18.4.23

कौन सी जड़ी बूटियाँ हाई ब्लड प्रेशर में उपयोगी हैं?,Herbs used in High Blood Pressure




उच्च रक्तचाप क्या है?

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप, धमनी की दीवारों के खिलाफ रक्त प्रवाह द्वारा लगाए गए दबाव की मात्रा है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप का निदान किया जाता है, तो इसका मतलब है कि उसके संचार तंत्र (धमनियों) की दीवारों पर लगातार बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है। हृदय एक पेशीय अंग है जो हमारे पूरे शरीर में रक्त को तब तक पंप करता रहता है जब तक हम जीवित हैं।
ऑक्सीजन की कमी वाले रक्त को हृदय की ओर पंप किया जाता है, जहां इसकी ऑक्सीजन सामग्री को फिर से भर दिया जाता है। फिर से ऑक्सीजन युक्त रक्त को पूरे शरीर में हृदय द्वारा पंप किया जाता है ताकि हमारी चयापचय गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों और कोशिकाओं को महत्वपूर्ण पोषक तत्व और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। रक्त का यह पम्पिंग बनाता है- रक्तचाप।
   निम्न जड़ी बूटियां उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है-

अजवायन

अजवायन भी आमतौर पर हम सब के घरों में मौजूद होती है। अधिकतर मसालों के साथ इसका भी उपयोग भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। यह प्राकृतिक हर्ब ना सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि कई बीमारियों का अचूक उपाय भी है। अजवायन आयरन,मैग्नीशियम, मैंगनीज़, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होती है। जानकार मानते हैं कि अजवायन के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।
लहसुन

लहसुन के सेवन के एक नहीं बल्कि कई फायदे हैं। इसे पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। इसके सेवन से हाई कोल्स्ट्राल में कमी आती है।गैस की समस्या दूर हो सकती है। इसमें मौजूद विभिन्न यौगिक आपके दिल को फायदा पहुंचा सकते है। लहसुन में एलिसिन जैसे सल्फर यौगिक होते हैं, जो रक्त के प्रवाह को बढ़ाने और रक्त वाहिकाओं को आराम देने में मदद कर सकते हैं।
शोध बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों ने लहसुन का सेवन किया तो उनका रक्तचाप काफी हद तक नियंत्रित हो गया।

तुलसी

अधिकतर घरों में तुलसी का पौधा लगा होता है । तुलसी में अनेक लाभकारी गुण होते हैं जो कई बीमारियों को दूर भगाने के काम आ सकते हैं। यह वैकल्पिक चिकित्सा में भी काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसमें कई शक्तिशाली तत्व होते हैं। तुलसी में यूजेनॉल की मात्रा अधिक होती है। दरअसल यूजेनॉल एक प्राकृतिक कैल्शियम चैनल ब्लॉकर के रूप में काम करके ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है।
कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स हृदय और धमनियों की कोशिकाओं में कैल्शियम की गति को रोकते हैं, जिससे रक्त वाहिकाओं को आराम मिलता है

थाइम

थाइम एक ऐसी स्वादिष्ट जड़ी बूटी है जिसका व्यंजनों में काफी इस्तेमाल किया जाता है। थाइम में कई ऐसे यौगिक होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। मुख्य रूप से इसमें मौजूद रोज़मैरिनिक एसिड काफी प्रभावशाली होता है।ये शरीर की सूजन और ब्लड शुगर के साथ ही रक्त प्रवाह में वृद्धि करता है। यह रक्तचाप को कम करने में भी काफी मदद कर सकता है।
थाइम के इस्तेमाल से हृदय रोग से जुड़ी समस्याएं जैसे कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और हाई ब्लड प्रेशर सब में कमी आती है।

अदरक

अदरक अविश्वसनीय रूप से आयुर्वेदिक गुणों की खान है।प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में किया जाता रहा है। इनमें से एक है हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना।कई शोध बताते हैं कि अदरक का सेवन रक्तचाप को कई तरह से कम करता है। यह एक प्राकृतिक कैल्शियम चैनल अवरोधक औऱ एसीई इनहिबिटर के रूप में कार्य करता है।
रक्तचाप की दवाओं में भी कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और एसीई इनहिबिटर मौजूद होते हैं। इसलिए खाने में या चाय में अदरक का इस्तेमाल करने से काफी लाभ होता है।

अलसी

अलसी ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर होती है जो हृदय के लिए बहुत लाभदायक है। यह कई रोगों के उपचार में मदद कर सकती है। इनमें शरीर में सूजन, आंतों के रोग, गठिया ,शुगर इत्यादि शामिल हैं।जानकार बताते हैं कि ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर आहार हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में को लिए प्रभावशाली है। अलसी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके एथेरोस्क्लोरोटिक हृदय रोग से बचा सकती है।
नियमित रूप से करीब 15 से 50 ग्राम तक पिसी हुई अलसी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।

दालचीनी

भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले खुशबूदार मसालों में दालचीनी भी एक है। पुराने समय से ही इसका इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा में उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के इलाज के लिए किया जाता रहा है।इसके सेवन से रक्त वाहिकाओं को फैलने और आराम करने में मदद मिलती है।इसके कारण ना सिर्फ यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है बल्कि ब्लड शुगर के स्तर पर भी असरदार है।

इलायची

इलायची भी एक स्वादिष्ट मसाला है जिसमें थोड़ा मीठा, तीखा स्वाद होता है। यह विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में कारगर है। जानकारों का मानना है कि रोजाना करीब 3 ग्राम इलायची पाउडर लेने से रक्तचाप में काफी कमी आ सकती है और रक्तचाप सामान्य सीमा तक पहुंचाया जा सकता है।
इलायची में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और डाईयूरेटिक के गुण होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं। इलायची का इस्तेमाल व्यंजनों में कर के आप आसानी से इसका सेवन कर सकते हैं।

ब्राह्मी

ब्राह्मी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो आपके शरीर के कई अंगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। आयुर्वेद के जानकार मानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए काफी समय से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है।
आंवला

आंवला एक सुपरफूड माना जाता है जो रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके उच्च रक्तचाप को कम करने में भी मदद करता है। दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों को सुबह खाली पेट कच्चा आंवला खाने की सलाह दी जाती है। आप चाहे तो बाज़ार में उपलब्ध आंवले के जूस का सेवन भी कर सकते हैं।

तिल


तिल के बीज भी काफी अधिक गुणों वाले होते हैं। इनमें कैल्शियम की अत्यधिक मात्रा होती है।इसके अलाव ये विटामिन ई से भरपूर होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। शोध बताते हैं कि तिल से बनी चीज़ें या तिल का तेल खाने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है।

कस्टर्ड एप्पल या शरीफा

शरीफा एक मौसमी फल होता है जो सर्दियों की शुरुआत में मिलता है।इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन के लिए अचूक तरीका माने जाते हैं।

उच्च रक्तचाप के लिए किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए?

हम जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वे हमारे रक्तचाप को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं। हालांकि, कुछ खाने की आदतें हैं जिनका पालन करके हम आपके रक्तचाप को कम कर सकते हैं जो इस प्रकार है:ऐसे भोजन का सेवन जिसमें वसा, नमक और कैलोरी की मात्रा कम हो।
चिकन, त्वचा रहित टर्की और दुबले मांस का सेवन।
मलाई रहित दूध, दही और ग्रीक योगर्ट को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
ताजे फल और सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
अन्य खाद्य पदार्थ जैसे सादा चावल, पास्ता, आलू की रोटी आदि।
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