवश्यकता से अधिक थकाने से बचाना
व्यायाम करने से पहले वॉर्म अप जरूर करना
एकदम से बहुत ज्यादा व्यायाम न करना
सही पोषण न लेना
शरीर को एक्टिव बनाए रखना
पैरों को आराम देने और फिसलने से बचाने वाले फुटवेयर पहनें। कोशिश करें कि रोजमर्रा के जीवन में आरामदायक, कुशन वाले, बिना हील के जूते या फुटवेयर चुनें।
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