13.12.23

चीकू फल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं ,जानिए इसके ख़ास फायदे

 



  हर फल की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से उसे पसंद किया जाता है। ऐसे ही फलों में सपोटा यानी चीकू का नाम भी शुमार है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है।
चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ध्यान दें कि चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है
सेहत/स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे

वजन नियंत्रण:

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और अपना वजन वजन नियंत्रण करना चाहते हैं तो आपकेे लिए चूकी फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि चीकू का फल गैस्ट्रिक एंजाइम एवं मेटाबॉलिज्म नियंत्रित होते हैं। इसके साथ ही चीकू में प्रचूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको लम्बे समय तक भूखे रहने की क्षमता देता है और भूख लगने से बचाता है। इस कारण आप अधिक भोजन खाने से बच जाते हैं और आपका वजन नियंत्रित रहता है।

कैंसर:

लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। हाल ही में किए गये शोध के मुताबिक चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। इससे संबंधित एक शोध के मुताबिक चीकू के मेथनॉलिक अर्क में कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के गुण पाए गये हैं। रिसर्च के मुताबिक चीकू का सेवन न करने वाले चूहों के मुकाबले इसका सेवन करने वालों के जीवन में 3 गुना वृद्धि हुई और ट्यूमर की बढ़ने की गति भी धीमी पाई गयी (। वहीं, चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है। फिलहाल, इंसानों पर इसके प्रभाव जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैंसर एक गंभीर रोग है और इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो घरेलू उपचार की जगह डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता देना एक अच्छा फैसला है।

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप चीकू का प्रयोग कर सकते हैं। चीकू में पाया जाने वाला विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है। इसके साथ ही यह शरीर में होने वाले कमजोरी को दूर करता है और आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है

पाचन और कब्ज:

पाचन क्रिया में सुधार के लिए फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता है, इसलिए माना जाता है कि चीकू खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। चीकू के फल को पानी में उबालकर पीने से डायरिया भी ठीक हो सकता है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins- प्लांट यौगिक) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन (Esophagitis), छोटी आंत में होने वाली सूजन (Enteritis), इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है

सर्दी और जुखाम:

चीकू के फायदे में खांसी-जुखाम से बचाव भी शामिल है। यह कफ और बलगम को नाक की नली (Nasal Passage) और श्वसन पथ (Respiratory Tract) से हटाकर सीने की जकड़न और क्रॉनिक कफ से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई (National Center For Biotechnology Information) पर छपे एक शोध के मुताबिक उपचार की पारंपरिक प्रणाली में सपोडिला यानी चीकू की पत्तियों का उपयोग भी सर्दी और खांसी के लिए किया जाता रहा है । ऐसे में माना जाता है कि इसकी पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीने से सर्दी और खांसी से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सपोटा और इसकी पत्तियों में मौजूद कौन सा केमिकल कंपाउंड सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में मदद करता है। वैसे यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी प्रदर्शित करता है । ये गुण कुछ हद तक सर्दी-जुखाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।

आंखों के लिए -

चीकू में विटामिन ए होता है, जो आंखों के लिए अच्छा होता है। आप हेल्दी आंखों की रोशनी के लिए इसे खा सकते हैं ये आई इंफेक्शन को भी रोक सकते हैं।

टूथ कैविटी:

दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। साथ ही इस पर किए गए शोध में जिक्र मिलता है कि सपोडिला (चीकू) फल में पाए जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है

स्वस्थ हड्डियों के लिए चीकू के फायदे:

हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं

किडनी स्टोन के लिए चीकू के फायदे:

गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। दरअसल, इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है

एंटी-इंफ्लामेटरी:

टैनिन की उच्च मात्रा की वजह से चीकू एंटी-इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। यह आंत संबंधी समस्या, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह प्रभाव सूजन व एडिमा से बचाव यानी शरीर के किसी भी हिस्से में तरल पदार्थ व द्रव इकट्ठा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह इंफ्लामेशन से संबंधित अन्य रोग से भी राहत दिलाने और बचाव करने में फायदेमंद साबित हो सकता है । इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले रोग में गठिया (Arthritis), ल्यूपस ( जब इम्यून सिस्टम खुद स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे जोड़ों, किडनी, हार्ट और कई हिस्सों पर असर पड़ता है), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की अक्षमता) जैसी बीमारियां शामिल हैं

स्किन के लिए अच्छा:

चीकू में मौजूद विटामिन C कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है. इस फल को खाने से झुर्रियों को जल्दी आने से रोका जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एस्कॉर्बिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.

रक्तचाप:

सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है

प्रेगनेंसी:

कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है

एलर्जी-

चीकू खाने से एलर्जी की परेशानी होना एक आम समस्या है. इसमें टैनिन और लेटेक्स जैसे केमिकल होते हैं जो एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं. अगर आपको चीकू खाने से शरीर में किसी भी तरह का बदलाव नजर आता है तो आप इसका सेवन न करें.

झुर्रिया और एंटी-एजिंग:

झुर्रिया को बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। कई बार त्वचा का ख्याल न रखने की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लग जाती हैं। यही वजह है कि लोग कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। अगर घरेलू उपचार की बात की जाए तो चीकू एक फायदेमंद विकल्प के रूप में काम कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव के साथ ही पॉलीफेनोल और फ्लेवोनॉयड कंपाउंड होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं । इसलिए चीकू को हैप्पी फूड भी कहा जाता है।

नुकसान-

डायबिटीज-

डायबिटीज रोगियों को चीकू का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, यदि शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो चीकू के सेवन से बचना चाहिए. इससे शुगर लेवल और बढ़ सकता है.

स्वाद में बदलाव-

कच्चा चीकू फल खाने से मुंह का स्वाद कड़वा हो सकता है. क्योंकि इसमें लेटेक्स और टैनिन की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो मुंह के स्वाद को कड़वा बना सकते हैं.

पेट दर्द की समस्या -

कई बार चीकू (Chikoo) के सेवन से व्यक्ति को पेट में दर्द हो सकता है। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर होता है, ऐसे में किसी भी चीज को ज्यादा खाने से परेशानी हो सकती है।

चीकू न खाएं-

रात में आपको चीकू भी नहीं खाना चाहिए. चीकू में शुगर की मात्रा काफी होती है. इससे शरीर में शुगर और एनर्जी का लेवल बढ़ जाता है और आपको नींद आने में परेशानी हो सकती है.

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