2.4.24

अनार के फल और पत्ते के हैरान करने वाले फायदे : Benefits of pomegranate fruits and leaves




  अनार हमारे देश में लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है और बड़े चाव से खाया भी जाता है। पारंपरिक तौर पर देशी नुस्खों में अनार कई तरह के रोगोपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। अनार के फलों के अलावा इसके पेड़ के लगभग सभी अंग औषधीय गुणों से भरपूर हैं। वैसे कई ग्रामीण अंचलों में इसके फलों की अपेक्षा इसकी कच्ची कली और छिलके में अधिक औषधीय गुण होने की बात की जाती है। आदिवासी भी अनार को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाते हैं।
अनार का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। अनार पोषक तत्वों से भरपूर फल है, इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है। अनार में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। शरीर में खून की कमी को दूर करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, दिल को स्वस्थ रखने के साथ ही कैंसर जैसे गंभीर रोगों के जोखिम को करने के लिए अनार बहुत फायदेमंद है। साथ ही अनार का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए भी स्वस्थ माना जाता है, क्योंकि अनार खाने से ब्लड शुगर में स्पाइक नहीं होती है और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।ॉ

क्या कहता है पारंपरिक हर्बल ज्ञान?

ऐसा माना जाता है कि अनार के सेवन से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है और इसी वजह से यह हृदय के लिए भी खूब लाभदायक होता है। प्रतिदिन एक गिलास अनार का जूस पीने से सेहत तंदुरुस्त रहती है।

गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि

आदिवासियों की मान्यता के अनुसार जिन महिलाओं को मातृत्व प्राप्ति की इच्छा हो, अनार की कलियां उनके लिए वरदान की तरह है। इन आदिवासियों के अनुसार अनार की ताजी, कोमल कलियां पीसकर पानी में मिलाकर, छानकर पीने से महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि होती है।

मुंह के छालों में

लगभग 10 ग्राम अनार के पत्तों को आधा लीटर पानी में उबालें, जब यह एक चौथाई शेष बचे तो इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छालों में लाभ होता है।

मिरगी के रोग में

लगभग 100 ग्राम अनार के हरे पत्तों को 500 ग्राम पानी में उबालें। जब चौथाई पानी रह जाए, तो इसे छानकर 75 ग्राम घी और 75 ग्राम शक्कर मिलाएं। इसे सुबह-शाम पीने से मिरगी के रोग में खूब फायदा होता है।
अनार का इस्तेमाल कर गंजेपन का इलाज

बालों के झड़ने, या गंजेपन की समस्या में अनार के ताजे हरे पत्तों का रस लें। इसमें 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इससे बालों पर लगाएं। इससे बालों झड़ना रुक जाता है, गंजेपन की समस्या दूर होती है।

दांतों से खून आना बंद

पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लिए जाए और इसे मंजन की तरह दिन में २ से 3 बार इस्तेमाल किया जाए तो दांतों से खून आना बंद होकरदांत मजबूत हो जाते हैं।

अनार के पत्ते

अनार के पत्ते इम्यूनिटी को बढ़ाने और खांसी-जुकाम का इलाज करने में मदद करते हैं। अगर आप या कोई भी सदस्य सर्दी-खांसी से पीड़ित है तो अनार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिए। इसके लिए आपको अनार के पत्तों को अच्छे से धोकर पानी में उबालना है। इस पानी को दिन में दो बार पिएं। यह खांसी से राहत दिलाते हुए आपके गले में मौजूद संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। साथ ही अनार में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और इसमें विटामिन सी होता है।
अनार के सेवन से एनीमिया और पीलिया में फायदा एनीमिया, और पीलिया रोग के उपचार के लिए 250 मिली अनार के रस में, 750 ग्राम चीनी मिलाकर चाशनी बना लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया में फायदा होता है।

थकान, और कमजोरी

अनेक लोगों को थकान, और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसे लोग 20 ग्राम अनार के ताजे पत्ते लेकर, 400 मिली पानी में उबाल लें। जब पानी 100 मिली शेष रह जाएं, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। इससे शारीरिक, और मानसिक कमजोरी ठीक (pomegranate benefits) होती है।

एनीमिया और पीलिया 

एनीमिया और पीलिया रोग से ग्रस्त लोग 3-6 ग्राम अनार के पत्ते को छाया में सुखा लें। इस चूर्ण को सुबह गाय के दूध से बने छाछ के साथ पिएं। इसी तरह शाम को इसी छाछ के साथ पनीर का सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया रोग में फायदा होता है।

चेहरे पर होने वाले पिंपल्स

अनार के पत्ते आपको फफोले, चेहरे पर होने वाले पिंपल्स से जल्दी छुटकारा दिला सकते हैं। अगर आप अनार के पत्तों का पेस्ट लगाते हैं तो पिंपल्स दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि अनार का जूस एक बेहतरीन टोनर भी है, जो रोमछिद्रों यानी पोर्स को बंद कर आपकी त्वचा को खूबसूरत बनाता है।


अनार का प्रयोग कर बच्चों की दस्त पर रोक

जिस बच्चे को बार-बार दस्त की शिकायत होती है, उसके लिए अनार की ताजी कलियां ले, इसे छोटी इलायची के बीज, और रुमीमस्तगी केक साथ पीस लें। इसमें चीनी मिलाकर पेस्ट जैसा तैयार कर लें। इसे चटाने से बच्चों के दस्त, और पेचिश में विशेष लाभ होता है।

अनिद्रा के इलाज के लिए

अनार के पत्ते अनिद्रा के इलाज के लिए उपयोगी जड़ी-बूटी हैं। लगभग 3 ग्राम ताजे अनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर 200 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। इस पानी को तब तक उबालें जब तक कि तरल घटकर 50 मिली न हो जाए। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले पिएं। इससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी। अनार के पत्ते इस तरह से अनिद्रा का इलाज कर आपको स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं।

सीने में जलन से छुटकारा दिलाता है

अनार के जूस का पीने से हार्ट बर्न या सीने में जलन की समस्या में बहुत फायदा मिल सकता है। आप अनार का सीधे तौर पर सेवन भी कर सकते हैं। अनार पेट में गैस बनने से रोकता है। अनार शरीर में पित्त को संतुलित करने में मददगार है, क्योंकि अनार स्वाद में कड़वा होने के साथ ही कसैला भी होता है।

पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद

अनार के पत्ते पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होते हैं। अगर आप पेट दर्द और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो अनार के पत्तों का सेवन औषधि के रूप में किया जा सकता है। इनमें मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स पाचन को सही करने में मदद करते हैं, जिससे आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है, साथ ही यह अपच और दस्त की परेशानी भी दूर हो जाती है।

आंत से संबंधित रोगों में फायदेमंद है

अनार का रस पीने पीने से इर्रिटेबल बाउल डिजीज (Irritable Bowel Disease) की समस्या में बहुत फायदा मिल सकता है। अनार के रस में पॉलीफेनोल यौगिक मौजूद होते हैं जो आंत में सूजन को कम करने में मदद करते हैं और आंत से संबंधित रोगों से छुटकारा प्रदान करने में मदद करते हैं।

पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद है

जब आप नमक वाले आहार का अधिक सेवन करते हैं तो इससे वॉटर रिटेंशन होता है, साथ ही ब्लोटिंग की समस्या होती है। अनार मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है जिससे यह यूरिन के फ्लो को बढ़ाता है। यह सूजन को कम करने में मदद करता है और ब्लोटिंग से छुटकारा दिलाता है।


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