20.9.23

कान बहने (Ear Discharge)के उपयोगी उपचार

 




कान का बहना अक्सर कई लोगों को परेशान करता है. इसका मतलब होता है कान से एक प्रकार के तरल पदार्थ का रिसाव होना. इसे चिकित्सीय भाषा में ओटोरिया कहा जाता है. अधिकांश मामलों में इसकी वजह आपके कान में मौजूद वैक्स होती है. आपको बता दें कि वैक्स का काम यह सुनिश्चित करना है कि धूल, बैक्टीरिया या अन्य पदार्थ आपके कान में न जा पाएं. हालांकि, कुछ अन्य स्थितियों, जैसे कि कान के परदे के फटने से आपके कान से रक्त या अन्य तरल पदार्थों का रिसाव भी हो सकता है. इससे यह पता लगता है की आपके कान में इंजरी है या इन्फेक्शन है और आपको शीघ्र ही मेडिकल हेल्प लेने की जरुरत पड़ सकती है. कान से लीकेज सामान्य, खूनी और सफेद हो सकता है, जैसे मवाद. रिसाव के कारणों पर निर्भर करते हुए, लोगों को कान में दर्द, बुखार, खुजली, वर्टिगो, कान बजना और सुनाई देना बंद होना हो सकता है
कान में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें कान में पानी चला जाना, कान में कुछ कीट चले जाना, संक्रमण इत्यादि हो सकते हैं। लेकिन कई बार कान में दर्द के साथ-साथ मवाद भी निकलना शुरू (kaan se mawad aana) हो जाता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टरी सलाह की जरूरत होती है, ताकि कान में होने वाली परेशानी का जल्द से जल्द इलाज किया जा सके। इसके साथ ही आप कान में मवाद निकलने की परेशानी का इलाज कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी (kaan me pas ka ilaj) कर सकते हैं। 
कान के बहने का उपचार कारण पर निर्भर होता है. जिन लोगों के कान के परदे में बड़े छेद होते हैं, उन्हें कान से पानी को दूर रखने की सलाह दी जाती है. पानी को कान से बाहर रखने के लिए, रुई पर पेट्रोलियम जेली लगाएं और कान में रख लें. डॉक्टर भी आपके लिए सिलिकॉन के डाट बना सकते हैं और कान में लगा सकते हैं.
कान से पस की परेशानी को दूर करने के लिए आप कुछ असरदार नुस्खों का सहारा ले सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में-


लहसुन और सरसों का तेल

लहसुन और सरसों तेल की जोड़ी आपको कई तरह की परेशानियों से राहत दिलाने में प्रभावी होती है। मुख्य रूप से अगर आप कान में पस की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो यह आपके लिए दवा के समान है। इसका प्रयोग करने के लिए 2 चम्मच सरसों तेल लें। अब इसमें 4 से 5 लहसुन की कलियों को छीलकर डालें और तेल को गर्म करें। इसके बाद तेल को ठंडा करें, जब तेल हल्का गुनगुना रह जाए तो इसकी कुछ बूदों को कान में डालें। कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से कान से मवाद या पस निकलना बंद हो सकता है।

तुलसी का रस है उपयोगी 

कान से पस या फिर मवाद निकलने की परेशानी को दूर करने के लिए आप तुलसी के रस का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए 10 से 15 तुलसी की पत्तियां लें। अब इन पत्तियों को अच्छी तरह से कुचल लें। इसके बाद इससे रस निकाल लें। अब इस रस को अपने कान में दिन में दो बार डालें। इससे आपको दर्द से भी आराम मिलेगा। साथ ही पस निकलने की परेशानी भी दूर हो सकती है।

पुदीने की पत्तियों का रस

कान से दर्द या फिर पस निकलने की परेशानी को दूर करने के लिए आप पुदीने की पत्तियों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए पुदीने की पत्तियों को मसलकर इसका रस निकाल लें। इसके बाद इसकी 2 से 3 बूंदों को अपने कान में डालें। रोजाना इस तरह पुदीने की पत्तियों का रस कान में डालने से आप पस निकलने की परेशानी को दूर कर सकते हैं।

कान बहने के अन्य घरेलु उपचार 

माजूफल को कूटकर सिरके में उबाल कर फ़िल्टर कर लें, इसे कान में डालने से कान बहना बंद हो जाता है.
तिल का तेल 1 भाग और हुलहुल का रस 4 भाग मिलाकर आग पर तब तक पकाएं, जब तक कि तेल आधा ना रह जाए. फिर इसे छानकर कान में डाल लें. इस उपाय से कान का बहना बंद हो जाता है.
किसी बर्तन में 60 ग्राम सरसों का तेल गर्म करें, इसमें 4 ग्राम वैक्स डाल दें. जब वैक्स पिघल जाय, तब आग से उतार लें, फिर इसमें 8 ग्राम पिसी हुई फिटकरी डाल दें. अगर किसी भी अन्य दवा से कान का बहना बंद न हुआ तो इस उपाय को आजमाएं.
1 ग्राम हरताल बर्कीय को पिसकर 50 ग्राम सरसों के तेल में इतना पकाएं कि धुआँ निकलने लगे, फिर इसे छानकर कान में डालने से कान का बहना 2-3 दिन में रुक जाएगा.
मेथीदाना को दूध में भिगाकर पीस लें, इसके बाद इसे हल्का गरम करके कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है.
सूरजमुखी के पत्तों का रस तेल में मिलाकर कान में डालने से कान का बहना रुक जाता है.
नीम के तेल में रुई भिगोकर कान में रखने से कान का बहना बंद हो सकता है.
चुने के पानी में उतना ही दूध मिलाकर पिचकारी देने से कान का बहना रुक जाता है.

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